डब्ल्यूटीओ को शिक्षा सौंपने के खिलाफ आइसा ने किया छात्र कन्वेंशन- फेलोशिप कट–फंड कट का भी किया विरोध – 8–9 दिसम्बर को इन मुद्दों के खिलाफ छात्रों से दिल्ली चलने का आह्वानसंवाददाता, पटना केन्द्र सरकार डब्ल्यूटीओ को उच्च शिक्षा को समर्पित कर शिक्षा को मुनाफाखोरी का धंधा बना देने पर आमादा है. भारत शिक्षा पर खर्च करने वाले देशोें में 144वें स्थान पर आता है. भूटान, बंगलादेश और पाकिस्तान जैसे देश अपनी जीडीपी का अधिक हिस्सा शिक्षा पर खर्च करते हैं. डब्ल्यूटीओ जैसी संस्था ने पिछड़े देशों का हमेशा शोषण किया है. यह बातें पटना विश्वविद्यालय के दरभंगा हाउस मेें आइसा की ओर से आयोजित छात्र कन्वेंशन को संबोधित करते हुए आइसा महासचिव संदीप सौरभ ने कहीं. उन्होंने कहा कि भारत में उच्च शिक्षा को व्यापार की वस्तु बना देने में भाजपा, कांग्रेस दोनों सरकारें समान रूप से जिम्मेदार रही हैं. जब से देश में मोदीनीत भाजपा सरकार बनी है, तब से छात्र अधिकारों पर संगठित हमला बढ़ा है. उच्च शिक्षा को डब्ल्यूटीओ को सौंपने की कवायद भी उसी कड़ी का हिस्सा है, जिसके खिलाफ छात्रों का बड़ा आन्दोलन पूरे देश में आइसा के नेतृत्व में चल रहा है. शोध छात्रों को छात्रवृत्ति समाप्त करने के यूजीसी के फैसले पर उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक बड़ा आन्दोलन आइसा के नेतृत्व मेें चल रहा है. छात्र आंदोलन निश्चित रूप से सरकार को अपने छात्र विरोधी फैसला वापस लेने पर बाध्य करेगा. अंत में उन्होंने पटना विश्वविद्यालय के छात्रों को अखिल भारतीय प्रतिरोध कैम्प में शामिल होने के लिए 8–9 दिसम्बर को दिल्ली चलने का आह्वान किया. कन्वेशन को आइसा पटना विश्वविद्यालय अध्यक्ष तारिक अनवर, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आकाश कश्यप सहित प्राची राज, सत्यम एवं राजन ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता निखिल ने की. कार्यक्रम में मुन्दन, आलोक, धनंजय, रामजी, विकास, अमित, चन्द्रमणि समेत दर्जनों छात्र शामिल थे.
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डब्ल्यूटीओ को शक्षिा सौंपने के खिलाफ आइसा ने किया छात्र कन्वेंशन
डब्ल्यूटीओ को शिक्षा सौंपने के खिलाफ आइसा ने किया छात्र कन्वेंशन- फेलोशिप कट–फंड कट का भी किया विरोध – 8–9 दिसम्बर को इन मुद्दों के खिलाफ छात्रों से दिल्ली चलने का आह्वानसंवाददाता, पटना केन्द्र सरकार डब्ल्यूटीओ को उच्च शिक्षा को समर्पित कर शिक्षा को मुनाफाखोरी का धंधा बना देने पर आमादा है. भारत शिक्षा पर […]
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