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गया में थानेदार की हत्या : वारदात के चश्मदीद गवाहों ने दी जानकारी
नसीमा ने कहा : तब उसने मारीं तीन गोलियां गुलसफा : गोली मारनेवाला था खान ड्रेस में रोशन कुमार गया : कोठी थानाध्यक्ष क्यामुदीन अंसारी की हत्यारों की पहचान को लेकर मगध डीअाइजी सौरभ कुमार, एसएसपी गरिमा मलिक व सिटी एसपी अवकाश कुमार घटनास्थल पर करीब दो घंटे तक गहन छानबीन व आसपास के लोगों […]
नसीमा ने कहा : तब उसने मारीं तीन गोलियां
गुलसफा : गोली मारनेवाला था खान ड्रेस में
रोशन कुमार
गया : कोठी थानाध्यक्ष क्यामुदीन अंसारी की हत्यारों की पहचान को लेकर मगध डीअाइजी सौरभ कुमार, एसएसपी गरिमा मलिक व सिटी एसपी अवकाश कुमार घटनास्थल पर करीब दो घंटे तक गहन छानबीन व आसपास के लोगों से पूछताछ की. घटनास्थल के आसपास रहनेवाले लोगों की पूछताछ के आधार पर पुलिस को पता चला कि हमलावरों की संख्या तीन थी. उनमें से एक व्यक्ति खान ड्रेस पहने हुए था. पुलिस ने सोमवार को छह लोगों को हिरासत में लिया है.
छानबीन के दौरान डीआइजी ने पाया कि थानाध्यक्ष का शव कोठी से मैगरा जाने के रास्ते में मुख्य सड़क से करीब 40 कदम दूर दक्षिण दिशा में स्थित दानिश खां की खेत में पड़ा था.
घटना स्थल से करीब 70 कदम उतर मुजीब खान का घर है. साथ ही वहां से करीब 100 मीटर दक्षिण नसीमा बानो का घर है. घटनास्थल का मुआयना करने के बाद डीआइजी मुजीब खान के घर पहुंचे. वहां मौजूद मुजीब खां की पत्नी रूबी खानम व सास (चतरा जिले के प्रतापपुर थाने के गजवा की रहनेवाली) हीरा बीबी और मुजीब खां की 10 वर्षीय बेटी गुलसफा खानम, आठ वर्षीया बेटी गुलसबा खानम, छह वर्षीय बेटा रागिब व चार वर्षीय बेटा दानिश खान से पूछताछ की.
10 वर्षीया गुलसफा ने एएसपी (ऑपरेशन) अरुण कुमार सिंह व प्रभात खबर को बताया कि वह कोठी बाजार स्थित एलिट पब्लिक स्कूल में वर्ग एक में पढ़ती है. सुबह नौ बजे स्कूल जाने के पहले प्रतिदिन सुबह करीब छह बजे कोठी बाजार स्थित मदरसा जाने के लिए घर से निकली. सोमवार की सुबह जैसे ही वह गेट के पास पहुंची, सामने रोड पर देखा कि दारोगा अंकल दो लोगों से उलझते हुए खेत की ओर भाग रहे हैं. लेकिन, दोनों ने उन्हें पटक कर चाकुओं से हमला कर दिया और गोली मार दी. दो हमलावर, जो दारोगा अंकल से उलझ रहे थे. उनमें एक खान ड्रेस पहने हुए था. एएसपी ने उससे पूछा कि खान ड्रेस का रंग कैसा था. इस पर गुलसफा ने एएसपी की वरदी पर एक रंग की ओर इशारा करते हुए कहा कि मैरून रंग का ड्रेस था.
वहीं नसीमा बानो ने पुलिस को बताया कि दो गोली की आवाज सुन वह घर से बाहर निकले तो देखा बड़ा बाबू को दो लोग मारते हुए सड़क के दक्षिण 100 गज खेत में लाकर पटका-पटकी कर रहे हैं. मारपीट के दौरान हमलावरों ने उन्हें तीन गोली मार दी.
निर्भय पांडेय
इमामगंज : भाई जान, हमलोगों को छोड़ कर हमेशा के लिए कहां चले गये. अब हम भाभी को क्या जवाब देंगे. कोठी थाना परिसर में रोते हुए उक्त बातें अपराधियों के शिकार हुए थानाध्यक्ष क्यामुद्दीन अंसारी के छोटे भाई आदिल अंसारी ने कहीं. अपने बेटे का अंतिम दर्शन करने पहुंचे थानाध्यक्ष के पिता मोहम्मद सरोज अहमद अंसारी फूट-फूट कर रोने लगे.
कई थानों में थानाध्यक्ष की भूमिका निभा चुके हैं क्यामुद्दीन : थानेदार क्यामुद्दीन अंसारी जिले के कई थानों में थानाध्यक्ष रह चुके थे. वह जहां भी रहे, वह अपनी कार्यशैली के लिए विशेष रूप से जाने जाते थे. क्यामुद्दीन अंसारी कोठी थाने में योगदान देने के पूर्व आमस, डेल्हा, चांकद व खिजरसराय थाना में सेवा दे चुके थे.
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