एसोचैम ने बिहार के लिए विशेष दर्जा की मांग की, केंद्र को बताया
पटना : एसोचैम ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की हिमायत करते हुए कहा है कि बिहार तभी विकसित राज्यों की श्रेणी में पहुंचेगा, जबकि यहां पांच साल में ढाई लाख करोड़ का निवेश हो.
एसोचैम ने हाल ही में केंद्र सरकार को 35 पृष्ठों का एक मांगपत्र सौंप कर बिहार को विशेष दर्जा देने और निवेश के अनुरूप माहौल बनाने को कहा है.
रविवार को एसोचैम के महासचिव डीएस रावत और इकबाल सिद्दीकी ने ‘बिहार नीड्स स्पेशल स्टेट स्टेटस शीर्षक रिपोर्ट जारी किया. रिपोर्ट में कहा गया कि विशेष राज्य का दर्जा मिलने के बाद देश की अर्थव्यवस्था में बिहार का योगदान 2012-13 में 2.87 प्रतिशत से बढ़ कर 2016-17 में 3.4 प्रतिशत हो जायेगा. राज्य के घरेलू उत्पादन में 20 फीसदी के निवेश की जरूरत है.
युवाओं का प्रदेश
एसोचैम के अनुसार बिहार की 30 फीसदी आबादी की आयु 15-30 वर्ष है. उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती है. रोजगार व औद्योगिकीकरण के अभाव में असमानता बढ़ रही है. बिहार में गरीबी तेजी से बढ़ रही है. देश में सबसे अधिक गरीब बिहार में हैं.
जीएसडीपी का 70 प्रतिशत कृषि क्षेत्र में है, लेकिन कृषि को उद्योग का दर्जा प्राप्त नहीं है और रोजगार के अवसर उत्पन्न नहीं हो रहे हैं. वैसे तो समग्र आर्थिक मानदंडों पर बिहार 13वें स्थान पर है,लेकिन प्रतिव्यक्ति आय व सेवा क्षेत्र में सबसे पिछड़ा है. बिहार मे 1.52 फीसदी स्कूलों में कम्प्यूटर है. जबकि राष्ट्रीय औसत 20.53% है. विशेष दर्जा मिलने से प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होगी, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आवास और सड़क की दशा सुधारेगी.