23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उग्रवादग्रस्त जिलों में गूजेंगी स्वर लहरियां

उग्रवादग्रस्त जिलों के चार-चार प्रखंडों में होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम व खेलकूद प्रतियोगिताएं पटना : बिहार के उग्रवाद ग्रस्त जिलों में राह से भटके युवकों व महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए सिर्फ समाज कल्याण और गृह विभाग ही सक्रिय नहीं हुआ है, बल्कि युवा कला-संस्कृति विभाग भी महती भूमिका निभायेगा. इन जिलों […]

उग्रवादग्रस्त जिलों के चार-चार प्रखंडों में होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम व खेलकूद प्रतियोगिताएं
पटना : बिहार के उग्रवाद ग्रस्त जिलों में राह से भटके युवकों व महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए सिर्फ समाज कल्याण और गृह विभाग ही सक्रिय नहीं हुआ है, बल्कि युवा कला-संस्कृति विभाग भी महती भूमिका निभायेगा. इन जिलों में कला संस्कृति विभाग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करेगा. यही नहीं, विभाग 11 जिलों के युवक-महिलाओं के चाक्षुष कला व खेल कूद का प्रशिक्षण भी देगा.
युवा कला संस्कृति विभाग 11 जिलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम व खेलकूद प्रतियोगिताओं के आयोजन पर 22 लाख रुपये खर्च करेगा.
विभाग ने सभी उग्रवाद ग्रस्त जिलों के कम-से-कम चार-चार प्रखंडों में सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित करने का
रुटीन तय कर दिया है. इन जिलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों व खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन जिलाधिकारियों द्वारा तय स्थलों पर ही किया जायेगा.
सांस्कृतिक कार्यक्रमों व खेलकूद प्रतियोगिताओं में क्षेत्र के ही युवाओं व महिलाओं को विभाग प्राथमिकता देगा. विभाग के अधिकारी व संस्कृतिकर्मी सिर्फ उन्हें निर्देश व प्रोत्साहित करेंगे.
पहले चरण में विभाग बिहार के कैमूर, औरंगाबाद, गया, पश्चिमी चंपारण, सारण, सासाराम और मुजफ्फरपुर के चार-चार प्रखंडों में सांस्कृतिक कार्यक्रम व खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन करेगा. सात जिलों में सफलता मिली, तो प्रभावित शेष चार जिलों में दूसरे चरण में चार-चार प्रखंडों में विभाग कार्यक्रम आयोजित करेगा.
दो आंखें बारह हाथ’ से मिली प्रेरणा
मशहूर फिल्मकार व्ही शांताराम ने 1957 में डाकुओं के हृदय परिवर्तन ‌विषय पर ‘दो आंखे बाहर हाथ’ फिल्म बनायी थी. फिल्म में उन्होंने गीत-संगीत से डाकुओं का हृदय परिवर्तन होते दिखाया था. फिल्म को राष्ट्रपति पुरस्कार मिला था. व्ही शांताराम की इस फिल्म का असर 59 वर्ष बाद भी कायम है.
कला संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने दिल्ली के फिल्म फेस्टिवल में पूर्व कला संस्कृति मंत्री के साथ ‘दो आंखें बारह हाथ’ देखी थी, तभी विभाग ने उग्रवाद ग्रस्त जिलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने का निर्णय लिया था. अब यह योजना जमीन पर उतर रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें