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पटरी पर कोहराम : आंखों में आंसू लिये अपनों का कर रहे एकटक इंतजार

पटना : रविवार की सुबह 9:30 बजे आंख में आंसू लिये शहर के बंगाली रोड के रहनेवाले कौशिक पटना जंकशन पहुंचे. जंकशन के हेल्प डेस्क पर तैनात अधिकारी से वह भाई मनोज कुमार की स्थिति जानना चाह रहे थे, लेकिन अधिकारी स्पष्ट कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं थे. इससे कौशिक की बेचैनी और […]

पटना : रविवार की सुबह 9:30 बजे आंख में आंसू लिये शहर के बंगाली रोड के रहनेवाले कौशिक पटना जंकशन पहुंचे. जंकशन के हेल्प डेस्क पर तैनात अधिकारी से वह भाई मनोज कुमार की स्थिति जानना चाह रहे थे, लेकिन अधिकारी स्पष्ट कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं थे. इससे कौशिक की बेचैनी और बढ़ गयी. हालांकि, कौशिक लगातार अपने भाई दीपक के मोबाइल पर फोन लगा रहे थे. इसी दौरान सुबह 10:00 बजे कौशिक को अपने भाई से बात हुई.
इससे उनके चेहरे पर हंसी दौड़ गयी. कौशिक ने बताया कि भाई से उनकी बात हो गयी है. सिर्फ हाथ-पांव में खरोच आयी है. वह पटना के लिए चल दिया है. वहीं, सिपारा के अभिषेक अपनी बहन स्वाति, मोतिहारी के रहनेवाले साकेत अपने सास-ससुर और कटिहार के रहनेवाले कुणाल कपूर अपने दादा-दादी, भाई, भतीजी के हाल जानने को बेचैन थे. चेहरे पर घबड़ाहट थी. वक्त बितने के साथ ही खोजबीन करनेवाले परिजनों की संख्या बढ़ने लगी. इस भीड़ में कोई अपने चाचा, तो कोई अपने भाई की जानकारी लेना चाह रहे थे.
पूर्व मध्य रेल व दानापुर रेल मंडल को जैसे ही इंदौर-राजेंद्रनगर टर्मिनल एक्स की दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिली, रेल मंडल के साथ-साथ जंकशन व टर्मिनल के अधिकारियों को अर्लट कर दिया गया. सुबह सात बजे ही हेल्प लाइन नंबर जारी करने के साथ-साथ जंकशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक व दस पर हेल्प डेस्क बनाया गया. हेल्प डेस्क पर तैनात अधिकारियों के पास इंदौर-पटना एक्स का आरक्षण चार्ट था, जिससे परिजन यात्री की पुष्टि कर रहे थे, लेकिन उनके स्वस्थ होने की जानकारी उन्हें नहीं मिल रही थी. दोपहर दो बजे तक 90 घायल यात्रियों की सूची सूचना पट्ट पर प्रकाशित कर दी गयी. शाम चार बजे 25 मृतक यात्रियों की सूची जारी की गयी. इसी दौरान सुबह 9:15 बजे बाहरी बेगम पटना सिटी के रहनेवाले सूरज कुमार व राजेश अपने परिजनों की जानकारी लेने पहुंचे. सही जानकारी नहीं मिलने पर उनके आंखों से आंसू फूट पड़े. उन्होंने अधिकारियों पर गुस्सा भी दिखाया.
देर रात तक अफरा-तफरी का माहौल
रविवार को सुबह आठ बजे से लेकर 9:30 बजे तक इक्का-दुक्का परिजन आ रहे थे, लेकिन 10:00 बजे के बाद परिजनों की संख्या जंकशन पर बढ़ने लगी थी. 9:45 बजे डीएम एसके अग्रवाल जंकशन पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. प्रशासन की ओर से ही हेल्प डेस्क बनाया गया, ताकि परिजनों को परेशानी नहीं हो. इसके बावजूद सुबह दस बजे से शाम छह बजे तक परिजनों की भीड़ जमा रही. इसी दौरान दोपहर एक बजे अधिकारियों ने बताया कि 27 घायल यात्री अजमेर-रांची एक्स से लाये जा रहे हैं. साथ ही दो बजे कानपुर स्टेशन से स्पेशल ट्रेन खुलेगी, जो अन्य यात्रियों को लेकर पहुंचेगी. इसके बाद प्लेटफॉर्म नंबर एक पर अफरा-तफरी बढ़ गयी, तो देर रात्रि तक जारी रही.
सही जानकारी के अभाव में थे परेशान
सुबह आठ बजे से लेकर दिन के 12:00 बजे तक जंकशन पर घायल या फिर मृतक यात्रियों की सूची नहीं थी. परिजन आ रहे थे, लेकिन रेलवे अधिकारी घायल व मृतक यात्रियों के बारे में जानकारी देने में समक्ष नहीं थे. हेल्प डेस्क पर तैनात अधिकारी परिजनों के नाम, पता व मोबाइल नंबर लेकर कर आश्वासन दे रहे थे कि जानकारी मिलते ही सूचना दी जायेगी. इससे परिजन परेशान रहे.
स्पेशल ट्रेन से लाये जा रहा बचे यात्री
