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पन्ने पलटने से मिलेगा छुटकारा कदाचारमुक्त होगी कॉपी की जांच

इ-मूल्यांकन. ट्रेनिंग के पहले दिन 6754 शिक्षकों को दी गयी जानकारी पटना : सारा काम तो कंप्यूटर ही करता है. हमें तो बस ओके बटन पर क्लिक करना होता है. कमजोर आंखवाले भी उत्तर पुस्तिका की जांच आसानी से कर पायेंगे. अक्षर का साइज भी अपने अनुसार बढ़ा-घटा सकते हैं. हमें तो बस उत्तर पढ़ना […]

इ-मूल्यांकन. ट्रेनिंग के पहले दिन 6754 शिक्षकों को दी गयी जानकारी
पटना : सारा काम तो कंप्यूटर ही करता है. हमें तो बस ओके बटन पर क्लिक करना होता है. कमजोर आंखवाले भी उत्तर पुस्तिका की जांच आसानी से कर पायेंगे. अक्षर का साइज भी अपने अनुसार बढ़ा-घटा सकते हैं. हमें तो बस उत्तर पढ़ना और पहले से जो अंक तालिका दी गयी है, उसके अनुसार अंक बैठा देना है. उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन बहुत ही आसान हो गया है.
यह राय इ-मूल्यांकन यानी डिजिटल मार्किंग सिस्टम की ट्रेनिंग लेने आये शिक्षकों का था. ट्रेनिंग से पहले शिक्षक थोड़ा डरे हुए थे, लेकिन पहले दिन की ट्रेनिंग के बाद शिक्षक खुश दिखे. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा कंपार्टमेंटल परीक्षा की उत्तर पुस्तिका की जांच के लिए इ-मूल्यांकन की ट्रेनिंग दी जा रही है.
दो दिनों के डिजिटल मार्किंग ट्रेनिंग के अंतर्गत शिक्षकों को मूल्यांकन संबंधित सारी जानकारी दी जा रही है.आठ बजे से शुरू हुई ट्रेनिंग: डिजिटल मार्किंग की ट्रेनिंग के पहले दिन छह शिफ्ट में ट्रेनिंग सुबह आठ बजे से दो-दो घंटे के शिफ्ट में शाम के छह बजे तक चली. तीन शिफ्ट मैट्रिक और तीन शिफ्ट इंटर की परीक्षा की काॅपी जांचने के लिए. पहले दिन के ट्रेनिंग में 6,754 शिक्षकों को बुलाया गया था. बुधवार को ट्रेनिंग के दूसरे दिन 4000 शिक्षकों को ट्रेनिग दी जायेगी.
25 साल से कॉपी जांच रहा हूं, अब कंप्यूटर कैसे चलाऊं
ट्रेनिंग लेने आये कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं, जो कंप्यूटर क्या मोबाइल भी चलाना नहीं जानते. ऐसे में उन्हें समझ में नहीं आता है कि वे इस ट्रेनिंग में कैसे शामिल होंगे. श्याम नंदन पांडेय ने बताया कि वे 25 साल से काॅपी जांच रहे हैं, लेकिन आज तक कंप्यूटर भी नहीं चलाया. अब 11 महीने के बाद वे रिटायर हो रहे हैं, ऐसे में उनके लिए यह काम टेढ़ी खीर है. रामधर शर्मा ने कहा कि मुझे तो कंप्यूटर चलाना आता ही नहीं है. मैं कैसे मूल्यांकन कर पाऊंगा.
किसने क्या कहा ?
छोटे अक्षर को बड़ा करके देख सकते हैं. मूल्यांकन केंद्र पर अंधेरे में उत्तर पुस्तिका जांचने से छुटकारा मिलेगा. मूल्यांकन करने में तेजी आयेगी.
नीलू सहाय, केमेस्ट्री, रवींद्र बालिका हाइ स्कूल, पटना
इस सिस्टम से हमारे पास पैरवीवाले लोग नहीं आ पायेंगे. पैरवी करने से छुटकारा मिलेगा. शिक्षकों से भी त्रुटि नहीं होगी. छात्र जो लिखेंगे, उसी के अनुसार उन्हें सही अंक मिलेगा क्योंकि अधिक अंक शिक्षक नहीं दे पायेंगे.
नकी मोहम्मद, कॉमर्स, ओरियंटल कॉलेज,
मूल्यांकन के दौरान रखे जायेंगे एक्सपर्ट
मैट्रिक और इंटर कंपार्टमेंटल और 2017 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के दौरान जिन शिक्षकों को डिजिटल मार्किंग में दिक्कतें आयेंगी, उन्हें एक्सपर्ट की मदद दी जायेगी.
कंप्यूटर पर मूल्यांकन करने में, प्रश्न समझने, पेज पलटने आदि में दिक्कत होने पर शिक्षकों को आइटी एक्सपर्ट मदद करेंगे. इसके लिए आइटी एक्सपर्ट की टीम बनायी जायेगी. इससे पहले समिति डिजिटल मार्किंग की ट्रेनिंग ले रहे शिक्षकों से फीडबैक लेगी और जरूरत पड़ने पर दोबारा ट्रेनिंग देगी.

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