21 साल तक चिट फंड कंपनी से रहा जुड़ा, निवेशकों ने पैसे मांगना शुरू किया तो झारखंड से भागकर चार साल से रह रहा था समस्तीपुर में
!!रिंकू झा!!
पटना : मामूली परिवार से आने वाला गणेश कुमार चिट फंड कंपनी के फर्जीवाड़े में इस तरह से फंस गया कि उसकी जिंदगी ही नरक बन गयी. उसे गिरीडीह छोड़ना पड़ गया और वह वर्ष 2013 में झारखंड छोड़कर बिहार के समस्तीपुर में शरण ले लिया. हुआ यूं कि कंपनी तो करीब 70 लाख रुपये लेकर फरार हो गयी, लेकिन कंपनी में काम करने वाला गणेश बुरी तरह फंस गया. जिन लाेगों ने गणेश के माध्यम से कंपनी में पैसा लगाया था वह लोग गणेश से पैसा मांगने लगे. यह मामला उसके गले पड़ गया और उसका जान बचाना मुश्किल हो गया.
लोगों से बचने के लिए वह इधर-उधर मुंह छुपाता रहा. लेकिन, जब उसे लगा कि उसके जान को खतरा हो सकता है तो झारखंड छोड़ दिया. वह समस्तीपुर में रहकर ट्यूशन पढ़ाने लगा और अपना पेट पालने लगा. अब गणेश को भविष्य में अच्छी नौकरी की दरकार थी इसलिए उसने 2014 में नौंवी में रजिस्ट्रेशन कराया. 2015 में मैट्रिक की परीक्षा और 2017 में इंटर की परीक्षा में शामिल हुआ. लेकिन जब वह म्यूजिक के प्रैक्टिकल नंबर से स्टेट टॉपर बना तो उसकी असलियत सामने आ गयी. उसने सबसे बड़ी भूल यह की कि उसने उम्र को छुपाया, जो अब उसके गले की फांस बन गयी है.
1992 में कॉमर्स से इंटर करने के बाद कंपनी से जुड़ा
1992 में चिट फंड कंपनी से जुड़ने के बाद गणेश कुमार अपनी रोजी रोटी चलाने लगा. इसमें गणेश लोंगो से पैसा जमा कराता था और इसके बदले कंपनी उसे कमीशन देती थी. करीब एक दशक तक गणेश कंपनी से जुड़ कर काम करता रहा. लेकिन उसे क्या पता था कि यही कंपनी इतना बड़ा फर्जी वाड़ा करेगी. गणेश के माध्यम से गिरिडीह के करीब हजारों लोग कंपनी से जुड़े और पैसे इंवेंस्ट किया. इससे गणेश को अच्छी कमाई हुई. लेकिन जब कंपनी सब कुछ लेकर 2013 में भाग गयी तो कुछ दिनों तक तो ठीक रहा. छह महीने बाद गणेश के लिए मुसीबत हो गयी. गणेश भागा भागा फिरने लगा.
दो बच्चों का पिता है गणेश
चिट फंड कंपनी में काम करने के दौरान ही 2005 में गणेश कुमार की शादी हुई. शादी के बाद परिवार का बोझ गणेश के ऊपर बढ़ गया. इस बीच उसके दो बच्चे भी हो गये. बिहार बोर्ड के रिकार्ड के अनुसार वर्तामान में गणेश की उम्र 42 साल है. का गणेश कुमार दो बच्चे का पिता भी है. उसका बच्चा पांच साल और एक तीन साल का है. गणेश कुमार के उम्र छुपाने में कही ना कहीं स्कूल का भी हाथ था. यह जानकारी भी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के नाॅलेज में आया है. इसको लेकर समिति ने संबंधित स्कूल के प्राचार्य पर भी प्राथमिकी करने कर निर्णय लिया है.
बोर्ड का दावा : गणेश के मेरिट पर कोई संदेह नहीं
बिहार बोर्ड के ओर से शुक्रवार को गणेश को बुला कर उसकी मेरिट की जांच की गयी. एक्सपर्ट की टीम बुलायी गयी. एक्सपर्ट की टीम ने अलग-अलग विषय वस्तु से संबंधित उसके प्रश्न किया. सारे प्रश्नों के उत्तर में गणेश कुमार सफल रहा. एक्सपर्ट ने इसके लिए गणेश कुमार को प्रमाणपत्र भी दिया है. अध्यक्ष अानंद किशाेर ने बताया कि बोर्ड ने जिस टाॅपर को चुना है. वो मेरिट में सही है. उसके मेरिट में कोई शक नहीं है. उसके हैेंडराटिंग की पहचान की गयी है. सारे अंक सही पाये गये हैं. गणेश के ज्ञान पर कोई संदेह नहीं है. कॉपी पर मार्किंग अच्छे से की गयी है.