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मेयर महाशय! शर्म आती है गंदगी देख कर, सुधरो, नहीं तो कार्रवाई

सीएम की फटकार : विकास पर गंदगी बरदाश्त नहीं, चुप नहीं बैठेंगे हाथ जोड़ कर कहा, जनता पर कृपा करें, हमलोगों की जगहंसाई कम कराएं पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना में गंदगी को लेकर मेयर अफजल इमाम को जम कर फटकार लगायी. कहा कि पटना की सफाई व्यवस्था देख कर मेरा […]

सीएम की फटकार : विकास पर गंदगी बरदाश्त नहीं, चुप नहीं बैठेंगे
हाथ जोड़ कर कहा, जनता पर कृपा करें, हमलोगों की जगहंसाई कम कराएं
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना में गंदगी को लेकर मेयर अफजल इमाम को जम कर फटकार लगायी. कहा कि पटना की सफाई व्यवस्था देख कर मेरा सिर शर्म से झुक जाता है. अखबारों में नगर निगम के अधिकारियों व मेयर के झगड़े की खबर देख कर मैं अजीज आ गया हूं.
सरकार सिर्फ पैसा दे सकती है, सफाई का काम तो नगर निगम को करना है. मौका था मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में नगर विकास व आवास और परिवहन विभाग की योजनाओं के शुभारंभ का. मुख्यमंत्री ने हाथ जोड़ कर मेयर से कहा, हमलोगों पर नहीं, जनता पर कृपा करें. हमलोगों की जगहंसाई कम कराएं, बस यही अपेक्षा है. वे यहीं तक नहीं रुके. कहा, रोड पर कचरा पड़ा रह जाता है. उसे उठाने की कोई व्यवस्था नहीं होती.
प्लीज, मेयर साहब, अब वह वक्त आ गया है कि इस पर ध्यान दें और सफाई कराएं यह जनता की समस्या है. कचरा देख कर लोग परेशान हैं. पंचम वित्त आयोग की सिफारिश 8000 करोड़ की है. यह राशि सभी नगर निकायों को दी जानी है. कूड़े का ढेर लगाने के लिए 8000 करोड़ रुपये नहीं दिये जायेंगे.
उंगली उठाते हैं बाहर से आनेवाले लोग
नीतीश कुमार ने कहा कि कचरा प्रबंधन और सफाई के लिए सरकार हर माह प्रति हाउसहोल्ड 100 रुपये अलग से देती है. बाहर से जो लोग आते हैं, वे हमारे विकास की तारीफ करते हैं, लेकिन शहर की सफाई व्यवस्था पर उंगली उठाते हैं. हमने जितने विकास के काम किये हैं, उन पर सफाई व्यवस्था के कारण पानी फिर जाये, तो यह बहुत ही दुखद है. हम कब तक मूकदर्शक बने रहें. सरकार के पास अंतिम अधिकार होता है, अब हम उसका भी प्रयोग करेंगे. चुप नहीं बैठेंगे.
देश-प्रदेश में रिश्ता, तो नगर निकाय में क्यों नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा, जब जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का रिश्ता देश-प्रदेश की सरकारों में चल रहा है, तो नगर निकाय में यह संभव क्यों नहीं है? इसके लिए अधिकारी और जनप्रतिनिधि दोनों सहयोग करें. अधिकारी डिमार्टमेंट नहीं हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी पैसे की कमी महसूस न करे. काम शुरू कर दें. सभी को केंद्रीय वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग, योजना मद, सात निश्चय व सफाई के लिए अलग से राशि देंगे. उसका सदुपयोग करें. अहम का टकराव नहीं होना चाहिए. सब को मिल कर जनता के लिए काम करना चाहिए.
हम काम के हैं स्मार्ट बात के नहीं
