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वीमेंस कॉलेज की छात्राएं स्लम के बच्चों को दे रही कंप्यूटर की शिक्षा, मास कम्यूनिकेशन विभाग की ओर से हुई पहल

पटना वीमेंस कॉलेज ना सिर्फ अच्छी तालिम देने के लिए जाना जाता है बल्कि कई सारे कम्यूनिटी सर्विसेस में अपना योगदान भी करता है. चाहें आइसीडब्ल्यूए की ओर से स्लम के बच्चों को पढ़ाना हो या फिर रिमांड होम के बच्चों को शिक्षित करना इनमें यहां की छात्राओं की भागीदारी शामिल हैं. ऐसे में मास कम्यूनिकेशन विभाग की सेमेस्टर सिक्स की छात्राएं इसी महीने से स्लम के बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा देना शुरू किया है. वे रोजाना एक घंटे के लिए 50 से ज्यादा स्टूडेंट्स को पढ़ा रही हैं. पहले बैच में विभाग की 26 छात्राओं को जिम्मेदारी दी गयी है. वहीं एक महीने के इस कोर्स के बाद मार्च में अन्य 26 छात्राएं इसकी कमान संभालेंगी. यह कोर्स लगातार जारी रहेगा.

पटना वीमेंस कॉलेज ना सिर्फ अच्छी तालिम देने के लिए जाना जाता है बल्कि कई सारे कम्यूनिटी सर्विसेस में अपना योगदान भी करता है. चाहें आइसीडब्ल्यूए की ओर से स्लम के बच्चों को पढ़ाना हो या फिर रिमांड होम के बच्चों को शिक्षित करना इनमें यहां की छात्राओं की भागीदारी शामिल हैं. ऐसे में मास कम्यूनिकेशन विभाग की सेमेस्टर सिक्स की छात्राएं इसी महीने से स्लम के बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा देना शुरू किया है. वे रोजाना एक घंटे के लिए 50 से ज्यादा स्टूडेंट्स को पढ़ा रही हैं. पहले बैच में विभाग की 26 छात्राओं को जिम्मेदारी दी गयी है. वहीं एक महीने के इस कोर्स के बाद मार्च में अन्य 26 छात्राएं इसकी कमान संभालेंगी. यह कोर्स लगातार जारी रहेगा.

विभागाध्यक्ष मिनती चकलानविस बताती हैं कि सीबीसीएस सिलेबस के बेसिस पर छात्राओं को कम्यूनिटी सार्विसेस में अपना योगदान देना है. इसके लिए छात्राओं को चार क्रेडिट मिलेंगे. हमारा विभाग मास को कम्यूनिकेट करने का प्रतीक है ऐसे में छात्राओं ने स्लम के बच्चों को कंप्यूटर सिखाने की जिम्मेदारी ली. इसमें छोटे बच्चों में तीसरी, चौथी क्लास वहीं सीनियर में 9वीं और 10वीं के बच्चे शामिल है.छात्राएं वन टू वन के तर्ज पर बच्चों को पढ़ाती हैं.

यहां पढ़ाने वाली हर छात्रा के पास लैपटॉप है और वे इसी से बच्चों को पढ़ाती है. पहली बार इस विभाग की छात्राएं ऐसा कुछ कर रही है. शुरुआत में कुछ छात्राएं नर्वस हुई लेकिन हमने उनका कॉन्फिडेंस बढ़ाया और वे आज काफी अच्छे से बच्चों की सीखा-पढ़ा रही हैं.

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छात्रा आलिया खुर्शीद बताती हैं कि वे एक समय पर एक ही बच्चे को पढ़ाती है जिसमें शुक्रवार और शनिवार को टेस्ट लिया जाता है.बच्चों को एमएस ऑफिस पढ़ाया जा रहा है. उनका काफी अच्छा रेस्पांस मिल रहा है.

(पटना से जूही की रिपोर्ट)

Posted By :Thakur Shaktilochan

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