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कॉलेजों में शीघ्र होगी शिक्षकों की नियुक्ति

पटना: विश्वविद्यालयों में कुलपति व प्रति कुलपति की नियुक्ति सरकार के लिए बड़ा टास्क था, वह पूरा हो गया है. अब कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति बड़ा चैलेंज है. उसे भी अगले शैक्षणिक सत्र से पूरा करने का लक्ष्य शिक्षा विभाग का है. अगले सप्ताह तक सभी विश्वविद्यालयों के अधीन संचालित हो रहे कॉलेजों में […]

पटना: विश्वविद्यालयों में कुलपति व प्रति कुलपति की नियुक्ति सरकार के लिए बड़ा टास्क था, वह पूरा हो गया है. अब कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति बड़ा चैलेंज है. उसे भी अगले शैक्षणिक सत्र से पूरा करने का लक्ष्य शिक्षा विभाग का है.

अगले सप्ताह तक सभी विश्वविद्यालयों के अधीन संचालित हो रहे कॉलेजों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए प्रस्ताव बिहार लोक सेवा आयोग को भेज दिया जायेगा. राज्य के महाविद्यालयों में 3500 शिक्षकों के पद खाली चिह्न्ति किये गये हैं. नैक व यूजीसी के मानदंड को पूरा करने वालों की नियुक्ति होनी है. यह कहना है शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजित सिन्हा का. शुक्रवार को वह सूचना भवन के संवाद कक्ष में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिले. इसके लिए जो भी जरूरी शर्ते हैं, उसे सरकार पूरा करेगी. शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरा होने के बाद अन्य जरूरी शर्तो को पूरा करने के प्रति सरकार अपना ध्यान केंद्रित करेगा. उच्च व माध्यमिक विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अभी जो नियोजन को लेकर कैंप लग रहे हैं, उससे 3500 शिक्षक मिलने की उम्मीद हैं. 1700 का नियोजन पूरा हो चुका है. अगले शैक्षणिक सत्र से पहले सभी नव उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में नौवीं कक्षा में नामांकन शुरू हो जायेगा. उससे पहले वहां शिक्षक नियुक्त कर दिये जायेंगे. इसके अलावा कंप्यूटर शिक्षा को अनिवार्य बनाने के लिए कंप्यूटर शिक्षक के 400 शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी.

इसके लिए पद वर्ग समिति से स्वीकृति मिल गयी है. इसके अलावा 50 वर्ष से कम आयु वाले शिक्षकों के लिए कंप्यूटर प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया गया है. उच्च व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में पुस्तकालयों में पुस्तक खरीदने, प्रयोगशाला के लिए उपकरण खरीदने व उपस्कर आदि की खरीदारी के लिए सभी प्रधानाध्यापकों को एक लाख रुपये तक खर्च करने की शक्ति दी गयी है.

वित्त संपोषित हाइ स्कूल, इंटर व डिग्री महाविद्यालयों में अनुदान की राशि एक पखवारा के अंदर वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है. 511 उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में से 416 विद्यालयों ने स्व मूल्यांकन प्रतिवेदन दिया है. जो विद्यालय पिछले वर्ष के अनुदान राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दिये हैं उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. 80 इंटर कॉलेजों को अनुदान की राशि भेजी जा चुकी है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को अनुदान के लिए 297 करोड़ रुपये उपलब्ध करा दिये गये हैं. जिन महाविद्यालयों व विद्यालयों का डीइओ से रिपोर्ट आ रहा है उन्हें अनुदान की राशि भेजी जा रही है.

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