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कश्मीरी आतंकियों तक पहुंच रहे हैं बिहार में बने हथियार, जानिये किन कारणों से मुंगेर के हथियारों की बढ़ी डिमांड

बिहार में अवैध हथियार बनाने और इसके सप्लाइ के लिए मुंगेर, लखीसराय व खगड़िया समेत इसके आसपास का दियारा इलाका काफी कुख्यात रहा है. अब ये अवैध मुंगेर के हथियार कश्मीरी आतंकियों तक भी आसानी से पहुंचने लगे हैं.

पटना. बिहार में अवैध हथियार बनाने और इसके सप्लाइ के लिए मुंगेर, लखीसराय व खगड़िया समेत इसके आसपास का दियारा इलाका काफी कुख्यात रहा है. अब ये अवैध मुंगेर के हथियार कश्मीरी आतंकियों तक भी आसानी से पहुंचने लगे हैं.

कश्मीर की घाटी में अलगाववादी ताकतों के पास यहां के अवैध रूप से बने हथियार मिल रहे हैं. पिछले कुछ महीनों में मुंगेरी हथियारों की कई खेपों की बड़े स्तर पर सप्लाइ कश्मीरी आंतकियों के पास हुई है. हाल में छपरा से जावेद आलम अंसारी नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है.

इसने मुंगेर से अवैध हथियारों की सप्लाइ कश्मीर में एलएएम (लश्कर-ए-मुश्तफा) के कमांडर हिदायत उल्लाह मल्लिक को की थी. केंद्रीय जांच एजेंसियों की खुफिया जानकारी के आधार पर इसे बिहार एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था. इस पूरे मामले में जावेद से सघन पूछताछ और केंद्रीय एजेंसियों की जांच रिपोर्ट में कई सनसनीखेज बातों का खुलासा हुआ है.

इसमें यह भी पता चला है कि मुंगेर से अवैध हथियार बनाने वाले कुछ कारीगर भी कश्मीर गये थे और उन्होंने वहीं अलगाववादियों के लिए अवैध हथियार बनाये थे. बिहार के मुंगेर, लखीसराय समेत अन्य स्थानों से कहीं दूसरे शहर या स्थान जाकर अवैध हथियार बनाने का यह ट्रेंड पहली बार देखने को मिला है.

केंद्रीय जांच एजेंसियों ने इस तरह के धंधे में जुटे या बाहर जाकर हथियार बनाने वाले कुछ अवैध धंधेबाजों की पहचान भी की है. फिलहाल इनकी तलाश तेजी से चल रही है. इनकी गिरफ्तारी के बाद इस बात की सटीक जानकारी हो पायेगी कि इन्होंने कहां और किसके लिए हथियार तैयार किये हैं. कितनी बार कहां गये. मुंगेर के दो स्थान बारदह और चुरंबा अवैध हथियार बनाने के लिए ज्यादा कुख्यात हैं.

इस तरह से बदल रहा अवैध हथियार का ट्रेंड

बीते कुछ महीनों के दौरान इस इलाके में एसटीएफ और स्थानीय पुलिस की लगातार चल रही सघन छापेमारी एवं तस्करों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई की वजह से यहां अवैध धंधेबाजों और तस्करों की कमर टूट गयी है. फिलहाल कोई मिनी गन फैक्टरी नहीं चल रही है.

यह अवैध धंधा तकरीबन बंद हो गया है, लेकिन यहां के अवैध धंधेबाजों ने इसका ट्रेंड बदल दिया है. इन्होंने अपने अवैध धंधे को अब विकेंद्रीकृत कर दिया है. यानी ये धंधेबाज अब उसी स्थान पर जाकर अवैध हथियार बनाते हैं, जहां से इन्हें ऑर्डर मिलता है. अपने घर या ठिकाने पर अवैध हथियार बनाने का जोखिम अब ये नहीं उठा रहे हैं.

इन कारणों से मुंगेर के हथियार की बढ़ी डिमांड

कश्मीर में लगी पाकिस्तान सीमा को सील कर दिया गया है और यहां चौकसी काफी बढ़ा दी गयी है. तारों की सघन घेराबंदी के साथ ही सीमा पर नाइट-विजन समेत अन्य कई आधुनिक मॉनीटरिंग सिस्टम लगाये गये हैं. इस वजह से सीमा पार से हथियारों की तस्करी काफी कम हो गयी है.

नेपाल और बांग्लादेश की सीमा पर भी चौकसी बढ़ने से हथियारों की तस्करी बहुत कम हो गयी है. इसके मद्देनजर आतंकी मुंगेर के अवैध हथियारों का सहारा ले रहे हैं. यहां के कारीगरों को वहां बुला कर ज्यादा उन्नत हथियार बनाने के टिप्स भी दे रहे हैं. यह भी सूचना मिल रही है कि कुछ को तो वहां बुला कर आइइडी बनाने के तरीके भी सीखाए हैं.

Posted by Ashish Jha

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