पटना: नॉन बैंकिंग कंपनियों के क ारोबार में लगे फ र्जी लोगों ने मल्टीनेशनल जॉनसन एंड निकोलसन से मिलते जुलते नाम क ी कंपनी बना ली और हजारों निवेशकों क ो चूना लगाया. जॉनसन के नाम पर जेनशन एंड निकोलसन फिनांसियल सर्विसेज लिमिटेड कंपनी बना ली. इसके बिहार और झारखंड में कई शखाएं खोली गयीं. ग्रामीण इलाकों में इसके सैकड़ों की संख्या में एजेंट नियुक्त किये गये. साठ महीनों में ढाई गुने से अधिक पैसे वापस करने का लोभ दिला कर कई करोड़ रुपये उगाह लिये गये. कंपनी अपने निवेशकों को प्रमाणपत्र भी देती थी. प्रमाणपत्र पर जॉनसेन की जगह जेनसन लिखा होता था.
आर्थिक अपराध इकाई की जिला शाखा को ऐसी कई जानकारियां मिल रही हैं, जिनमें नामी कंपनियों से मिलते जुलते नाम पर कंपनियां खोल कर पैसे जमा लिये गये. इन कंपनियों ने भारी कमीशन पर एजेंटों को बहाल कर लिया था. अब जब नॉन बैंकिंग कंपनियों की पोल खुलने लगी है और जिलों में छापेमारी शुरू की गयी है, तो प्रति दिन एक नयी कंपनी के बारे में खुलासा हो रहा है. राज्य के अन्य जिलों से भी नयी कंपनियों के नॉन बैंकिंग तर्ज पर लोगों से पैसे जमा लेने और पोल खुलने पर भाग जाने की सूचना मिल रही है.
आरा से मिली जानकारी के अनुसार यहां कार्यरत कई नॉन बैंकिं ग कंपनियों के कामकाज का आर्थिक अपराध के तहत अनुसंधान चल रहा है. अभी भी जिले में ऐसी कई कंपनियां कार्यरत हैं.शहर के नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत कार्यरत नॉन बैंकिंग कंपनी की एक गोल्ड कंपनी ने लाखों रुपये लेकर लगभग तीन माह पूर्व ग्राहकों से फरार हो गया, जिसका मामला नगर थाने में दर्ज है. इस संबंध में नगर थानाध्यक्ष बीके चौहान का कहना है कि एक गोल्ड कंपनी ने कार्यालय खोल कर लाखों रुपये ग्राहकों से ऐंठ लिया. इसकी शिकायत मिलने पर त्वरित कार्रवाई करते हुए छापेमारी की गयी. इस मामले में अनुसंधान जारी है.
वहीं दूसरी तरफ नवादा थाना क्षेत्र के पकड़ी रोड़ में माइक्रो बीमा योजना की स्थानीय शाखा द्वारा पैसा जमा कराने के नाम पर लाखों रुपये ऐंठ लिये गये. ग्राहकों द्वारा जमा किये गये पैसा नहीं मिलने पर शिकायत की गयी, जिसके आधार पर नवादा थाने की पुलिस ने छापेमारी की और कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है. आर्थिक अपराध कोषांग के प्रभारी सह सदर इंस्पेक्टर बीके सिंह ने कहा कि आर्थिक अपराध के तहत जिले में 93 मामले दर्ज हैं, जिनमें 50 प्रतिशत मामले का निष्पादन हो चुका है. शेष का अनुसंधान जारी है.