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चोरी से बचाने के लिए बनेगा चौकीदार शेड
20 करोड़ रुपये खर्च कर राज्य में मछली पालन में आत्मनिर्भर होने की तैयारी पटना : राज्य सरकार सरकारी तालाबों में पल रही मछलियों को चाेरों और जहर से बचाने के लिए चौकीदार शेड बनाने का निर्णय लिया है. तालाब के किनारे शेड के निर्माण पर तालाब के पट्टेदार को 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा. सरकार […]
20 करोड़ रुपये खर्च कर राज्य में मछली पालन में आत्मनिर्भर होने की तैयारी
पटना : राज्य सरकार सरकारी तालाबों में पल रही मछलियों को चाेरों और जहर से बचाने के लिए चौकीदार शेड बनाने का निर्णय लिया है. तालाब के किनारे शेड के निर्माण पर तालाब के पट्टेदार को 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा.
सरकार के इस निर्णय से पट्टेदारों को मछलियों की रक्षा के साथ-साथ नाव, जाल आदि की सुरक्षा आसान होगा. सरकार एक चौकीदार शेड बनाने के लिए एक लाख रुपये खर्च का आकलन किया है. इस खर्च पर मछली पालक को 50 हजार रुपये अनुदान मिलेगा. मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी ने बताया कि मछली पालन में आत्मनिर्भर होने के लिए सरकार राज्य के 50 हजार सरकारी तालाबों पर शेड बनाने का निर्णय लिया है. तालाब से मछली निकालने के लिए 1800 रुपये की एक फेंका जाल 50 प्रतिशत अनुदान पर कुल 2870 नावें मछली पालकों को दी जायेगी.
नाव की खरीद मद में सरकार 5.74 करोड़ रुपये और जाल की खरीद पर 25.99 लाख रुपये खर्च करेगी. सूत्रों ने बताया कि एक एकड़ से बड़े तालाब वाले पट्टेदारों को एक नाव और एक जाल देने का प्रावधान है. वहीं एक एकड़ से छोटे तालाब वालों को सिर्फ एक जाल देने का निर्णय लिया गया. इसके लिए नाव की कीमत 40 हजार रुपये और जाल की कीमत 1800 रुपये तय किया गया है. वर्तमान वित्त वर्ष में राज्य सरकार कुल 2888 जाल मछली पालकों के बीच बांटने का निर्णय लिया है. 20.45 करोड़ की इस योजना में सरकारी तालाबाें के जीर्णोद्धार के लिए 4.51 लाख रुपये खर्च किया जायेगा.
मत्स्य पालन निदेशक निशांत अहमद ने कहा कि 20 करोड़ रुपये की इस पूरी योजना को वर्तमान वित्तीय साल में पूरा किया जायेगा. मछली पालकों से इसके लिए अावेदन लिया जा रहा है.
मछली पालकों को इसके लिए जिला मत्स्य पालन पदाधिकारी से संपर्क करना चाहिए. उन्होंने कहा कि 50 हजार सरकारी तालाबों को विकसित कर मछली उत्पादन बढ़ाया जायेगा.
मत्स्य पालन अधिकारी ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य के 250 हेक्टेयर जल जमाव वाले इलाके को मछली पालन के लायक बनाया जायेगा. इसके लिए 4.85 करोड़ रुपये खर्च किया जायेगा. प्रति एकड़ 3.88 लाख रुपये खर्च होगा. सरकार इस खर्च पर मछली पालकों को 50 प्रतिशत अनुदान देगी. तालाबों में पानी का स्तर बनाये रखने के लिए 500 ट्यूबवेल तालाबों के पास लगाया जायेगा.
इसके लिए सरकार 1.25 करोड़ रुपये खर्च किया जायेगा. एक ट्यूबवेल पर 50 हजार की लागत आयेगी. इसके लिए किसान को 25 हजार रुपये अनुदान मिलेगा. विभागीय अधिकारी ने बताया कि 178.73 हेक्टेयर जल जमाव वाले क्षेत्र में नये तालाब के लिए सरकार 6.23 करोड़ रुपये खर्च करेगी. एक हेक्टेयर में तालाब बनाने के लिए सरकार 6.6.972 लाख रुपये खर्च पर भी 50 प्रतिशत अनुदान देगी.
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