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पारस अस्पताल में बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा
पटना. पटना के पारस एचएमआरआइ अस्पताल देश के उन शहरों में शामिल हो गया है, जहां ब्लड कैंसर का उपचार बोन मैरो ट्रांसप्लांट के माध्यम से किया जाने लगा है. कैंसर सेंटर के डॉ अविनाश कुमार सिंह की देखरेख में ट्रांसप्लांट किया जा रहा है. डॉ अविनाश का कहना है कि बिहार, पूर्वी यूपी और […]
पटना. पटना के पारस एचएमआरआइ अस्पताल देश के उन शहरों में शामिल हो गया है, जहां ब्लड कैंसर का उपचार बोन मैरो ट्रांसप्लांट के माध्यम से किया जाने लगा है. कैंसर सेंटर के डॉ अविनाश कुमार सिंह की देखरेख में ट्रांसप्लांट किया जा रहा है. डॉ अविनाश का कहना है कि बिहार, पूर्वी यूपी और झारखंड स्टेट की तुलना में पहला अस्पताल हैं जहां यह सुविधा शुरू कर दी गयी है.
डॉ सिंह ने कहा कि देवघर की रहने वाली एक महिला का ट्रांसप्लांट इस तकनीक से हुआ, बाकी इसी सप्ताह एक और मरीज का किया जायेगा. उन्होंने बोन मैरो हड्डी के बीच जहां खून रहता है उसे कहते हैं. जब खून के सेल कैंसर ग्रस्त हो जाते हैं तो नया खून बनना बंद हो जाता है. इससे शरीर में खून की कमी, हड्डी में दर्द, किडनी में खराबी आ जाती है. कैंसर के कारण स्टेम सेल भी प्रभावित होता है. स्टेम सेल ऐसा होता है जो अपने जैसा सेल तैयार करता है. हड्डी के बीच के खून को ठीक करने के लिए पहले कीमोथेरेपी दी जाती है ताकि बीमारी नियंत्रित हो सके.
इसके बाद उसमें से स्टेम सेल निकाला जाता है. बोन मैरो ट्रांसप्लांट ब्लड कैंसर के अलावा थैलीसीमिया और प्लास्टिक एनीमिया से पीड़ित मरीजों को की जाती है.
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