हादसे के बाद घायल लोगों को नजदीक के अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उपचार किया गया. दुर्घटना में गंभीर जख्मी लोगों का वहीं इलाज किया जा रहा है, लेकिन शेष बचे यात्रियों को स्पेशल ट्रेन से पटना लाया जा रहा है. स्पेशल ट्रेन कानपुर स्टेशन से दो बजे खुली है, जिसमें 794 यात्री सवार हुए है. इस ट्रेन को उन सभी स्टेशनों पर ठहराव सुनश्चित किया गया है, जहां-जहां इंदौर-पटना एक्स का ठहराव था.ब्रह्मपुत्र मेल से पटना पहुंचे के बात रवि ने ट्रेन हादसे की आपबीती सुनायी. ग्वालियर में बैंक की तैयारी कर रहे रवि ने बताया कि वह इंदौर से जनरल कोच में सफर कर रहा था. हादसे के समय वह गहरी नींद में था. अचानक भागो-भागो की अावाज आयी नींद खुली, तो देखा कई ट्रेन रुकी हुई और लोग विंडो खिड़की से कूद रहे थे. उसने भी विंडो खिड़की से कूद कर किसी तरह अपनी जान बचायी.
पहचान का संकट
कानपुर हादसे में कई बच्चे भी अपने परिवार से बिछड़ गये हैं. ऐसे ही तीन बच्चों को स्थानीय जिला प्रशासन ने अपनी संरक्षण में रखा है, जिनके परिजनों की अभी तक पहचान नहीं हुई है. पटना डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने इन बच्चों की तसवीर शेयर करते हुए अपील की है कि जो भी व्यक्ति इनको पहचानते हैं, वे जिला प्रशासन को इन नंबरों पर 0612-22189810/2219234 पर इसकी सूचना दें.
तीन ट्रेनों के रूट में बदलाव
पूमरे के तीन ट्रेनों के परिचालन का रूट बदला गया है. सोमवार को खुलने वाली ट्रेन संख्या 11105 कोलकाता-झांसी एक्सप्रेस बदले रूट मगुलसराय, छेवकी, माणिकपुर, बांदा होते हुये झांसी पहुंचेगी. सोमवार को ट्रेन संख्या 11123 बरौनी ग्वालियर एक्सप्रेस बदले मार्ग से चलेगी. मंगलवार को ग्वालियर से खुलनेवाली ट्रेन संख्या 11124 ग्वालियर-बरौनी एक्सप्रेस भी झांसी, बांदा, माणिकपुर और इलाहाबाद होते हुये आयेगी.
ट्रेन पर चढ़े तो बात हुई, अब नहीं हो रहा कोई संपर्क
पटना जंक्शन पर रिश्तेदारों की खोज में सैकड़ों लोग पहुंचे थे. इनमें किसी को दादा-दादी, तो किसी को बहन-बहनोई की तलाश थी. स्लीपर कोच एस-वन की बर्थ संख्या 37 व 38 पर पटना सिटी के रहने वाले शकुंतला देवी और विजय कुमार का हाल जानने के लिए सुबह 10:15 बजे उनके दामाद के छोटे भाई साकेत पहुंचे थे. लेकिन, साकेत को हेल्प डेस्क पर स्पष्ट जानकारी नहीं मिली. दोपहर 1:30 बजे मनोज साह पहुंचे और बेचैन होकर घायल व मृतक यात्रियों की सूची देखनी शुरू की, पर घायलों की सूची में नाम नहीं मिला. इससे और बेचैन हो गये. मनोज ने बताया कि जब ट्रेन पर चढ़े तो बात हुई थी. इसके बाद से संपर्क नहीं हो रहा है.
जीजा की हो रही खोज
पटना के चांदमारी रोड निवासी अविनाश कुमार के जीजा मनोज कुमार और बहन प्रेमलता देवी भी तीर्थ पर गयी थीं और इंदौर-पटना एक्स के स्लीपर कोच एस-वन के 40 व 64 नंबर बर्थ से लौट रहे थे. दुर्घटना की जानकारी जैसे ही अविनाश को मिली, वह सुबह 11:30 बजे पटना जंकशन पहुंचे. उन्हें भी जीजा व बहन की स्पष्ट जानकारी नहीं मिली, लेकिन अधिकारियों ने उनका मोबाइल नंबर लेते हुए कहा कि फोन पर सूचना दी जायेगी. फिर वह बेचैन होकर भटकते रहे.
हादसे में नहीं बचे दादा-दादी
सोनपुर मंडल में दूर संचार विभाग में काम कर रहे कुणाल कपूर को छह बजे ट्रेन दुर्घटना की सूचना मिली, तो आनन-फानन में 10:30 बजे पटना जंकशन पहुंचे. जंकशन पहुंच कर हेल्प डेस्क के अपने रिश्तेदार की जानकारी ली, लेकिन उन्हें जानकारी नहीं मिली. हालांकि, कुणाल और लोगों के मोबाइल पर फोन कर रहे थे, इसी दौरान बात हुई तो पता चला कि दादा एसके सिंह और दादी माला देवी की मौत हो गयी है.
लेकिन, भतीजी, भाई और नौकर बाल-बाल बच गये हैं. कुणाल ने कहा कि भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए कटिहार आ रहे थे. रविवार को ही जंकशन से कैपिटल एक्सप्रेस पकड़ना था, लेकिन अब सबकुछ बिखर गया है.

