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15000 करोड़ रुपये से बनेगी 37908 किमी ग्रामीण सड़क
एमएमजीएसवाइ. 17 दिसंबर को होगा नाबार्ड व िवश्व बैंक से एमओयू चालू वित्तीय वर्ष में 9000 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य है. इस साल अबतक 4400 किमी सड़क का निर्माण हो चुका है. पटना : मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना (एमएमजीएसवाइ) में सड़क निर्माण के लिए बिहार सरकार नाबार्ड व विश्व बैंक से 15 हजार करोड़ […]
एमएमजीएसवाइ. 17 दिसंबर को होगा नाबार्ड व िवश्व बैंक से एमओयू
चालू वित्तीय वर्ष में 9000 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य है. इस साल अबतक 4400 किमी सड़क का निर्माण हो चुका है.
पटना : मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना (एमएमजीएसवाइ) में सड़क निर्माण के लिए बिहार सरकार नाबार्ड व विश्व बैंक से 15 हजार करोड़ रुपये ऋण लेगी. विश्व बैंक से पांच हजार करोड़ और नाबार्ड से 10 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे. विश्व बैंक के साथ ग्रामीण कार्य विभाग का करार हो गया है. अगले महीने की 17 तारीख को इस पर अंतिम मुहर लगेगी. एमएमजीएसवाइ में अगले पांच साल में 32 हजार करोड़ से अधिक का खर्च होने का अनुमान है. एमएमजीएसवाइ में चार साल में 37908 किलोमीटर सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है.
चालू वित्तीय वर्ष में 9000 किलोमीटर सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. इस साल अबतक 4400 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो चुका है. चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 से लेकर 2020-21 तक में एमएमजीएसवाइ में 32 हजार करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान है. सड़क निर्माण के लिए पहले ब्रिक्स बैंक से 10 हजार करोड़ लेने की बात थी, लेकिन अब ब्रिक्स बैंक की जगह नाबार्ड से इतनी राशि ली जायेगी. विश्व बैंक से 5000 करोड़ लिया जायेगा. एक किलोमीटर सड़क के निर्माण पर 80 लाख रुपया खर्च आता है.
ग्रामीण कार्य विभाग अपने रोड मैप में हर साल का सड़क निर्माण का लक्ष्य और होनेवाले खर्च को भी उस रोड मैप में शामिल किया है. रोड मैप में इस बात को भी दर्शाया गया है कि राशि की व्यवस्था कहां-कहां से होगी इसका भी उल्लेख किया गया है. सड़क निर्माण में तेजी लाने के लिए विभाग नाबार्ड व विश्व बैंक से ऋण ले रहा है. बाकी राशि राज्य बजट से मिलेगी. सूबे के ग्रामीण कार्यमंत्री शैलेश कुमार कहते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में आवागमन और अधिक सुविधाजनक बनाने के लक्ष्य को लेकर विभाग काम कर रहा है. हर बसावट को पक्की सड़क से जोड़ने की योजना है.
राज्य की महत्वपूर्ण सड़क पटना-बक्सर फोर लेन बनने का काम अगले साल जनवरी से शुरू होने की संभावना है. फोर लेन बनाने के लिए 90 फीसदी जमीन उपलब्ध होने पर ही काम शुरू होगा. तीन पार्ट में बननेवाले फोर लेन के लिए अभी मात्र 37 फीसदी जमीन मिली है. फिलहाल फोर लेन बनाने के लिए चयनित कांट्रैक्टर द्वारा बेस कैंप तैयार किया जा रहा है.
सड़क किनारे पेड़ की कटिंग की जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार फोर लेन बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी आयी है पिछले साल सितंबर माह में पटना-बक्सर फोर लेन के निर्माण की सुगबुगाहट शुरू हुई थी. फोर लेन बनाने के काम का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरा की सभा में किये थे. फोर लेन बनाने के लिए कांट्रैक्टर का चयन हुआ, लेकिन जमीन नहीं मिलने के कारण कांट्रैक्टर निर्माण काम शुरू नहीं कर सका है. पटना-बक्सर फोर लेन बनाने के लिए 557 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है. फोर लेन के निर्माण में 1900 करोड़ खर्च अनुमानित है. इपीसी मोड में बननेवाले फोर लेन का काम ढाई साल में पूरा करना है. इसके बाद कंपनी को चार साल तक सड़क का मेंटेनेंस करना है.
