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हक मांगने कफन पहन कर बैजू आया था पटना पुलिस ले गयी थाना
पुष्यमित्र पटना : मंगलवार की सुबह 10 बजे बैजू राम पटना के विश्वेश्वरैया भवन के सामने एक पेड़ के नीचे खड़े थे. उन्होंने कफननुमा कपड़े पहन रखे थे और कार्ड बोर्ड पर अपनी शिकायत लिख कर गले में टांग लिया था. वे आज कांटी, मुजफ्फरपुर से पटना आये थे, इस इरादे से कि यह आखिरी […]
पुष्यमित्र
पटना : मंगलवार की सुबह 10 बजे बैजू राम पटना के विश्वेश्वरैया भवन के सामने एक पेड़ के नीचे खड़े थे. उन्होंने कफननुमा कपड़े पहन रखे थे और कार्ड बोर्ड पर अपनी शिकायत लिख कर गले में टांग लिया था. वे आज कांटी, मुजफ्फरपुर से पटना आये थे, इस इरादे से कि यह आखिरी आजमाइश होगी.
अगर हुक्मरानों ने न्याय कर दिया तो ठीक, वरना वे लौट कर अपने परिवार के साथ खुदकुशी कर लेंगे. वे डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को उनका वादा याद दिलाना चाहते थे, जो उन्होंने 13 अगस्त, 2015 को किया था कि उन्हें एक माह के अंदर उनका हक मिल जायेगा. यह वादा साल बीतने के बाद भी पूरा नहीं हुआ था. वे वहां खड़े थे, उनकी पोषाक और कार्ड बोर्ड पर लिखे मैसेज उनकी बात कह रहे थे.
एक घंटे की कोशिश के बाद भी उन्हें अंदर जाने का मौका तो नहीं मिला, मगर वहां से गुजर रहे शास्त्रीनगर थाने के इंस्पेक्टर ने उन्हें उठा लिया और जीप पर बिठा कर अपने साथ थाने लेकर गये. थाने में बैजू राम ने बताया कि 15 साल तिरहुत प्रमंडल के आवास पर माली का काम करने और दो साल एमआइटी, मुजफ्फरपुर में योगदान देने के बावजूद उनकी नौकरी पक्की नहीं हुई, बल्कि सर्टिफिकेट जाली होने का आरोप लगा कर उसकी सेवा समाप्त कर दी गयी है. उनसे एमआइटी, मुजफ्फरपुर के अकाउंटेंट ने सेवा नियमित कराने के नाम पर 50 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी, जिसे वे पूरा नहीं कर पाये. इसी वजह से उनके साथ ऐसा अन्याय किया गया है. वे 2009 से लगातार हर जगह जाकर अपनी फरियाद सुना रहे हैं, मगर उनके साथ न्याय नहीं हो रहा. हर जगह से सिर्फ आश्वासन मिलता है.
बैजू राम का कहना है कि 2011 में जनता दरबार में उनके मामले को देख कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने माइक पर अनाउंस करते हुए कहा था कि विज्ञान और तकनीक विभाग के प्रधान सचिव इनके वेतन का भुगतान करायें. उसके बाद से वे लगातार मुख्य सचिव से मिल कर जनता दरबार के वायदे की याद दिलाते रहे. मगर वेतन निर्गत और सेवा नियमित कराने के बदले यह बताया गया कि उनकी आठवीं की डिग्री जाली है. जबकि उस डिग्री को दो दफा मुजफ्फरपुर के डीएम और तीन दफा एमआइटी, मुजफ्फरपुर के प्रिंसिपल सत्यापित कर चुके हैं.
वे कहते हैं, कम-से-कम उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से अपना प्रदर्शन ही करने दिया गया होता, मगर सरकार ने यह हक भी उनसे छीन लिया है. बिना किसी अपराध के थाने में बिठा लिया गया है. थाना प्रभारी इंस्पेक्टर देवेंद्र यादव कहते हैं कि बैजू राम को गिरफ्तार नहीं किया गया है. वह चूंकि विश्वेश्वरैया भवन के सामने अजीबोगरीब हालत में खड़ा था, इसलिए हमलोग इसे वहां से ले आये हैं. मगर हकीकत यह है कि पुलिस ने बैजू राम को इस खबर के लिखे जाने तक थाने में ही बिठाये रखा था.
वे सुबह 11 बजे से शाम 6:30 बजे तक भूखे-प्यास थाने में बैठे थे. उन्होंने कहा कि पता नहीं गिरफ्तार किया गया है या क्या बात है… घबराहट हो रही है. शाम 6:30 बजे वहां इंस्पेक्टर देवेंद्र यादव तो मौजूद नहीं थे. मगर अन्य पुलिसकर्मियों ने कहा कि कोई गंभीर मामला नहीं है, मगर जब तक साहब (इंस्पेक्टर) आते नहीं, इन्हें कैसे छोड़ा जा सकता है?
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