राज्यपाल कोविंद ने जताया गहरा शोक

उत्तर प्रदेश के पुखरायां में हुए पटना-इंदौर एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने पर राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने गहरा दुख व्यक्त किया है. राज्यपाल ने इस रेल दुर्घटना में मृत लोगों की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है और दुर्घटना में घायल यात्रियों के जल्द स्वस्थ ठीक होने की कामना की है. राज्यपाल ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि वह शोक संतप्त परिवारों को इस असहनीय दुख से उबरने की शक्ति प्रदान करें.
केंद्र ने यात्रियों को भगवान पर छोड़ा : लालू
पूर्व रेल मंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा है कि केंद्र सरकार ने रेल यात्रियों की सुरक्षा भगवान पर छोड़ दी है. रविवार को ट्विट कर उन्होंने कहा है कि जर्जर हो चुकी रेलवे की पुरानी संपत्तियों को समय पर नहीं बदला गया है. एक अन्य ट्विट में उन्होंने कहा है कि रेलवे को घाटे का रेल बना दिया गया है. रेलवे वेतन, पेंशन और दिन प्रतिदिन के खर्चे चलाने में भी सक्षम नहीं रह गया है. केंद्र सरकार को रेलवे को लाभकारी बनाने के लिए दिये सुझाव में उन्होंने कहा है कि मेरे द्वारा अपनायी गयी रणनीति ही अपनानी चाहिए.
रेलवे की खामियों के कारण दुर्घटना : तेजस्वी
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा है कि रेलवे की ही खामियों के कारण रेल दुर्घटना हुई है. उन्होंने कहा है कि दुर्घटना में इतने लोगों की जान जाये और पीएम उसी प्रांत में आयोजित राजनीतिक कार्यक्रम में शिरकत करें. यह बात किसी भी संवेदनशील व्यक्ति के गले नहीं उतर सकती. पीएम जिस जगह खड़े होकर स्वयं का महिमा मंडन कर रहे हैं उसी के बगल में लाशों की ढेर पड़ी है.
दुखदायी घटना : चौधरी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने रेल दुर्घटना पर अफसोस जताया है. उन्होंने दुर्घटना में मारे गये लोगों के परिजनों व घायल व्यक्तियों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि हाल के वर्षों में यह सबसे बड़ा दु:खदायी घटना है. प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने कानपुर में इंदौर-पटना एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने पर दुख जताया है.
भाजपा ने जताया दुख
भाजपा नेताओं ने रविवार की सुबह कानपुर के निकट हुए इंदौर-पटना-राजेन्द्रनगर एक्सप्रेस की दुर्घटना पर गहरा दुख तथा मृतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त किया है. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार सरकार को भी बिहार के उन यात्रियों के लिए पर्याप्त मुआवजा की घोषणा करनी चाहिए, जिनकी मौत इस हादसे में हुई हैं. इधर प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने ट्रेन दुर्घटना में मृत लोगों के परिवार के प्रति गहरी शोक संवेदना प्रकट की है. विपक्ष के नेता प्रेम कुमार सहित सूरज नंदन कुशवाहा, संजय मयूख, प्रेम रंजन पटेल ने भी शोक संवेदना प्रकट की है .
लापरवाही का नतीजा
इंदौर-पटना ट्रेन हादसे को लेकर भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि बड़ी रेल दुर्घटनाओं का होना कोई संयोग नहीं है. कर्मचारियों की इस छंटनी ने रेलवे ट्रैकों के रख-रखाव को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे ट्रेन-दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है. ट्रेन हादसा रेलवे की आपराधिक लापरवाही का नतीजा है.

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