– निर्देश. लोकसभा चुनाव के बाद अभियान चलाकर अतिक्रमण मुक्त कराने की होगी कार्रवाई – भू-जल स्तर में लगातार हो रही गिरावट को देखते हुए लिया गया निर्णय संवाददाता, पटना राज्य में जल जीवन हरियाली अभियान के तहत शहरी व ग्रामीण इलाकों में अभियान चलाकर अतिक्रमित किये कुएं, पइन और आहर की खोज होगी. पिछले दिनों मुख्य सचिव के स्तर पर हुई भूजल को लेकर हुई समीक्षा बैठक में पाया गया है कि पुराने जल स्रोतों पर अतिक्रमण भी भूजल गिरावट का एक मुख्य कारण है. जिलों से मिली रिपोर्ट के बाद जल -जीवन-हरियाली अभियान से जुड़े सभी विभागों को दिशा-निर्देश दिया गया है कि डीएम के स्तर सभी अतिक्रमित आहर, कुएं और पइन की पहचान कर उन्हें मुक्त कराने की दिशा में काम करें. इस निर्देश के बाद सभी संबंधित विभाग ने भी राज्य के सभी डीएम के साथ समीक्षा करते हुए लोकसभा चुनाव के बाद अभियान चलाकर अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई करें. इतने का किया गया है जीर्णोद्धार जल -जीवन- हरियाली के तहत जिलों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक पुराने सभी जल स्रोतों की पहचान की जा रही है. पीएचइडी के विभागीय सूत्रों के मुताबिक वैसे सभी जल स्रोतों की पहचान की जा रही है. जहां पर घर, मकान एवं दुकान बना लिये गये है. उन्हें लगातार नोटिस भेजा जा रहा है. सार्वजनिक जल संचयन यानी तालाबों, पोखर, आहर का की बात करें, तो 48246 जीर्णोद्धार कराया गया है. वहीं, सार्वजनिक कुएं 53298, सार्वजनिक कुएं व चापाकलों के किनारे सोख्ता व रिचार्ज अन्य जल संरचना का 198380 का और छोटी-छोटी नदियां,नालों एवं पहाड़ी क्षेत्रों के जल संरक्षण निर्माण में 9321 का जीर्णोद्धार किया गया है. जनप्रतिनिधियों व पुराने लोगों से ली जायेगी सहायता राज्य के सभी शहरी और ग्रामीण इलाकों में जनप्रतिनिधियों से जल स्रोत की खोज में सहायता ली जायेगी. साथ ही, वहां के पुराने लोगों से भी इनकी जानकारी उपलब्ध कराकर रिपोर्ट तैयार की जायेगी कि किस गांव में कितने जल स्रोत थे और कब से वह गायब हो गये है. इसके बाद उस इलाके जल स्रोतों की गणना होगी.
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