तीन पार्ट में बनना है फोर लेन : पटना से बक्सर के बीच 125 किमी फोर लेन बनाने का काम तीन पार्ट में होना है. पटना से कोइलवर तक 165 हेक्टेयर जमीन में 55, कोइलवर से भोजपुर तक 199 हेक्टेयर में 83 व भोजपुर से बक्सर तक 193 हेक्टेयर में 84 हेक्टेयर जमीन मिली है.
पटना से कोइलवर पहले पार्ट के निर्माण के लिए हैदराबाद की कंपनी मधुकॉन व कोइलवर से भोजपुर व भोजपुर से बक्सर दूसरे व तीसरे पार्ट में संयुक्त रूप से दो कंपनी पीएनसी व एसपी.सिंघला को काम मिला है. जमीन नहीं मिलने के कारण फोर लेन बनाने के लिए चयनित एजेंसी गैमन इंडिया ने तीन साल बाद काम करने से हाथ खींचा था.
ओडीएफ पंचायतों को सरकारी योजनाओं में मिलेगी प्राथमिकता
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निश्चय यात्रा में दिया निर्देश
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निश्चय यात्रा के दौरान स्वच्छता अभियान पर सबसे अधिक जोर दे रहे हैं. अपने संकल्प से वह अधिकारियों को भी अवगत करा रहे हैं. हाल में संपन्न हुए दो चरणों की निश्चय यात्रा में उन्होंने स्वच्छता को लेकर निर्देश भी दिया है.
निश्चय यात्रा के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सरकारी योजनाओं का पहले लाभ खुले में शौच से मुक्त हुए पंचायतों को दिया जाये. जिन पंचायतों ने खुले में शौच से पंचायत को मुक्त कर दिया है उस पंचायत में हर योजना की प्राथमिकता मिलेगी. ग्रामीण विकास सह पंचायती राज विभाग के सचिव अरविंद चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब ऐसी पंचायतों को सरकारी योजनाओं का पहले लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के साथ निश्चयों को सभी घरों तक 2019 तक पहुंचाया जाना.
इसमें घर-घर बिजली योजना का लाभ दिया जाना है. इसके अलावा सभी गांवों में पक्की गली-नालियों का निर्माण कराया जाना है. जिन पंचायतों व टोलों को सड़क से संपर्कता प्रदान नहीं किया गया है उसको संपर्कता देने में प्राथमिकता दी जायेगी. इसके साथ ही पंचायतों में हर घर नल का जल पहुंचाना है.
जिन पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त कर दिया गया है वहां पर नल के जल की सुविधा मिलेगी. जीविका संगठनों को बैंक से लिंकेज कराने के मामले में भी खुले में शौच से मुक्त हुए पंचायतों को प्राथमिकता दी जायेगी. ऐसे पंचायतों के किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने में प्राथमिकता मिलेगी.
इसके साथ खुले में शौच से मुक्त पंचायतों में स्थापित मध्य विद्यालयों के उत्क्रमण और स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थापना में भी प्राथमिकता दी जायेगी.
मार्च तक हर जिले में प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत अगले साल मार्च तक हर जिले में प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र खोलने की योजना है. अभी राज्य में चार केंद्र खुल चुका है. अगले एक पखवारे में आरा में केंद्र काम करना शुरू कर देगा. एक केंद्र में 500 के करीब युवक व युवतियां को कौशल विकास का प्रशिक्षण मिलेगा. यह योजना केंद्र सरकार की है.
इन कौशल विकास केंद्रों का उद्देश्य है लोगों के प्रतिभा को निखार कर उसे रोजगार परख बनाना. इन केंद्रों में प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं के प्लेसमेंट का भी प्रयास होगा तथा जो स्वरोजगार करना चाहेंगे उन्हें स्वरोजगार करने में मदद दिया जायेगा. कौशल विकास केंद्र की मॉनीटरिंग नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन करेगा. सभी को मुफ्त में प्रशिक्षण मिलेगा.
कौशल विकास पर जो खर्च आयेगा वह केंद्र सरकार वहन करेगी. नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की प्रतिनिधि भावना वर्मा ने बताया कि मार्च तक सभी जिले में केंद्र खुल जायेगा. 40 सेक्टर में युवाओं को प्रशिक्षण मिलेगा .
जिस जगह की जैसी जरूरत होगी उस तरह के ट्रेड का प्रशिक्षण मिलेगा. अभी पटना, मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण में केंद्र काम कर रहा है. जल्द ही भागलपुर में खुलेगा. बताया जाता है कि युवकों को हार्ड ट्रेड, इलेक्ट्रानिक्स, रिटेल इलेक्ट्रिक सेक्टर में रुझान है तो युवतियों का रुझान ब्यूटिशियन, अपरैल, रिटेल, हेल्थकेयर आदि में है.
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