पटना : मुख्यमंत्री ने स्मार्ट सिटी को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है. कहा कि अब केंद्र सरकार सिटी को स्मार्ट बनाने जा रही है. बहुत लोग बात के स्मार्ट होते हैं और कुछ काम के स्मार्ट होते हैं. हम तो बात के स्मार्ट नहीं हैं, काम ऐसा करते हैं कि लोग कहते हैं कि स्मार्ट हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले स्मार्ट सिटी के लिए 100 शहरों का चयन किया था. इनमें पटना समेत कई राज्यों की राजधानी को जगह ही नहीं दी गयी थी. बिहार से मुजफ्फरपुर, भागलपुर व बिहारशरीफ को शामिल किया गया था. कहा गया कि स्मार्ट सिटी बनाने में पांच सालों में 500 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. यानी साल में 100 करोड़ मिलेंगे. पता नहीं इतने पैसे में कितना स्मार्टनेस आयेगा. अब जब पैसा नहीं है, तो स्मार्ट सिटी के लिए 100 शहरों में से 20 शहरों की लिस्ट जारी की. इसमें बिहार का कोई शहर नहीं है.
रिस्पेक्ट इज कमांडेड, नॉट डिमांडेड
सीएम ने कहा, पावर का मतलब क्या होता है? मुझे कभी यह कहते सुना है कि हम बड़े पावरफुल हैं. रिस्पेक्ट इज कमांडेड, नॉट डिमांडेड (इज्जत कमायी जाती है, मांगी नहीं जाती). जनता के दिल में जगह बन जाये, तो उसे बड़ी कोई बात नहीं है. अगले साल नगर निकाय के भी चुनाव होंगे. लोग आपको काम के आधार पर ही चुनेंगे. ऐसी ही स्थिति रही, तो राजनीतिक दलों के माध्यम से चुनाव करवाने के लिए पहल हो सकती है. आप जीत कर इसलिए नहीं आये हैं कि चादर तान कर सो जाएं. ऐसा नहीं होता है कि टकराव है, तो काम ही बंद कर दें.
सफाई सुधारें, मैं खुद आकर माला पहनाऊंगा
मुख्यमंत्री कहा कि मेयर साहब, लक्ष्य बना कर सफाई व्यवस्था करें. लक्ष्य बनाएं कि इतने सालों में दुरुस्त कर देंगे. सामने लक्ष्य होने से उसे आसानी से हासिल किया जा सकता है. हमने भी लक्ष्य बनाया था कि लोग बिहार के किसी भी हिस्से से छह घंटों में पटना आ सकें. इसे पूरा किया. अब इसे पांच घंटे के लक्ष्य को भी हासिल करेंगे. सीएम ने कहा, सफाई व्यवस्था को इंप्रूव करें. मैं खुद आकर आपको माला पहनाऊंगा. लोगों की मूर्ति तो मरने के बाद बनती है. अगर आप इसे दुरुस्त कर देंगे, तो लोग जीते जी आपकी मूर्ति बना कर माला चढ़ायेंगे.
मुझे भी बोलने का मौका िमलता, तो स्पष्ट कर देता : मेयर
पटना : सीएम की फटकार के बाद मेयर अफजल इमाम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिस मुद्दे पर फटकार लगायी, वह गलत नहीं है. मुझे भी अपनी बात रखने का मौका देते, तो स्थिति स्पष्ट हो जाती. मेरे कार्यकाल में स्थायी समिति और निगम बोर्ड की हर बैठक का पहला एजेंडा सफाई ही रहा है. मेरी जिम्मेवारी स्थायी समिति व बोर्ड से योजना पास कराना है. इन योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मवारी निगम प्रशासन की है. समिति व बोर्ड ने दर्जनों योजनाएं पास की हैं, पर इनका अब तक क्रियान्वयन नहीं हो सका है. इसके लिए क्या मैं जिम्मेवार हूं?
ऊल-जलूल निर्णयों के िलए नहीं बैठे हैं : आयुक्त
मेयर अफजल इमाम के आरोपों के जवाब में नगर िनगम के आयुक्त जय सिंह ने कहा, स्थायी समिति या निगम बोर्ड ऊल-जलूल निर्णय ले, तो उनके क्रियान्वयन के लिए हम नहीं बैठे हैं. स्थायी समिति व निगम बोर्ड ने नियमानुसार जितने भी निर्णय लिये हैं, उन पर काम किया जा रहा है. अब बिना संलेख के योजनाएं पारित होती हैं, तो उस स्थिति में उन योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं होता है.

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