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पुलिस से भिड़ंत, नोक-झोंक व हाथापाई

नाराजगी. प्रदर्शनकारी आंगनबाड़ी सेविकाओं की उग्र भीड़ का गुस्सा पुलिसकर्मियों पर फूटा आंगनबाड़ी सेविकाओं ने मंगलवार क़ो भी प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस से उनकी झड़प हो गयी. पटना : दस सूत्री मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविकाआें का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा. काफी संख्या में जुटी आंगनबाड़ी सेविकाओं ने मंगलवार को विरोध मार्च […]

नाराजगी. प्रदर्शनकारी आंगनबाड़ी सेविकाओं की उग्र भीड़ का गुस्सा पुलिसकर्मियों पर फूटा
आंगनबाड़ी सेविकाओं ने मंगलवार क़ो भी प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस से उनकी झड़प हो गयी.
पटना : दस सूत्री मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविकाआें का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा. काफी संख्या में जुटी आंगनबाड़ी सेविकाओं ने मंगलवार को विरोध मार्च निकाला. महिलाओं की भीड़ गर्दनीबाग धरना स्थल से विधानसभा की ओर जोन के लिए जैसे ही आगे बढ़ी, वैसे ही तैनात पुलिस कर्मियों ने उग्र भीड़ को आगे जाने से रोक दिया. इससे विरोध कर रही महिलाओं का गुस्सा पुलिस कर्मियों पर फूट पड़ा.
इसके बाद विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं और महिला पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई भी हुई. उग्र भीड़ पुलिसकर्मियों पर भारी पड़ गयी. कुछ महिलाएं, तो पुलिस द्वारा रोके जाने पर महिला पुलिसकर्मियों पर तन गयीं. घंटों दोनों के बीच नोक-झोंक होती रही. काफी मशक्कत के बाद पुलिसकर्मियों ने महिलाओं की उग्र भीड़ पर काबू पाया. इसके बाद महिलाओं ने जम कर नारेबाजी की.
संघ की महिला नेताओं ने आंगनबाड़ी सेविकाओं को सरकारी कर्मी का दर्जा देने, स्थायी वेतन देने अनुकंपा के नियमों को लागू करने संबंधी मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखने की बात कही. संघ की प्रदेश अध्यक्ष गीता कुमारी ने कहा कि सरकार की जनकल्याण योजनाओं का क्रियान्वयन आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिका से कराया जा रहा है. इसके लिए उनसे 12 -12 घंटे का काम भी कराया जा रहा है, लेकिन इसके बदले मिलने वाले मानदेय मजदूर अधिनियम के खिलाफ मात्र 3750 रुपये का मानदेय दिया जा रहा है, जबकि उनकी निर्धारित कार्य अवधि चार घंटे ही है. ऐसे में सरकार से मांग है कि 1975 से कार्यरत आंगनबाड़ी सेविकाओं को सरकारी कर्मी का दर्जा देने की मांग की गयी.
प्रदर्शनकारी आशा कर्मचारियों पर लाठीचार्ज
मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे आशा कर्मचारियों पर लाठीचार्ज किया गया. यह घटना उस समय हुई, जब कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल विधानसभा गेट के पास प्रदर्शन कर रहा था. बिहार राज्य आशा संघ के अध्यक्ष कौशलेंद्र कुमार वर्मा का आरोप है कि पुलिस ने उन सबों को सीएम से मिलने नहीं दिया और लाठीचार्ज कर दिया. इसमें सात लोगों को गंभीर चोटें आयी और उनका इलाज कराया गया. घायलों में बेबी सिन्हा, आरती पटेल सहित सात लोग शामिल हैं.
संहिता के अनुरूप नियुक्ति की मांग
बिहार राज्य ग्रामीण कार्य विभाग कर्मचारी ने महासचिव सूर्यवंशी सिंह ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिव की मनमानी के कारण संहिता के अनुरूप नियुक्ति व स्थानांतरण नहीं किया जाता है. कर्मियों की पदोन्नति वर्षों से रुकी है, लेकिन उनका तबादला मनमाने ढंग से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को अपने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आवाज बुलंद करनी होगी, तभी सरकार तक अपनी बात हम पहुंचा सकते हैं.
तो होगा और बड़ा आंदोलन
बिहार राज्य पथ एवं भवन निर्माण विभाग कर्मचारी यूनियन गोप गुट के बैनर तले मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में पथ एवं भवन निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. गर्दनीबाग धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों समेत 11 सूत्रीय मांगाें को लागू करने की बात कह रहे थे. कर्मचारियों ने कहा कि सरकार हमारी मांगों को अनदेखा न करें, वरना हम बड़ा आंदोलन करेंेगे. यूनियन की ओर से फकरुद्दीन अली और छटू लाल आदि मौजूद थे.
सांख्यिकी स्वयंसेवक संघ ने किया प्रदर्शन
बिहार राज्य मान्यता प्राप्त सांख्यिकी स्वयंसेवक संघ की ओर से गर्दनीबाग धरना स्थल पर प्रदर्शन किया. प्रदेश महासचिव दुर्गा बिहारी ने कहा कि सरकार हमें हमेशा आश्वासन देकर वादाखिलाफी करती है. जब तक हमें सरकार सरकारी कर्मी नहीं घोषित किया जायेगा, हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा. इस दौरान सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की गयी. प्रदर्शन में दुर्गा बिहारी, मंजय कुमार चंद्रवंशी, मुरारी यादव, हमित रजा, राहुल यादव, मनोज राम, दिनेश सिंह, संतोष सिंह आदि मौजूद थे.
समान वेतन को लेकर दिया धरना
समान काम के लिए समान वेतन एवं पांच वर्षों के बकाये अनुदान के भुगतान की मांग को लेकर वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोरचे ने विधानमंडल का घेराव किया. इस मौके पर राज्य के वित्तरहित शिक्षा कर्मी मौजूद थे. विधानमंडल घेराव के साथ महाधरना का भी आयोजन किया गया. अध्यक्ष प्रो. राम विनेश्वर सिंह, महासचिव जय नारायण सिंह मधु ने बताया कि 240 संबद्ध डिग्री एवं 500 इंटर स्तर महाविद्यालयों में करीब 40 हजार शिक्षा कर्मी इसमें फंसे हैं. पांच सालों से अनुदान भी बाकी है.
अभ्यर्थियों ने किया विस का घेराव
अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बिहार राज्य टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ ने मंगलवार को विधानसभा का घेराव किया. संध ने आरोप लगाया कि सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है, जबकि संध की ओर से कई ध्यान आकृष्ट कराया गया है. प्रदर्शन गेटवे लाइब्रेरी से लेकर गेट नंबर वन, गर्दनीबाग तक आया. घेराव का नेतृत्व प्रदेश संयोजक संतोष श्रीवास्तव ने किया. वहीं इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष सुनील यादव, महासचिव चंदन शर्मा के अलावा पांच सौ अभ्यर्थी मौजूद थे.

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