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बिहार के पास औद्योगिक नीति नहीं : सुशील मोदी

पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि आज की तिथि में बिहार में कोई औद्योगिक नीति नहीं है. बिना किसी औद्योगिक नीति के ही राज्य चल रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शराबबंदी के राष्ट्रीय अभियान में इतने मशगूल हो गये कि नयी औद्योगिक नीति 2016 को अंतिम रूप देकर लागू करना […]

पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि आज की तिथि में बिहार में कोई औद्योगिक नीति नहीं है. बिना किसी औद्योगिक नीति के ही राज्य चल रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शराबबंदी के राष्ट्रीय अभियान में इतने मशगूल हो गये कि नयी औद्योगिक नीति 2016 को अंतिम रूप देकर लागू करना तो दूर पुरानी औद्योगिक नीति 2011 को विस्तारित करना भी भूल गए हैं. पुरानी औद्योगिक नीति का 30 जून को कार्यकाल समाप्त हो गया.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्टार्ट अप, वेंचर कैपिटल फंड, हस्त शिल्प, वस्त्र आदि क्षेत्रों में नयी नीति बनाने का ऐलान किया था, लेकिन यह सब अभी तक कागज पर ही है. मैनुफैक्चरिंग सेक्टर के लिए टास्क फोर्स द्वारा विजन डॉक्यूमेंट तैयार नहीं हो सका है. वेंचर कैपिटल फंड के लिए 500 करोड़ की घोषणा के बावजूद मात्र 50 करोड़ का बजट में प्रावधान किया गया है.

उद्योगों के लिए जमीन के लिए आओ बिहार निजी औद्योगिक क्षेत्र योजना पूरी तरह से विफल हो गयी है. एक ओर राइस मिल के 63 प्रस्ताव और खाद्य प्रसंस्करण के 87 प्रस्ताव महीनों से लंबित है वहीं खाद्य प्रसंस्करण योजना की विस्तारित अवधि भी 30 जून को समाप्त हो गयी है. राज्य की आइटी नीति 2011 को पांच वर्ष हो गये, लेकिन 100 करोड़ का भी पूंजी निवेश नहीं हो सका है. राज्य सरकार ने नयी आइटी नीति बनाने पर भी चुप्पी साध ली है. मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री बताएं कि बिना औद्योगिक नीति और भोथरी हो चुकी आइटी नीति के अभाव में क्या केवल शराबबंदी से राज्य में पूंजी निवेश और लोगों को रोजगार मिल पायेगा?
विकसित बिहार के सपने को साकार कर रहे हैं पीएम : चौरसिया
भाजपा के प्रदेश महामंत्री और दीघा विधायक डॉ संजीव चौरसिया ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकसित बिहार के सपनों को साकार करने में लगे हैं. इस काम में उनके मंत्रिमंडल की पूरी टीम जुटी है. डॉ चौरसिया ने कहा कि धरातल पर उतर रही केंद्र की योजनाओं से जदयू में छटपटाहट और बेचैनी बढ़ गयी है. मुख्यमंत्री का सात निश्चिय कुछ भी नया नहीं है. यह 2010–2015 के लिए निर्धारित सुशासन के कार्यक्रम का वह एजेंडा है जिसकी हवा निकल गयी है.

उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कृषि और किसान के विकास से जुड़ी एक दर्जन योजनाएं बिहार को दी. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कई प्रोजेक्ट दिया. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क परियोजनाओं के लिए धनराशि दी. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बरौनी कारखाना को जिंदा करने के लिए रुपये देने की बात की है. कौशल विकास राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी की योजनाएं युवकों की जुबान पर है. रेल मंत्री सुरेश प्रभु और राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने बिहार को अनगिनत रेल परियोजना दी.

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