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बिजली पोल से सट कर बन रहे पूजा पंडाल, खतरे की आशंका

पटना : डीएम ने साफ कहा है कि कोई भी पंडाल बिजली के तार से सटा नहीं होगा. इसके लिए उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों, विद्युत अभियंताओं व जिला प्रशासन के अधिकारियों को मॉनीटरिंग करने का निर्देश दिया. लेकिन, जिस तरह से पंडाल बनाये जा रहे है. उसे देख बस यही कहा जा सकता है कि डीएम […]

पटना : डीएम ने साफ कहा है कि कोई भी पंडाल बिजली के तार से सटा नहीं होगा. इसके लिए उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों, विद्युत अभियंताओं व जिला प्रशासन के अधिकारियों को मॉनीटरिंग करने का निर्देश दिया.
लेकिन, जिस तरह से पंडाल बनाये जा रहे है. उसे देख बस यही कहा जा सकता है कि डीएम के निर्देश को अधिकारी व पदाधिकारी नहीं मान नहीं रहे है और आराम से बिजली के तार के पास बड़े-बड़े पंडाल खड़े हो रहे हैं. विद्युत अभियंताओं की टीमें आराम से काम कर रही हैं. उनको कोई मतलब नहीं हैं कि पंडाल कैसे बन रहा है और उनका वायर कितना खतरनाक हो सकता है.
मानक का नहीं हो रहा पालन : पूजा पंडाल बनाने के लिए जिन मानकों को सामने रख पंडाल का निर्माण करना था. वैसा नहीं हो रहा है. ऐसे में अब उन संचालकों से भी जवाब मांगा जायेगा और स्थानीय पुलिस जब पंडाल बन रही थी, तो वह कहां थी, इसको लेकर उनके अधिकारियों से भी स्पष्टीकरण मांगा जायेगा. बिजली वायर के कारण कोई दुर्घटना होगी, तो जिम्मेवारों की सूची तैयार करने में परेशानी नहीं होगी.
पंडालों को लेकर पूर्व से निर्देश जारी है. 30 सितंबर से पहले एक समीक्षा होनी है. जिसमें इन बातों पर भी चर्चा होगी. सोमवार को इसको लेकर समीक्षा बैठक होगी और पंडालों को बिजली के खंभों से कैसे दूर किया जाये, इस पर निर्णय होगा और ऐसा क्यों हुआ, अधिकारियों को जवाब देना पड़ेगा.
संजय कुमार अग्रवाल, डीएम, पटना
यह है पंडालों का हाल
एएन कॉलेज : इसके सटे ट्रैफिक लाइट के पास दुर्गा मंदिर हैं, जहां हर साल पूजा पंडाल बनाया जाता हैं. यहां पंडाल के पास बड़ा ट्रांसफाॅर्मर है और पंडाल के बगल से मेल लाइन गयी हुई है, जो कि पंडाल के आगे से लेकर पीछे तक हैं, जब यह पंडाल बनेगा, तो इसे कपड़ों से ढक दिया जायेगा और अगर हल्की बारिश में छोटी सी चिनगारी निकली, तो पंडाल को नुकसान पहुंचाने के लिए काफी है.
डाकबंगला चौराहा : यहां पर बन रहे पंडाल के पास से बिजली की मेन लाइन गयी है. तार से नुकसान नहीं हो, इसको लेकर दो हाथ तक तार को प्लास्टिक की पाइप से ढ़क दिया गया है. लेकिन, पंडाल के पीछे व बगल में चारों ओर खुले तारों का मेन जंजाल है. यह हाइ वोल्टेज बिजली के तार है, जो कि पंडाल के बिल्कुल पास हैं. यानी पंडाल से एक हाथ की दूरी पर. यह भी खतरनाक हैं.
क्योंकि, अभी बास का काम हो रहा है, जो कि बाद में बढ़ेगा और उसके बाद कपड़ा व उसे सुंदर बनाने के लिए कई चीजें लगाये जायेंगे.
बोरिंग केनाल रोड : पंचमुखी हनुमान मंदिर का भी पंडाल बिजली के ट्रांसफाॅर्मर के पास है. आगे में बिजली का तार नहीं है. लेकिन, पीछे व बगल में बिजली के तार है. यहां पर भी आंधी-पानी में करेंट आ सकता है.
तो पूरे पंडाल में आ सकता है करेंट
राजधानी के चौक-चौराहों पर बननेवाले पंडाल हल्की बारिश व आंधी में खतरनाक साबित हो सकते हैं
पंडाल से ट्रांसफाॅर्मर की दूरी मात्र एक हाथ की रखी गयी हैं और मौसम को देख यह भी अनुमान लगाया गया है कि पोस्ट मॉनसून की बारिश पटना में भी होगी. अगर ऐसा हुआ, तो यह बारिश एक अक्तूबर के बाद साउथ में होती है. अगर हल्की भी बारिश हुई और कहीं तार बांस में सटा, तो पूरे पंडाल में करेंट घूम सकता है, जहां सैकड़ों लोगों की भीड़ हर समय रहती है.

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