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आठ साल से गैरहाजिर, फिर भी आजाद

शिक्षा माफियाओं का आठ करोड़ का घोटाला, आठ साल से गिरफ्तारी वारंट पटना : दरभंगा मिथिला विश्विविद्यालय से फर्जी मान्यता प्राप्त कर बीएड कॉलेज खोलने, फर्जी तरीके से डिग्री देने और राज्य में शिक्षक की अवैध नियुक्ति कराने के मामले में 12 शिक्षा माफिया अभियुक्त पिछले आठ साल से कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहे […]

शिक्षा माफियाओं का आठ करोड़ का घोटाला, आठ साल से गिरफ्तारी वारंट
पटना : दरभंगा मिथिला विश्विविद्यालय से फर्जी मान्यता प्राप्त कर बीएड कॉलेज खोलने, फर्जी तरीके से डिग्री देने और राज्य में शिक्षक की अवैध नियुक्ति कराने के मामले में 12 शिक्षा माफिया अभियुक्त पिछले आठ साल से कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहे हैं, जबकि निगरानी कोर्ट द्वारा तब से गिरफ्तारी वारंट लगातार जारी किया जा रहा है.
इसके बाद भी पुलिस और निगरानी दोनों ही अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है. इस रवैये से विशेष अदालत ने कठोर कदम उठाते हुए उपस्थिति के लिए लंबित अभियुक्तों का मामला अलग कर दिया है. वहीं अन्य अभियुक्तों के खिलाफ मामले की सुनवाई करने का आदेश दिया है.
दरअसल वर्ष 1995-96 व 1996-97 के बीच फर्जी तरीके से अवैध रूप से डिग्री कॉलेज की मान्यता ले ली गयी थी. इसके बाद शिक्षा माफियाओं ने छात्रों का पैसा लेकर बाहरी छात्रों का नामांकन करा कर बीएड की डिग्री बांट दी.
इसमें जब निगरानी ने मामले का खुलासा किया, तो आठ करोड़ का घोटाला सामने आया और इसमें राज्य की कई बड़ी शख्सियत का नाम आया. धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के अलावा अन्य अारोपों में मामला दर्ज किया गया. तब से निगरानी कोर्ट द्वारा वर्ष 2008 से रुअफ मुस्लिम जामियां बहेड़ा, दरभंगा के अध्यक्ष डॉ एसएम नकवी इमाम समेत 12 पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा रहा है. पर, वे उपस्थित नहीं हो रहे हैं.
इनका मामला हो चुका है फाइनल
धोखाधड़ी का यह मामला निगरानी द्वारा वर्ष 1997 में दर्ज किया गया था. इसमें तत्कालीन राज्य मंत्री जीतनराम मांझी समेत 22 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. बाद में निगरानी ने पूर्व सीएम जीतनराम मांझी, उपसचिव मानव संसाधन विकास के एके गुलाटी, सदस्य सचिव सुरेंद्र सिंह, उपसचिव एमके ग्रोवर व वाइस चेयरमैन राष्ट्रीय अध्यापक बीके पासी का मामला फाइनल कर दिया था.
आठ के खिलाफ चल रही है सुनवाई
वर्तमान में अदालत में कुल आठ लोगों के खिलाफ मामले की सुनवाई हो रही है. इसमें सहायक निरंजन कुमार घोष, मोहम्मद एसएन नय्यर, सचिव जामिया मुसलिम विद्यालय बहेड़ा रत्नेश्वर मिश्रा, उप सचिव रामजी, सहायक चंद्र मोहन, कमलेंद्र कुमार व राजबल्लभ के खिलाफ सुनवाई हो रही है.
निगरानी के आरोप पत्र में यह है फर्जीवाड़ा
निगरानी ने आरोप पत्र में पाया कि अभियुक्त षड्यंत्र कर बाहर के छात्रों से प्रति छात्र 50 हजार से 2.50 लाख वसूल कर बीएड में फर्जी तरीके से दाखिला कराते थे तथा उच्च श्रेणी में बीएड की डिग्री देकर शिक्षक की नौकरी में सहायता करते थे.
अभियुक्तों ने लगभग आठ करोड़ रुपये की अवैध वसूली की. अभियुक्तों ने रुअफ मुस्लिम जामिया बहेड़ा समेत दरभंगा, पटना, भुनेश्वर व नयी दिल्ली में कई विद्यालय खोलकर मिथिला विश्विविद्यालय छात्रों का दाखिला करा डिग्री दिलाते थे.

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