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अब किसी भी सरकारी योजना की जांच कर सकेगी निगरानी
निर्णय. तकनीकी परीक्षण कोषांग को िमला अधिकार कोषांग की जांच टीम में निर्माण विभाग के इंजीनियर के अलावा निगरानी विभाग के अधिकारी भी शामिल रहेंगे. यह टीम राज्य में किसी भी स्थान पर जाकर किसी योजना की जांच करेगी. पटना : राज्य में सरकारी योजनाओं के गुणवत्ता की सतत मॉनीटरिंग अब निगरानी विभाग भी करेगी. […]
निर्णय. तकनीकी परीक्षण कोषांग को िमला अधिकार
कोषांग की जांच टीम में निर्माण विभाग के इंजीनियर के अलावा निगरानी विभाग के अधिकारी भी शामिल रहेंगे. यह टीम राज्य में किसी भी स्थान पर जाकर किसी योजना की जांच करेगी.
पटना : राज्य में सरकारी योजनाओं के गुणवत्ता की सतत मॉनीटरिंग अब निगरानी विभाग भी करेगी. निगरानी विभाग की एक इकाई ‘तकनीकी परीक्षण कोषांग’ को यह अधिकार दिया गया है कि राज्य में चलने वाली किसी भी सरकारी योजना की जांच कभी भी कर सकता है. एक करोड़ या इससे ज्यादा की किसी योजना का औचक निरीक्षण यह कोषांग निर्माण स्थल पर पहुंच के कर सकता है.
कोषांग की जांच टीम में निर्माण विभाग के इंजीनियर के अलावा निगरानी विभाग के अधिकारी भी शामिल रहेंगे. यह टीम राज्य में किसी भी स्थान पर जाकर किसी योजना की जांच करेगी. अगर इसमें किसी तरह की गड़बड़ी पायी गयी, तो उसी समय किसी संबंधित दोषी इंजीनियर, ठेकेदार या किसी पदाधिकारी या कर्मचारी पर कार्रवाई की जायेगी. किसी योजना में गड़बड़ी पाये जाने पर उसकी जांच करके इसकी रिपोर्ट तैयार करके निगरानी विभाग को सौंप दी जायेगी. इस रिपोर्ट के आधार पर संबंधित विभाग दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा.
साथ ही गड़बड़ी मिलने पर निगरानी विभाग भी अपने स्तर पर एफआइआर दर्ज कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई करेगा. निगरानी की जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी की बात का विस्तार से उल्लेख किया रहेगा. इसमें तमाम तकनीकी पक्षों को बताते हुए गड़बड़ी की सटीक जानकारी दर्ज रहेगी. ताकि किसी को कभी भी रिपोर्ट पर सवाल उठाने का मौका नहीं मिल सके.
निगरानी विभाग के तीन अहम शाखाओं में एक तकनीकी परीक्षण कोषांग के पास पहले 5 करोड़ से अधिक के निर्माण योजनाओं की जांच करने का अधिकार था. वह भी किसी योजना में किसी तरह की शिकायत मिलने के बाद. परंतु इनके जांच अधिकार के दायरे को बढ़ा दिया गया है.
अब इसके तहत एक करोड़ तक या इससे अधिक की कोई भी सरकारी योजना का औचक निरीक्षण यह इकाई कर सकता है. जांच का अधिकारी बढ़ने से निगरानी को निर्माण योजनाओं में चल रहे भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने में विशेष मदद मिलेगी.
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