इसके बाद यह सवाल खड़ा हुआ था कि अनिल अगर मुंगेर में नियोजित शिक्षक था, तो फिर वह बिहार बोर्ड में कैसे प्रतिनियुक्त हो गया, जबकि यह नियमानुसार गलत था. इस मामले में एसआइटी ने बिहार बोर्ड प्रशासन से भी जानकारी ली, तो उन अधिकारियों ने भी इसे गलत बताया. इसके बाद वर्ष 2014 में मुंगेर में डीडीसी के रूप में तैनात नागेन्द्र सिंह को पूछताछ के लिए बुलाया गया और उनसे एसआइटी सवाल कर रही है.
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मुंगेर के पूर्व डीडीसी हिरासत में, पूछताछ
पटना. बिहार बोर्ड के घोटालों को लेकर मुंगेर के पूर्व डीडीसी नागेंद्र कुमार सिंह को एसआइटी ने हिरासत में िलया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. उनसे यह जानकारी ली जा रही है कि उन्होंने किस परिस्थिति में मुंगेर जिले के तारापुर में नियोजित शिक्षक अनिल कुमार को बिहार बोर्ड में प्रतिनियुक्ति के लिए […]
पटना. बिहार बोर्ड के घोटालों को लेकर मुंगेर के पूर्व डीडीसी नागेंद्र कुमार सिंह को एसआइटी ने हिरासत में िलया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. उनसे यह जानकारी ली जा रही है कि उन्होंने किस परिस्थिति में मुंगेर जिले के तारापुर में नियोजित शिक्षक अनिल कुमार को बिहार बोर्ड में प्रतिनियुक्ति के लिए एनओसी दिया था. हालांकि, एसआइटी ने उनसे हुई पूछताछ को फिलहाल गुप्त रखा है और इस संबंध में जानकारी देने से परहेज कर रहे हैं. एसआइटी ने नालंदा के हिलसा के निवासी अनिल कुमार को पकड़ कर जेल भेज दिया था.
विवेक, टॉपर्स व उनके परिजनों को पकड़ने के लिए चार राज्यों में हो रही छापेमारी : पूर्व बिहार बोर्ड अध्यक्ष लालकेश्वर के दामाद विवेक, तीन टॉपर्स व उनके परिजनों को पकड़ने के लिए बिहार, यूपी, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र में छापेमारी हो रही है. इन सभी के खिलाफ पुलिस को गिरफ्तारी वारंट हासिल हो चुका है. लगातार तीन दिनों से न्यायालय बंद होने के कारण पुलिस इन लोगों के खिलाफ आगे की कार्रवाई के लिए न्यायालय में आवेदन नहीं दे पायी है. सोमवार को टॉपर्स के परिजनों के खिलाफ इश्तेहार के लिए एसआइटी न्यायालय से आग्रह कर सकती है. अगर इश्तेहार का निर्देश मिलता है, तो फिर कुर्की-जब्ती के लिए आग्रह किया जायेगा.
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