20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

छह वर्ष बाद भी नहीं खुल सका राज्य में पालना घर

पटना : एक तरफ सरकार महिलाओं को नौकरियों में 33 से लेकर 50 फीसदी तक आरक्षण दे रही है. मातृत्व अवकाश जैसी सुविधाओं का विस्तार कर रही है. वहीं दूसरी ओर कामकाजी महिलाओं के लिए छह वर्ष बाद भी एक पालनाघर नहीं खोला गया है. इससे महिलाओं के विकास की रफ्तार केवल कागजों और घोषणाओं […]

पटना : एक तरफ सरकार महिलाओं को नौकरियों में 33 से लेकर 50 फीसदी तक आरक्षण दे रही है. मातृत्व अवकाश जैसी सुविधाओं का विस्तार कर रही है. वहीं दूसरी ओर कामकाजी महिलाओं के लिए छह वर्ष बाद भी एक पालनाघर नहीं खोला गया है. इससे महिलाओं के विकास की रफ्तार केवल कागजों और घोषणाओं और आरक्षण तक कहीं सीमित रह गयी है.
समाज कल्याण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना के तहत पूरे प्रदेश भर में पालनाघर खोला जाना था. इसके अंतर्गत स्कूल, कॉलेजों, अस्पताल और सरकारी संस्थानों जहां 25 से अधिक महिलाएं कार्यरत हैं. जिनके बच्चों को पालने में परेशानी हो रही है. वहां पालनाघर खोला जाना था, ताकि कामकाजी महिलाओं के जीरो से पांच वर्ष के वैसे बच्चों की देख-रेख हो सके. वर्ष 2008-09 में सौ पालनाघर खोला जाना था, लेकिन छह वर्ष बाद भी अब तक एक भी पालनाघर का सपना साकार नहीं हो सका है.
दस बच्चों को रखा जाना था : योजना के तहत प्रत्येक पालनाघर में कम से कम दस बच्चों को रखा जाना था. जहां बच्चोंको स्वादिष्ट अल्पाहार भी दिया जाना था. इसके लिए प्रत्येक वर्ष सरकार की ओर से लाखों रुपये भी दिये जाते हैं, लेकिन योजना की राशि पालनाघर नहीं होने से लौट जाती है. पालना घर संचालन करने की जिम्मेदारी महिला विकास निगम को दी गयी है.
इतना ही नहीं बीते वर्ष दिसंबर में महिला विकास निगम द्वारा गांधी मैदान में लगे सरस मेले में पालनाघर का स्टॉल लगा. योजना की जानकारी दी थी. समाज कल्याण मंत्री ने इसे शहर में जल्द स्थापित करने की बात भी कहीं थी, लेकिन अब तक यह धरातलीय रूप नहीं ले सका है.
यह केवल पढ़ी-लिखी महिलाआें के लिए ही नहीं, बल्कि मजदूर महिलाओं के लिए भी था. इसके तहत ग्रामीण स्तर पर भी पालनाघर खोले जाने थे. इसमें खेतिहर महिलाओं के बच्चों का लालन-पालन की व्यवस्था की जानी थी. इसके लिए मुखिया और पंचायत प्रतिनिधि महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया जाना था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें