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गुटखे पर चेतावनी नहीं छापी तो जब्ती के साथ एफआइआर

सख्ती़. तंबाकू उत्पादों की पैकेजिंग और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध सभी तरह के तंबाकू उत्पादों के पैकेट की दोनों तरफ 85 फीसदी हिस्से पर स्वास्थ्य चेतावनी का चित्र छापना आवश्यक है. इस मानक का पालन न करनेवाले सभी तंबाकू उत्पादों की आज से पैकेजिंग और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है. पटना : […]

सख्ती़. तंबाकू उत्पादों की पैकेजिंग और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध
सभी तरह के तंबाकू उत्पादों के पैकेट की दोनों तरफ 85 फीसदी हिस्से पर स्वास्थ्य चेतावनी का चित्र छापना आवश्यक है. इस मानक का पालन न करनेवाले सभी तंबाकू उत्पादों की आज से पैकेजिंग और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है.
पटना : सचिव सह राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक जीतेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) लागू करना सरकार की प्राथमिकता में हैं. उन्होंने बताया कि सभी तरह के तंबाकू उत्पादों के पैकेट के दोनों तरफ 85 फीसदी हिस्से पर स्वास्थ्य चेतावनी का चित्र छापना आवश्यक है. इस मानक का पालन न करनेवाले सभी तंबाकू उत्पादों की आज से पैकेजिंग और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है.
साथ ही सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जिला, अनुमंडल व प्रखंड स्तर पर छापामार दस्ता द्वारा नियमित छापेमारी करायी जाये. गुटखा व पान मसाला के सभी पैकेट, जिनके 85 फीसदी हिस्से पर चेतावनी न हो उसे तत्काल जब्त कर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाये. स्वास्थ्य सचिव गुरुवार को सूचना भवन में आयोजित तंबाकू नियंत्रण को लेकर स्टेट लेवल मीडिया सेंसटाइजेशन कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बताया कि राज्य में कोटपा कानून को लागू कराने के लिए राजस्व, यातायात, वाणिज्यकर, खाद्य सुरक्षा, औषधि नियंत्रण तथा पुलिस विभाग के अधिकारियों को जांच एवं जब्ती का अधिकार दिया गया है.
राज्य में पूर्ण शराबबंदी को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब बताया कि राज्य में शराब के कारण पांच लोगों के मौत की सूचना है. इसमें दो लोग गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुंचे थे, जबकि दो लोगों की गलत डायग्नोसिस की गयी. एक व्यक्ति की मौत शराब को लेकर हुई है.
उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर डिएडिक्शन सेंटर आरंभ करने का पीछे वजह यह थी कि मरीजों को अधिक जोखिमवाली दवाएं दी जाती हैं. दवा देने के बाद मरीज की सघन निगरानी रखनी पड़ती है. इलाज शुरू करने के पहले शराब पीनेवाले से दवा दिये जाने को लेकर सहमति ली जाती है. अभी इस दिशा में आरंभिक काम शुरू हुआ है.
इस मौके पर तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी डाॅ एम के सिन्हा ने तंबाकू से समाज व स्वास्थ्य पर पड़नेवाले प्रभाव की जानकारी दी. कार्यशाला में राज्य स्वास्थ्य समिति के अपर निदेशक हिमांशु राय, मसूद आलम ने अपने विचार रखे.
दृढ़ इच्छाशक्ति से छोड़ा जा सकता है तंबाकू
सूचना जनसंपर्क विभाग के निदेशक विपिन कुमार सिंह ने दृढ़ इच्छाशक्ति से तंबाकू को छोड़ा जा सकता है. तंबाकू नियंत्रण को लेकर प्रभात खबर में छपी रिपोर्ट की उन्होंने प्रशंसा की और कहा कि अन्य अखबार भी इस तरह का काम कर रहे हैं.
कंपनियां कर रहीं गुमराह
अब भी तंबाकू उत्पादन करनेवाली कंपनियां सरकारी मशीनरी को गुमराह कर रही है. जिलों में वह अधिकारियों को भ्रमित कर पुराना माल बेच रहे हैं, जबकि ऐसा करना सख्त मना है.
दीपक मिश्रा,
सीड्स

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