पटना: सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अखिल भारतीय सेवा के वैसे अधिकारी (आइएएस, आइपीएस व आइएफएस) जो संपत्ति का ब्योरा नहीं देंगे. उन्हें प्रोन्नति के लिए विजिलेंस क्लियरेंस नहीं मिलेगा.
इतना ही नहीं उनके कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (पीएआर) में प्रतिकूल टिप्पणी दर्ज की जायेगी. पिछले वर्ष 51 आइपीएस व एक दर्जन आइएएस अधिकारियों ने संपत्ति का ब्योरा समय पर नहीं दिया था. इस कारण उन्हें शो काऊज किया गया था. सामान्य प्रशासन विभाग ने गुरुवार को आदेश जारी किया है.
आदेश में कहा गया है कि अखिल भारतीय सेवा आचार संहिता नियमावली के तहत हर अधिकारी को 31 दिसंबर तक अजिर्त संपत्ति का ब्योरा 31 जनवरी तक देना अनिवार्य कर दिया गया है. विवरणी को 15 फरवरी, 2013 को केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रलय की वेबसाइट पर हर हाल में ऑन लाइन करना है. सरकार ने संपत्ति की विवरणी को विजिलेंस क्लियरेंस से संबद्ध करने का फैसला लिया है. जो अधिकारी विवरणी नहीं देंगे, उन्हें विजिलेंस क्लियरेंस नहीं मिलेगा.
अधिकारियों की बैठक 10 को
गृह विभाग में आइपीएस अधिकारियों की संपत्ति विवरणी दाखिल करने के मुद्दे पर 10 जनवरी को विभागीय अधिकारियों की बैठक होगी. उसमें उन्हें विवरणी ऑन लाइन करने की ट्रेनिंग दी जायेगी. राज्य सरकार ने भी अपने कर्मियों को संपत्ति की विवरणी 28 फरवरी तक प्रशासी पदाधिकारी के माध्यम से बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन में समर्पित करने को कहा है. इसके लिए हर विभाग में अलग से सेल का गठन किया जायेगा. आइटी मैनेजर को प्रतिनियुक्त किया जायेगा. जिन विभागों में आइटी मैनेजर नहीं हैं, वहां दूसरे विभाग के आइटी मैनेजर को संबद्ध किया गया है. राज्यकर्मियों की संपत्ति एक अप्रैल, 2014 को ऑन लाइन कर दी जायेगी.