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नीतीश ही सबसे भरोसेमंद चेहरा : शरद पवार

विकल्प : शरद पवार गैर भाजपा गंठबंधन के पक्ष में, बोले राकांपा ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में भाजपा विरोधी गंठबंधन में शामिल होने का संकेत दिया है और कहा है कि ऐसे गंठबंधन के लिए वह सबसे भरोसेमंद चेहरा हैं.राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार का मानना है कि राष्ट्रीय स्तर पर गैर-भाजपा गंठबंधन […]

विकल्प : शरद पवार गैर भाजपा गंठबंधन के पक्ष में, बोले
राकांपा ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में भाजपा विरोधी गंठबंधन में शामिल होने का संकेत दिया है और कहा है कि ऐसे गंठबंधन के लिए वह सबसे भरोसेमंद चेहरा हैं.राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार का मानना है कि राष्ट्रीय स्तर पर गैर-भाजपा गंठबंधन के लिए सबसे विश्वसनीय नेता बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार हैं.
यदि देश में कोई गैर-भाजपा गंठबंधन बनता है, तो राकांपा उसके साथ होगी. उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी की बजाय सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस कहीं ज्यादा असरदार है. पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने अंगरेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स से खास बातचीत में यह विचार व्यक्त किया है. नीतीश कुमार ने पिछले दिनों गैर भाजपा दलों की एकजुटता का आह्वान किया था.
अखबार के मुताबिक, पवार ने कहा कि पिछले साल नवंबर में बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की जीत ने कांग्रेस और भाजपा से निराश लोगों को एक ‘उम्मीद’ दिया. आज अगर देश में विपक्ष को विकल्प देना हो तो वह (नीतीश कुमार) एकमात्र नाम हैं. कांग्रेस के पास ऐसा कोई चेहरा नहीं है और मुख्यमंत्री होने के कारण नीतीश के पास प्रभाव है.
राहुल की अपेक्षा सोनिया की स्वीकार्यता ज्यादा : उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों में सोनिया गांधी की स्वीकार्यता ज्यादा है. वह अलग-अलग विचारों को भी प्रधानता देती हैं. राहुल गांधी के बारे में पवार ने कहा कि उनमें बदलाव तो आया है, लेकिन फिलहाल कोई राय देना जल्दबाजी होगी. इसमें दो राय नहीं कि वह राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मजबूत पकड़ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि अगले तीन वर्षों में उनका प्रदर्शन कैसा रहता है. आज की तारीख में यह कहा जा सकता है कि राहुल गांधी देश के इकलौते नेता हैं, जो अधिकतर राज्यों में जा रहे हैं.
अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, पवार ने कहा, अगस्ता वेस्टलैंड मामले की जांच को लेकर केंद्र सरकार बहुत गंभीर नहीं दिख रही है. भाजपा के कई नेताओं ने उनसे अनौपचारिक बातचीत में कहा है कि इसमें कुछ खास दम नहीं है.
जब पहली बार आरोप सामने आया, तो तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने तुरंत डील रद्द करने का निर्णय किया था. जो अडवांस दिया गया था, उसे भी वापस ले लिया गया. सीबीआइ की जांच शुरू हुई. अब सोचिए कि यदि इसमें अवैध लेन-देन हुआ होता, तो फिर इतनी कार्रवाई कैसे होती? कॉन्ट्रैक्ट रद्द हो जाये, तो पैसे कौन देगा? जो आरोप लगा रहे हैं, उन्हें भी यह सब पता है. पवार ने कहा कि केंद्र सरकार संसद में कामकाज के प्रति भी गंभीर नहीं है और सुब्रमण्यम स्वामी का इस्तेमाल निशाना साधने के लिए कर रही है. दो दिन सुब्रमण्यम स्वामी खड़े हुए और राज्यसभा ठप हो गयी.
पवार ने कहा कि 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा की जीत होने की ज्यादा संभावना दिखती है. उन्होंने विजय माल्या के पिता विट्टल माल्या से अपने दोस्ताना संबंधों की चर्चा करते हुए कहा कि माल्या के प्रति मीडिया का रुख अनुचित है. कारोबार में फेल होने को आपराधिक व्यवहार से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
कांग्रेस अहम तो है, पर नीतीश ही जोड़नेवाली ताकत होंगे
पवार ने नीतीश की अगुआई में गैर भाजपा गंठबंधन के साथ राकांपा के शामिल रहने का संकेत देते हुए कहा कि किसी भी गैर भाजपा गंठबंधन के लिए कांग्रेस अहम तो है, लेकिन जोड़नेवाली ताकत नीतीश ही होंगे.
पवार ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भाजपा विरोधी दलों के गंठबंधन में नीतीश कुमार की तरह भूमिका नहीं निभा सकते. इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश केंद्र में मंत्री रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री हैं. वह जमीन से जुड़े हुए कार्यकर्ता व नेता हैं. दूसरी तरफ केजरीवाल को कोई नहीं जानता. हमने तो उनका नाम भर सुना है.’
हम किसी गलतफहमी के शिकार नहीं : त्यागी
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता व महासचिव के सी त्यागी ने पवार के बयान पर कहा िक हमारी छोटी पार्टी है. हम किसी गलतफहमी के शिकार नहीं हैं. कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर की बड़ी पार्टी है. वह भी विपक्षी एकता की बड़ी धूरि है. नीतीश कुमार ने जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कह दिया था कि मैं प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं हूं. अभी लोकसभा का चुनाव भी नहीं होने जा रहा है.
लेकिन, बिहार में महागंठबंधन के सबसे बड़े स्तंभ लालू प्रसाद आैर उनके बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव, जेवीएम के अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी के बाद देश के एल्डर स्टेट्समैन शरद पवार ने अपने अनुभव के आधार पर जदयू के अध्यक्ष के बारे में जो कुछ कहा है, वह हमें और हमारी पार्टी के लिए स्वाभिमान की बात है. सहयोगी दलों के नेता इस तरह के विचार रखते हैं, इसलिए जदयू उन्हें धन्यवाद देता है.

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