बिहार में पछुआ के तेज प्रभाव ने यहां की हवा को भी प्रदूषित कर दिया है. रविवार को राजधानी पटना की हवा खराब श्रेणी में रही तो वहीं मुंगेर दूसरे स्थान पर रहा. इन शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक सामान्य से ज्यादा हो गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार पटना शहर, दिल्ली से भी ज्यादा प्रदूषित है.
129 शहरों में पटना सबसे अधिक प्रदूषित
देश के 129 शहरों में पटना सबसे अधिक प्रदूषित रहा. पटना का सूचकांक जहां 365 पाया गया तो वहीं दूसरे स्थान पर मुंगेर का सूचकांक 358 रहा और तीसरे स्थान पर 342 वायु गुणवत्ता सूचकांक के साथ सिंगरौली रहा. बिहार के अन्य शहरों में मुजफ्फरपुर का 332, बिहारशरीफ का 309 और हाजीपुर का सूचकांक 290 रहा.
गांधी मैदान सबसे अधिक प्रदूषित
पटना में छह प्रमुख स्थलों में गांधी मैदान क्षेत्र का सूचकांक 500 हो गया जो की सबसे अधिक है, अन्य क्षेत्रों में राजधानी वाटिका का 431, पटना सिटी का 358, एयरपोर्ट का सूचकांक 243 है. इन सभी क्षेत्रों में PM 10 और PM 2.5 यानी मोटे और महीन धूलकण की मात्रा मानक से चार गुना ज्यादा पायी गयी है. रविवार को दिनभर तेज गर्मी के साथ-साथ तेज हवाएं भी चलीं जिसके कारण शहर की हवा में धूलकण फैल चुका है. लोगों का घर से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है.
वायु प्रदूषण का कारण
शहर के वायु प्रदूषण का मुख्य कारण सड़कों पर धूलकण और नाला उड़ाही के बाद निकलने वाले गाद को सड़क के किनारे ही छोड़ दिया जाता है. जब हवा तेज चलती है तो यह गंदगी वायु में फैल जाती है, जिसके कारण वायु की गुणवत्ता खतरनाक स्तर के करीब पहुंच गई है.
पटना 364
मुंगेर 358
मुजफ्फरपुर 332
बिहार शरीफ 309
हाजीपुर 290
समस्तीपुर 275
दरभंगा 272
भागलपुर 272
सहरसा 262
छपरा 255