पटना: देश की नामी शोध संस्थान अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्ययन संस्थान में नौ नये फैकल्टी बहाल किये गये हैं. इसके साथ ही संस्थान में फैकल्टी की संख्या बढ़ कर 18 हो गयी है. संस्थान को इंडियन काउंसिल आफ सोशल सायंस रिसर्च ने 15 फेलोशिप की अनुमति दी है. संस्थान में प्री-पीएचडी कोर्स शुरू करने की तैयारी चल रही है. संस्थान में जल्द ही पूर्ण कालिक रजिस्ट्रार और एडमिनिस्ट्रेटर की बहाली की जायेगी.
इसके साथ ही सामाजिक भूगोल एवं अहिंसा एवं शांति अध्ययन केंद्र के लिए भी फैकल्टी नियुक्त किये जायेंगे. संस्थान के निदेशक डीएम दिवाकर ने यह जानकारी दी है. नौ फैकल्टी में संस्थान के निदेशक डॉ डीएम दिवाकर भी शामिल हैं. डॉ दिवाकर ने अर्थशास्त्र, डॉ बीएन प्रसाद को सोशियोलॉजी व सोशल एंथ्रोपोलॉजी विषय के लिए.
आइआइटी मुंबई से पीएचडी उतीर्ण डॉ नीतू चौधरी को अर्थशास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में बहाल किया गया है. देश-विदेश के जर्नल में लेख व शोध कर चुकीं डा नीतू चौधरी डीएफआइडी के साथ भी काम कर चुकी हैं. डा अभिजीत घोष को भी अर्थशास्त्र का असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में बहाल किया गया है.
डा घोष को सरकार के कई संस्थानों में काम करने का अनुभव है. जीबी पंत इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंस से पीएचडी कर रहे विद्यार्थी विकास को भी अर्थशास्त्र में असिस्टेंट प्रोफेसर बनाया गया है. डा अविरल पांडेय एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स में असिस्टेंट प्रोफेसर व पटना विवि से एमए कर चुके शशिकांत प्रसाद को भी अर्थशास्त्र में असिस्टेंट प्रोफेसर बनाया गया है.
डा राजीव कमल कुमार, डा कौशल किशोर व डा रेणु चौधरी को सोशियोलॉजी व सोशल एंथ्रोपोलॉजी में असिस्टेंट प्रोफेसर बनाया गया है.
निदेशक ने बताया कि संस्थान फरवरी, 2014 में क्षेत्रीय विषमता के विषय पर इंडियन एसोसिएशन आफ सोशल साइंस के साथ संयुक्त रूप से राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन करने जा रही है.