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नियमित टीकाकरण में टॉप पांच राज्यों में होगा बिहार : मुख्यमंत्री
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साेमवार को कहा कि नियमित टीकाकरण अभियान में बिहार देश के पांच टाॅप राज्यों में शामिल होगा. महावीर वात्सल्य अस्पताल के 11वें स्थापना दिवस समारोह में उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के जन्म दिवस दो अक्तूबर से प्रदेश में बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरुद्ध सशक्त अभियान चलाया […]
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साेमवार को कहा कि नियमित टीकाकरण अभियान में बिहार देश के पांच टाॅप राज्यों में शामिल होगा. महावीर वात्सल्य अस्पताल के 11वें स्थापना दिवस समारोह में उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के जन्म दिवस दो अक्तूबर से प्रदेश में बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरुद्ध सशक्त अभियान चलाया जायेगा. उन्होंने सरकार के इस अभियान के प्रचार-प्रसार में भागीदारी के लिए महावीर मंदिर से भी अपील की. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में नियमित टीकाकरण पहले बहुत कम था, पर अब यह बढ़ गयी है.
अब नियमित टीकाकारण 84 से 85% तक पहुंच गया है. हमारा लक्ष्य है कि हम नियमित टीकाकरण में देश के टॉप पांच राज्यों में शामिल हों. मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में सुधार की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटी रक्षक दल की रवानगी पर मैं वहीं मौजूद था. प्राय: यह देखा जाता है कि बेटे के बीमार होने पर लोगों द्वारा उसका तत्काल इलाज कराया जाता है. बेटियों के मामले में यह तत्परता नहीं रहती है, यह चिंता का विषय है.
मैं इस पर अभियान चलाने की भी चर्चा करता हूं. उन्होंने आचार्य किशोर कुणाल से आग्रह किया कि इस विषय पर महावीर मंदिर से भी अभियान चलाये. बेटा हो या बेटी, उसका तत्परता से इलाज होना चाहिए. उन्होंने कहा कि महावीर मंदिर के प्रति लोगों की आस्था है. इस विषय को भी लोगों के बीच में मानसिक, वैचारिक तौर पर प्रचारित कीजिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत काम किया गया है. उन्होंने कहा कि जब 2005 में मैंने सरकार का कार्यभार संभाला था, तो एक सप्ताह के अंदर डब्लूएचओ और यूनेस्को के प्रतिनिधियों ने पोलियो उन्मूलन के बारे में मुझसे बात की.
सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर पल्स पोलियो अभियान की जिम्मेवारी दी गयी. बिहार में पल्स पोलियो अभियान बहुत ही सफलतापूर्वक हुआ. उन्होंने कहा कि जब हम पाकिस्तान गये थे, तो वहां पल्स पोलियो अभियान वाले हमसे मिलना चाहते थे. मैंने उन्हें सभी चीजें विस्तार से बतायीं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में सामाजिक आंदोलनों की कमी रही है. बिहार राजनीतिक परिवर्तन का केंद्र रहा है. सामाजिक आंदोलन बिहार में उतना सक्रिय नहीं रहा. मैंने राज्य सत्ता की बदौलत सामाजिक आंदोलन की शुरुआत की.
नारी सशक्तीकरण, शराबबंदी, नशामुक्ति, बेटी रक्षक रथ आदि की शुरुआत की गयी है. बिहार में प्रजनन दर में कमी आयी है, फिर भी यह राष्ट्रीय दर से ज्यादा है. इसी कारण से हर ग्राम पंचायत में प्लस टू स्तर का विद्यालय स्थापित किया जायेगा. धीरे-धीरे प्रजनन दर घट जायेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि बाल विवाह से स्वास्थ्य की कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं. मां और बच्चे कुपोषण के शिकार होते हैं. उनका विकास अच्छी तरह नहीं हो पाता है. बिहार में नयी पीढ़ी में स्टंटिंग की समस्या (कम लंबाई) की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टंटिंग को कैसे दूर करें, हम इसमें लगे हुए हैं.
शराबबंदी से बड़ा परिवर्तन आया मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में शराबबंदी जैसा सामाजिक सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी से जीवनचर्या तो छोड़ दीजिए, लोगों के व्यवहार और स्वभाव में बड़ा परिवर्तन आया है.
मानसिक, वैचारिक और सामाजिक परिवर्तन से बड़ी कोई चीज नहीं है. चूहे द्वारा शराब पीये जाने की चर्चा करते हुये कहा कि बिहार को बदनाम करने की कोशिश की गयी. पकड़ी गयी शराब को सार्वजनिक रूप से नष्ट करने का निर्देश दिया गया है. जब्त शराब के सैंपल रखने और उसकी जानकारी न्यायालय को देने के लिए कहा गया है.
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