पटना: ओपीडी खत्म और डॉक्टर परिसर से गायब. भरती मरीज को अगर शाम में अचानक किसी तरह की परेशानी हो, तो डॉक्टर आने को तैयार नहीं. कारण, डॉक्टर को निजी प्रैक्टिस का रोग लग गया है.
यह हाल आइजीआइएमएस का है, जहां चिकित्सकों को रोकने टोकने वाला कोई नहीं हैं. डॉक्टर अपने मन से आते हैं और मरीजों का इलाज करते हैं, जिसके कारण शाम का राउंड लगभग खत्म हो गया है. वहीं कुछ डॉक्टर पूरी ईमानदारी से काम करते हैं.
क्या है नियम
संस्थान के डॉक्टरों को नॉन प्रैक्टिसिंग भत्ता दिया जाता है. सरकार ने संस्थान को मेडिकल साइंस के क्षेत्र में उत्कृष्ट संस्थान घोषित किया है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नयी दिल्ली के तर्ज पर संस्थान के चिकित्सकों, पदाधिकारियों व कर्मियों को वेतन सहित अन्य सुविधाएं मुहैया करा रही है. नियमानुसार चिकित्सकों को साढ़े आठ बजे से साढ़े चार बजे तक रहना है. वहीं प्रशासनिक अधिकारियों को नौ से पांच बजे तक संस्थान में रहना है.