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812 एमबीबीएस और डेंटल सीटों पर होगी काउंसेलिंग

कवायद. पहली काउंसेलिंग तीन, चार व पांच सितंबर को की जायेगी 30 सितंबर तक सभी नामांकन लेने के बाद रिपोर्ट शाम पांच बजे तक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को भेज दी जायेगी. पटना : सीबीएसइ द्वारा अभी तक बिहार के मेडिकल व डेंटल विद्यार्थियों का मेरिट लिस्ट उपलब्ध नहीं कराया गया है. इधर, राज्य के […]

कवायद. पहली काउंसेलिंग तीन, चार व पांच सितंबर को की जायेगी
30 सितंबर तक सभी नामांकन लेने के बाद रिपोर्ट शाम पांच बजे तक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को भेज दी जायेगी.
पटना : सीबीएसइ द्वारा अभी तक बिहार के मेडिकल व डेंटल विद्यार्थियों का मेरिट लिस्ट उपलब्ध नहीं कराया गया है. इधर, राज्य के सरकारी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में नामांकन की तैयारी शुरू हो गयी है. सरकार द्वारा मेडिकल व डेंटल की 812 सीटों के लिए पहली काउंसेलिंग तीन, चार व पांच सितंबर को की जायेगी. जो विद्यार्थी पहली काउंसेलिंग के लिए आवेदन करेंगे उन्हीं विद्यार्थियों को दूसरी व तीसरी काउंसेलिंग में शामिल होने का अवसर मिलेगा. 30 सितंबर तक सभी नामांकन लेने के बाद रिपोर्ट शाम पांच बजे तक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को भेज दी जायेगी.
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार राज्य के नौ सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कुल 950 सीटें हैं. इसमें 15 फीसदी सीटों पर ऑल इंडिया कोटा के माध्यम से नामांकन किया जायेगा. शेष 778 सीटों पर बीसीइसीइबी द्वारा काउंसिलिंग की जायेगी.
इसके अलावा डेंटल की 40 सीटों में पटना डेंटल पटना में 34 सीटों के लिए राज्य सरकार द्वारा काउंसेलिंग किया जायेगा. राज्य के तीन मेडिकल कॉलेज अस्पतालों कटिहार मेडिकल कॉलेज हास्पिटल कटिहार, माता गुजरी मेडिकल कॉलेज एवं हास्पिटल, किशनगंज और नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल, रोहतास की 100-100 सीटों पर खुद के द्वारा काउंसिलिंग की जायेगी. इसके अलावा बुद्धा डेंटल कॉलेज,पटना की 100 बीडीएस की सीटों, सरजू डेंटल कॉलेज की 40 सीटों, मिथिला माइनरिटी की 40 सीटों और बीआर अंबेडकर डेंटल कॉलेज की 40 सीटों पर खुद प्रबंधन द्वारा काउंसिलिंग की जायेगी.
जैसे ही मेरिटलिस्ट सीबीएसइ से राज्य को भेजी जायेगी वैसे ही बीसीइसीइबी व निजी संस्थानों द्वारा विज्ञापन जारी कर आवेदन पत्र व वरीयता की मांग की जायेगी. राज्य के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में नामांकन व प्रशिक्षण के लिए शुल्क निर्धारण के लिए अभी तक राज्य सरकार द्वारा कमेटी का गठन नहीं किया गया है.
सरकार ने सिर्फ अभी अवकाशप्राप्त न्यायमूर्ति अमरेश कुमार लाल की अध्यक्षता में नामांकन पर्यवेक्षण कमेटी का ही गठन किया है. कटिहार मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल द्वारा एमबीबीएस कोर्स के लिए प्रति वर्ष का नामांकन शुल्क साढ़े 12 लाख निर्धारित किया है. इसी तरह से माता गुजरी मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल और नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल द्वारा 12-12 लाख सलाना प्रशिक्षण शुल्क निर्धारित किया गया है. डेंटल कॉलेजों द्वारा जो फीस का निर्धारण किया गया है उसमें बीआर अंबेडकर डेंटल कॉलेज पटना द्वारा प्रति साल तीन लाख 35 हजार प्रशिक्षण शुल्क निर्धारित किया है. इसकी लिखित सूचना इन तीनों मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटलों और डेंटल कॉलेज प्रबंधन द्वारा सरकार को दी गयी है.
मेडिकल कॉलेजों को मिलेंगे 120 वरीय शिक्षक
राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में वरीय स्तर पर शिक्षकों की कमी दूर होगी. स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कॉलेजों में पदस्थापित चिकित्सकों को प्रोन्नति देने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है.
सामान्य स्थिति में विभागीय प्रोन्नति दी जाती है तो 80 असिस्टेंट प्रोफेसरों को प्रोन्नति मिलने से एसोसिएट प्रोफेसर व 40 एसोसिएट प्रोफेसरों को प्रोन्नति मिलने से प्राध्यापक बना दिया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों की माने तो राज्य के नौ मेडिकल कॉलेजों में पदस्थापित चिकित्सकों को प्रोन्नति देने के लिए सितंबर में विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक आयोजित होगी. इसमें वैसे शिक्षक जिनका स्थायी सेवा का कार्यकाल पूरा हो गया है उनकी सूची तैयार की जा रही है.
इसमें पांच वर्षों की नियमित सेवा का कार्यकाल पूरा करनेवाले असिस्टेंट प्रोफेसर को एसोसिएट प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति दी जायेगी. इसी तरह से चार वर्षों की नियमित सेवा का कार्यकाल पूरा करनेवाले एसोसिएट प्रोफेसर को प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति देने का प्रस्ताव तैयार विभागीय स्तर पर तैयार किया जा रहा है. वर्तमान समय में राज्य के मेडिकल कॉलेजों में 167 प्रोफेसर, 240 एसोसिएट प्रोफेसर व 599 असिस्टेंट प्रोफेसर कार्यरत हैं.
मालूम हो कि इसके पूर्व राज्य के मेडिकल कॉलेजों में नियुक्त 150 चिकित्सक शिक्षकों को प्रोन्नति देने के बाद फैकल्टी की कमी को दूर किया गया था. अब 120 चिकित्सक शिक्षकों के प्रोन्नति मिलने के बाद सीनियर फैकल्टी की कमी को दूर हो जायेगा. भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) द्वारा राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में फैकल्टी की कमी को लेकर बार-बार चेतावनी दी जाती रही है. पदोन्नति मिलने के बाद यह कमी दूर हो जायेगी. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा बिहार लोक सेवा आयोग के पास 1170 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा गया है.
सरकार द्वारा चिकित्सक शिक्षकों के इन पदों पर प्रोन्नति व नियुक्ति कर ली जाती है तो प्रस्तावित आठ मेडिकल नये मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के लिए भी तत्काल चिकित्सक शिक्षकों की कमी नहीं होगी. नव प्रस्तावित मेडिकल कॉलेजों में पूर्णिया, समस्तीपुर, छपरा और मुख्यमंत्री निश्चय योजना के तहत बेगूसराय, मधुबनी, सीतामढ़ी, महुआ (वैशाली) व आरा में खोले जाने का प्रस्ताव है. इनके लिए भी शिक्षकों की कमी दूर हो जायेगी.

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