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बोर्ड ने आठवीं के स्कूल को दे दी थी कॉलेज की मान्यता

पटना : भवन था, शिक्षक भी थे, छात्र भी दिख रहे थे. लेकिन, इस भवन में कॉलेज चल रहा है या स्कूल, इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही थी. शिक्षक उसे कॉलेज बता रहे थे, तो आसपास के रहने वाले लोग उसे स्कूल. कई दिनों की जांच के बाद टीम को पता चला कि पटना […]

पटना : भवन था, शिक्षक भी थे, छात्र भी दिख रहे थे. लेकिन, इस भवन में कॉलेज चल रहा है या स्कूल, इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही थी. शिक्षक उसे कॉलेज बता रहे थे, तो आसपास के रहने वाले लोग उसे स्कूल. कई दिनों की जांच के बाद टीम को पता चला कि पटना जिले का बजरंगबली आशा देवी उच्च माध्यमिक विद्यालय दरियापुर (खैरा टोली, संपतचक) असल में आठवीं तक की पढ़ाई वाला शिक्षण संस्थान है, लेकिन इसे कॉलेज की मान्यता दे दी गयी थी. इन सारी बातों का खुलासा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा गठित कमेटी की जांच में हुआ. राजधानी की नाक के नीचे संपतचक में चल रहे इस स्कूल को बिहार बोर्ड ने निलंबित कर दिया है.
ज्ञात हो कि बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद ने प्रदेश भर के 213 कॉलेजों को बिना जांच पड़ताल के ही मान्यता दे दी थी, जिसकी जांच करायी जा रही है और जिसमें नित नये-नये खुलासे हो रहे हैं.
खुसरूपुर : दो कमरों को किराये पर लेकर लगा दिया बैनर : खुसरूपुर के कायमपुर में एक मिडिल स्कूल और एक प्राइमरी स्कूल है. इसके अलावा आस-पास कोई हाइस्कूल या कॉलेज नहीं है. बोर्ड से मान्यता पाये सुमित्रा इंटर कॉलेज उच्च माध्यमिक विद्यालय को खोजने में जांच कमेटी को काफी मशक्कत करनी पड़ी. जांच में खुलासा हुआ कि टीम के जाने के दो दिन पहले दो कमरे किराये पर लेकर संस्थान से जुड़े लोगों ने आनन-फानन में कॉलेज का बैनर लगा दिया. बैनर से ही आस-पास के लोगों को पता चला कि यहां पर कॉलेज खुलने वाला है.
बैठा दिये गये फर्जी शिक्षक
गौतम बुद्ध इवनिंग काॅलेज, कंकड़बाग को जब पता चला कि जांच टीम आने वाली है, तो तुरंत कमरे में बेंच डेस्क लगा दिये गये. लेकिन कॉलेज में न तो ब्लैक बोर्ड दिखा और न ही पढ़ाई की कोई सामग्री. चार शिक्षक नजर आ रहे थे. अटेंडेंस शीट पर शिक्षकों के हस्ताक्षर का मिलान किया, तो हस्ताक्षर भी नहीं मिला. इस कॉलेज की जांच में पाया गया कि कॉलेज पूरी तरह से फर्जी है.
सात कॉलेजों में चार को किया गया निलंबित : पटना जिले के सात कॉलेजों को पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने संबद्धता दी थी. सारे कॉलेजों की जांच हो चुकी है. इनमें से चार कॉलेज पूरी तरह से फर्जी पाये गये हैं.
इन कॉलेजों का कोई अस्तित्व ही नहीं है. जांच के बाद इनमें से चार कॉलेजों को निलंबित कर दिया गया है. वहीं, बाकी बचे तीन कॉलेजों को छह माह का समय जांच टीम ने दिया है. समय सीमा के अंदर तीनों कॉलेजों को संबद्धता का मानक पूरा कर लेना है.
पायी गयीं कमियां
कॉलेज में न शिक्षक और न ही छात्र
छात्रों के बना गये थे फर्जी अटेंडेंस
बैठा दिये गये थे फर्जी शिक्षक
कॉलेज बिल्डिंग के नीचे चल रही थी दुकान
कॉलेज के बाहर, अंदर कहीं पर नहीं लिखा था नाम
1100 वर्गमीटर मानक की जगह 300 वर्गमीटर में ही थे कॉलेज

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