पटना : बिहार सरकार ने नोटबंदी के दौर में भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के बावजूद विभिन्न बैंकों द्वारा नयी शाखा एवं एटीएम के मामलों में अपेक्षित लक्ष्य हासिल नहीं करने वाले बैंकों पर सख्ती करने का संकेत दिया है. राज्य सरकार ने कहा है कि ऐसे बैंकों को चिन्हित कर सरकारी राशि सेे वंचित करने के लिए प्रमंडलीय आयुक्त एवं जिलाधिकारियों समेत संबंधित विभागों को शीघ्र निर्देश जारी किया जाएगा.
बिहार के वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिदिदकी ने आज राज्यस्तरीय बैंकर्स कमिटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही. भारतीय स्टेट बैंक अगुवाई में हुई इस बैठक में कई बैकों के पदाधिकारियों की अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए सिदिदकी ने अगली राज्य स्तरीय बैठक में निदेशक स्तर के पदाधिकारियों को भाग लेने का निर्देश दिया. बैंकर्स समिति की यह बैठक में मुख्यत: बैंकों द्वारा नयी शाखा खोलने, नये एटीएम मशीनों की स्थापना, डेयरी एवं कुक्कुट उद्योग एवं मत्स्य पालन पर केंद्रित थी. जिसमें पशुपालन मंत्री अवधेश नारायण सिंह भी शरीक हुए.
नयी शाखा खोलने के मामले में गत 15 दिसंबर तक राज्य के 35 वाणिज्यिक बैंकों ने निर्धारित लक्ष्य 1340 के विरुद्ध मात्र 70 शाखा खोलने में सफलता पायी. वहीं ग्रामीण बैंक 300 के विरुद्ध मात्र 17 जबकि सहकारी बैंकों की संख्या नगण्य रही. दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में कुल 8326 प्राप्त आवेदनों में से 7155 को स्वीकृति दी गयी. जिसमें सन्निहित राशि 12028 रुपये मात्र है.
मत्स्य पालन के लिए राज्य भर में कुल 323 आवेदन मत्स्य विभाग द्वारा भेजा गया. जबकि बैंकों को प्राप्त कुल आवेदनों की संख्या 433 थी. इनमें 205 आवेदनों की स्वीकृति देते हुए बैंकों द्वारा 644 लाख रुपयों का ऋण मुहैया कराया गया. कुक्कुट प्रक्षेत्र के 320 आवेदनों में से कुल 1905 लाख रुपयों वाले 285 आवेदनों को स्वीकृति प्रदान किया गया.