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Bihar Nal Jal Yojna : 120 स्वतंत्र इंजीनियर करेंगे पीएचइडी की योजनाओं का तकनीकी व सोशल ऑडिट

पीएचइडी की ओर से लोगों तक शुद्ध जल घर घर पहुंचाने का काम किया जा रहा है, ताकि लोगों को घरों में नल से शुद्ध पानी मिल सके. विभाग ने अपनी सभी योजनाओं का तकनीकी व सोशल ऑडिट कर काम की समीक्षा करने का निर्णय लिया है.

पटना. पीएचइडी की ओर से लोगों तक शुद्ध जल घर घर पहुंचाने का काम किया जा रहा है, ताकि लोगों को घरों में नल से शुद्ध पानी मिल सके. विभाग ने अपनी सभी योजनाओं का तकनीकी व सोशल ऑडिट कर काम की समीक्षा करने का निर्णय लिया है. इसके लिए 120 से अधिक स्वतंत्र इंजीनियरों को जिम्मेदारी सौंपी है. कोरोना संक्रमण में कमी आते ही आडिट का काम शुरू हो जायेगा और इनकी रिपोर्ट पर ही योजना व संवेदको की रैंकिंग भी होगी.

यह होगा तकनीकी ऑडिट में

  • पाइप, मोटर की क्वालिटी की जांच होगी.

  • एकरारनामा के मुताबिक सही जगह पर बोरिंग हुआ है या नहीं.

  • बोरिंग की गहराई क्या है और किस तरह का पाइप का उपयोग किया गया है.

  • पाइप बिछाने में नियमों का पालन किया गया है या नहीं.

  • पाइप बिछाने के बाद उसे सुरक्षित किया गया है या नहीं, या खुले में छोड़ दिया गया है.

  • पानी की टंकी कौन सी है और किस कंपनी की है.

  • टंकी बिठाने में नियमों का पालन किया गया है या नहीं.

सोशल ऑडिट

  • पाइप बिछाने में ग्रामीणों से बातचीत की गयी है या नहीं.

  • घर में कब कनेक्शन दिया गया है और संवेदकों ने कनेक्शन देने के दौरान लाभुकों से क्या कहा.

  • कब-कब घर में पानी आ रहा है, पानी पहुंचाने से किसी तरह की कोई मांग की गयी

  • पानी कितनी देर में आता है और पानी के रंग में कोई बदलाव हुआ है या नहीं

  • खराबी आने के बाद कितनी देर में उसे ठीक किया जाता है और इसके एवज में किसी तरह की की कोई मांग, तो नहीं की जाती है

पिछले साल भी 30 हजार वार्डो में हुआ था ऑडिट

विभाग ने पिछले साल भी 30 हजार से अधिक वार्डों में ऑडिट कर पानी की शुद्धता को देखा था. अब दोबारा से विभाग ने सभी योजनाओं का ऑडिट कराने का निर्णय लिया है. विभाग के मुताबिक 20 मई के बाद ऑडिट का काम शुरू हो जायेगा.

रैकिग के बाद मिलेगा पुरस्कार या लगेगा जुर्माना

ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर जब योजनाओं की रैंकिंग होगी, तो उसी आधार पर संवेदको की रैंकिंग की जायेगी. अगर काम में कोताही की गयी होगी, तो संवेदक पर 20 हजार से अधिक का जुर्माना लगाया जायेगा और अगले पांच वर्षों तक वह विभाग की किसी भी योजना में काम नहीं कर पायेंगे. वहीं, उस स्थल की जांच कर एनओसी देने वाले अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जायेगा. साथ ही बेहतर काम करने वाले संवेदको को सम्मानित भी किया जायेगा.

Posted by Ashish Jha

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