पटना: जिला व निगम प्रशासन के निर्देश पर राजधानी के रैन बसेरों व सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था की जानी है, ताकि बेसहारा लोगों को राहत मिल सके. सोमवार की रात प्रभात खबर रिपोर्ट ने उन स्थानों का जायजा लिया, जहां जिला व निगम प्रशासन को अलाव की व्यवस्था करनी है. कहीं अलाव जल रहा था, तो कहीं नहीं.
मीठापुर बस स्टैंड : दो दिनों पहले प्रभारी जिलाधिकारी ने निर्देश दिया था कि मीठापुर बस स्टैंड के समीप अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करें. सोमवार की रात. समय 8:45 बजे. मीठापुर बस स्टैंड के समीप कहीं भी अलाव नहीं जल रहा था. अलाव की व्यवस्था नहीं होने के कारण कुछ भिखारी दो-तीन जगहों पर बैठे दिखे,जो ठंड से ठिठुर रहे थे.
जंकशन परिसर : जंकशन परिसर स्थित रिक्शा पड़ाव के समीप अलाव जल रहा था, लेकिन रात के नौ बजे अलाव की तपिश कम हो रही थी. आठ-दस की संख्या में रिक्शा चालक व बेसहारा लोग अलाव के घेरे बैठे थे. लोगों का कहना था कि प्रशासन के लोग पांच बजे लकड़ी गिरा देते हैं, लेकिन पूरी रात इस लकड़ी से रात गुजारनी मुश्किल है.
चीना कोठी रैन बसेरा : यहां चार रैन बसेरे हैं, जिसमें सिर्फ एक जगह अलाव जल रहा था. 9.15 बजे रात गुजारने के लिए मात्र एक लकड़ी बची हुई थी. अलाव की तपिश धीरे-धीरे कम होरही थी.
अलाव के समीप बैठे सुरेश व गोपाल राय कहते हैं कि रोज साढ़े नौ से दस बजे के बीच अलाव खत्म हो जाता है. पूरी रात ठिठुरते रहते हैं. प्रशासन अलाव के नाम पर दिखावा कर रहा है.
आर ब्लॉक चौराह : चौराहा पर दो रैन बसेरा हैं. इनमें सिर्फ एक जगह अलाव जल रहा था,जहां पांच लोग बैठे हुए थे. इन लोगों के लिए सिर्फ एक लकड़ी जल रही थी. बताया कि निगमकर्मी पांच से छह के बीच लकड़ी गिरा कर चले जाते हैं, जो दस बजे तक खत्म हो जाता है. उसके बाद अपनी व्यवस्था पर रात गुजरती है.