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फर्जी छात्रवृत्ति भुगतान की होगी निगरानी जांच
सीएम ने िदया आदेश. एससी-एसटी कल्याण विभाग में हड़कंप पटना : राज्य सरकार ने इंजीनियरिंग काॅलेजों के एससी- एसटी छात्रों के छात्रवृत्ति भुगतान के मामले की निगरानी जांच का आदेश दिया है. आरोप है कि उन काॅलेजों को भी छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान कर दिया गया है, जिनमें ये छात्र पढ़ ही नहीं रहे […]
सीएम ने िदया आदेश. एससी-एसटी कल्याण विभाग में हड़कंप
पटना : राज्य सरकार ने इंजीनियरिंग काॅलेजों के एससी- एसटी छात्रों के छात्रवृत्ति भुगतान के मामले की निगरानी जांच का आदेश दिया है. आरोप है कि उन काॅलेजों को भी छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान कर दिया गया है, जिनमें ये छात्र पढ़ ही नहीं रहे थे. सरकार को मिली इस अाशय की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निगरानी से जांच कराने का आदेश दिया है.
इसके बाद अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग में हड़कंप मच गया है. निगरानी ने विभाग से काॅलेजों को छात्रवृत्ति भुगतान की सारी फाइलें मांगी हैं. निगरानी ने महादलित विकास मिशन के तहत प्रशिक्षण देने व इसके एवज में राशि के भुगतान में बड़ी गड़बडी पकड़ी है. सरकार ने इसकी भी निगरानी जांच का आदेश दिया है.
जिन पतों का िजक्र था, वहां कॉलेज िमले ही नहीं
पिछले तीन साल में एससी-एसटी कल्याण विभाग में 274 इंजीनियरिंग काॅलेज रजिस्टर्ड किये गये हैं. यहां पढ़नेवाले छात्रों को राज्य सरकार की ओर से सालाना औसतन 90 हजार से एक लाख तक की छात्रवृत्ति मिलती है. पिछले दिनों यह मामला तब चर्चा में आया, जब कई संस्थानों ने छात्रवृत्ति न मिलने पर छात्रों को निकालने की बात कही थी.
विभाग की अंदरुनी जांच में यह बात सामने आयी कि कई एेसे छात्रों को छात्रवृत्ति मिली, जिनका पता सही नहीं था. कई काॅलेज एेसी जगह थे, जिनके नाम लोगों ने नहीं सुने थे. सुशील कुमार मोदी ने इसमें गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की. अनजान जगह पर स्थापित काॅलेज में दो- दो सौ लोगों का नामांकन था. कई काॅलेजों के जो पते िदये गये थे, उन जगहों पर काॅलेज थे ही नहीं.
मुख्य सचिव ने दिया था निगरानी जांच का प्रस्ताव
मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को पूरे मामले की जांच निगरानी से कराने का प्रस्ताव दिया था, जिस पर मुख्यमंत्री ने सहमति दी है. जांच का आदेश विभाग में पहुंच चुका है. जांच के दायरे में छात्रवृत्ति के अलावा आवासीय विद्यालयों में सामान की आपूर्ति और तकनीकी संस्थानों का नामांकित किया जाना शामिल है. जब से निगरानी जांच की बात हुई है, तबसे छात्रवृत्ति का भुगतान बंद है. 20 हजार के करीब छात्र तकनीकी संस्थानों में पढ़ रहे हैं.
मार्च लूट रोकने को ट्रेजरी में तैनात रहेगा निगरानी का दस्ता
पटना : राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन तक सरकारी पैसे की जालसाजी से निकासी पर रोक लगाने के लिए कमर कस ली है. इसे लिए निगरानी ब्यूरो को जिम्मेवारी सौंपी गयी है.
निगरानी की तीन टीमें कोषागारों में तैनात रहेंगी. पटना के तीन कोषागारों में अलग से निगरानी टीम को मौजूद रहने को कहा गया है. टीम में वित्तीय मामलों के जानकार अधिकारियों को शामिल किया गया है. टीम की नजर 31 मार्च तक कोषागारों से निकलनेवाली राशि पर हाेगी. प्रमंडल स्तर पर भी टीम की तैनाती का आदेश दिया गया है.
निगरानी विभाग के प्रधान सचिव ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों को अपने स्तर से टीम गठित करने का निर्देश दिया है. साथ ही मुख्यालय से तैनात किये गये अधिकारियों की जानकारी भी दी है. निगरानी की टीम के साथ प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के एडीएम स्तर के अधिकारी को भी शामिल किया है.
इसकी भी जांच करेगा निगरानी ब्यूरो
महादलित विकास मिशन के तहत प्रशिक्षण व राशि का भुगतान
राज्य के आवासीय विद्यालयों में सामान की आपूर्ति में गड़बड़ी का मामला
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