10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी, रजिस्ट्रेशन काउंटर में ताले की वजह से नहीं कटा मरीजों का पर्चा

पटना के पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टर के हड़ताल के कारण राज्य के अलग-अलग जिलों से यहां इलाज के लिए आने वाले बच्चे-बुजुर्गों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. रजिस्ट्रेशन नहीं होने की वजह से खासकर गरीब मरीजों की परेशानी बढ़ गयी है.

पटना के पीएमसीएच अस्पताल के इंटर्न डॉक्टरों ने तीसरे दिन भी हड़ताल जारी रखा. आक्रोशित डॉक्टरों ने बुधवार को रजिस्ट्रेशन काउंटर में ताला जड़ दिया. इससे एक भी मरीजों का पर्चा नहीं कटा. अस्पताल के अधीक्षक समेत अन्य सीनियर डॉक्टर कोशिश भी करते रहे लेकिन डॉक्टर नहीं माने. लगभग दो हजार से ज्यादा मरीजों का पर्ची तक नहीं कट पाया. गंभीर अवस्था में पहुंचने वाले मरीज का इमरजेंसी में पर्ची काट कर इलाज किया गया. सुबह 8:30 से दोपहर 2 बजे तक डॉक्टर अनशन पर बैठे रहे. डॉक्टर के हड़ताल के कारण राज्य के अलग-अलग जिलों से यहां इलाज के लिए आने वाले बच्चे-बुजुर्गों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.

बिना पर्चे का 350 पुराने व नये मरीजों का हुआ इलाज

रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद होने से नाराज मरीज व उनके परिजनों ने जमकर हंगामा किया. बाद में अधीक्षक के निर्देश पर करीब 350 पुराने व नये मरीजों का इलाज सीनियर व जूनियर डॉक्टरों की मौजूदगी में ओपीडी में किया गया. खास बात तो यह है कि लाचार पड़े मरीजों के सामने ही इंटर्न डॉक्टर नारेबाजी व प्रोस्टेट मार्च निकाल रहे थे लेकिन मरीजों की लाचारी पर उनको दया तक नहीं आयी. मरीज व उनके परिजन रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पर्चा काटने की गुहार लगाते रहे.

स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग

आंदोलनकारी इंटर्न डॉक्टरों ने बताया कि 2017 के बाद से इंटर्न डॉक्टरों का स्टाइपेंड नहीं बढ़ा है. जबकि आइजीआइएमएस व एम्स में इंटर्न डॉक्टरों को 30 से 35 हजार रुपये प्रति माह मानदेय के रूप में मिलती है. आइजीआइएमएस, एम्स और पीएमसीएच में सामान्य काम है तो वेतन भी सामान्य होनी चाहिए. डॉक्टरों ने बताया कि पीएमसीएच, एनएमसीएच, भागलपुर मेडिकल कॉलेज, मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज दरभंगा मेडिकल कॉलेज में काम करने वाले इंटर्न डॉक्टरों को महज 15 हजार रुपये स्टाइपेंड के तौर पर मिलती है जबकि दैनिक मजदूर भी इससे अधिक रुपये कमाते हैं. जब तक उनकी मांग पर विचार नहीं किया गया तो आंदोलन जारी रहेगा.

बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक इलाज के लिए कर रहे डॉक्टर का इंतजार

रजिस्ट्रेशन नहीं होने की वजह से खासकर गरीब मरीजों की परेशानी बढ़ गयी है. आलम यह है कि दूर दराज से आये कुछ बुजुर्ग व बच्चे पीएमसीएच परिसर में इंतजार कर रहे हैं. इन मरीजों का कहना है कि अगर रजिस्ट्रेशन होगा तो पैथोलॉजी जांच भी नि:शुल्क होगी व दवाएं आदि भी अस्पताल से ही मिल जायेगा. वहीं परिसर में दो दिन से बैठे जमुई जिले के 70 साल के हरि प्रसाद ने कहा कि वे दर्द से परेशान हैं. बेहतर इलाज के लिए वह पीएमसीएच आएं हैं. काउंटर बंद होने की वजह से दो दिन से उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है.

Also Read: राजद नेता सुनील सिंह कौन हैं जिनके ठिकानों CBI कर रही छापेमारी, राबड़ी भी बांधती हैं राखी
ताला खोलवाने के लिए मजिस्ट्रेट को लिखा पत्र

पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने कहा की मरीजों को कोई परेशानी नहीं हो इसलिए मैं खुद ओपीडी में अपनी मौजूदगी में 350 से अधिक मरीजों का बिना रजिस्ट्रेशन के इलाज कराया. वहीं काउंटर में इंटर्न डॉक्टरों ने ताला लगा दिया है. लाख कोशिश के बाद भी उन्होंने ताला नहीं खोला. ऐसे में मजिस्ट्रेट को ताला खोलने के लिए पत्र लिखा गया है, ताकि रजिस्ट्रेशन के बाद मरीजों का इलाज हो सके.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें