सोच-समझ कर खरीदें सोना-चांदी व हीरे के आभूषण संवाददाता, पटना धनतेरस व दीपावली के दौरान बड़ी संख्या में लोग हीरे, सोने-चांदी के आभूषणों की खरीदारी करते हैं. ऐसे में बाजार में असली के साथ मिलावटी आभूषणों की भी भरमार होगी. ऐसे समय में गहने खरीदने समय थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है. अगर आप हाॅलमार्क वाले आभूषण खरीदने की सोच रहे हैं, तो बताये गयी इन बातों पर खास ध्यान दें. ध्यान दें इन बातों पर : हाॅलमार्क स्वर्ण आभूषणों पर लगी एक मुहर होती है, जो सोने की शुद्धता को दर्शाती है. इसमें पांच चिह्नों को शामिल किया जाता है. पहला भारतीय मानक ब्यूरो का निशान. यह तिकोना होता है और इसके बीच में एक लाल रंग की बिंदी होती है. दूसरा निशान सोने की शुद्धता को दर्शाता है. हाॅलमार्क में सोने की शुद्धता कैरेट के जरिये नहीं दर्शायी जाती, बल्कि यह पीपीटी (पार्ट्स पर थाउजेंड) के रूप में दर्शायी जाती है. इसका मतलब यह कि हजारवें भाग में कितना सोना है. अगर हाॅलमार्क में 958 दर्ज है, तो इसका मतलब 23 कैरेट होगा. दूसरे शब्दों में एक हजार भाग में 958 भाग सोना है. इसी तरह से 916 का मतलब 22 कैरेट, 875 का मतलब 21 कैरेट, 750 का 18 कैरेट, 585 का 14 कैरेट और 375 का मतलब 9 कैरेट होगा. तीसरा निशान बीआइएस द्वारा मान्यता प्राप्त उस हाॅलमार्किंग सेंटर का होगा, जहां से निर्माता हाॅलमार्किंग करायेगा. चौथा निशान वर्ष को दर्शाता है. भारत में 2000 में शुरू हुआ हालमार्क : हाॅलमार्क का प्रचलन भारत में वर्ष 2000 में शुरू हुआ था. संकेत के रूप में वर्ष 2000 को ‘ए’ माना गया है. किसी स्वर्ण आभूषण पर ‘डी’ दर्ज है, तो इसका मतलब यह होगा कि आभूषण वर्ष 2003 का बना है. ब्यूरो ने ‘आइ’ अक्षर को इसमें शामिल नहीं किया है. क्योंकि इससे एक का भ्रम न हो, अर्थात वर्ष 2009 को ‘जे’ के बजाये ‘एच’ के रूप में समझा जायेगा. वहीं स्वर्ण आभूषण पर ‘टी’ दर्ज है, तो इसका मतलब यह है कि आभूषण वर्ष 2015 में बना है. हाॅलमार्क में पांचवां अर्थात् अंतिम निशान उस दुकान का होगा जो आभूषण निर्माता है. ये पांचों निशान एक साथ हाॅलमार्क को दर्शाते हैं. हीरे के गहनों में चार सी जरूरी : हीरे के गहनों में चार सी जरूरी होते हैं. इसमें कट, कलर, कैरेट व क्लियरिटी का ध्यान रखना जरूरी है. आइजीआइ, इजीएल जैसे सर्टिफिकेट की मान्यता रहती है. आइजीआइ, इजीएल जैसे सर्टिफिकेट की मान्यता रहती है.बातें जो और भी हैं जरूरी : सबसे पहले इनके सही वजन और कैरेट की जानकारी जरूरी है. कहीं से भी सोना-चांदी खरीदें, टैक्स चुका कर बिल अवश्य लें. गड़बड़ी होने पर पक्के बिल के आधार पर ही दावा किया जा सकता है. सोने व चांदी पर एक प्रतिशत वैट है. इसके अलावा किसी प्रकार का कोई कर नहीं है. प्रतिष्ठानों के सिक्कों व गहनों पर हॉलमार्क अवश्य देख लें. वहीं तनिष्क के गहनाें व सिक्के पर टाटा की गांरटी होती है.चांदी के सिक्कों की खरीद में रखें अधिक सावधानीचांदी के सिक्के में सबसे ज्यादा सावधानी जरूरी है. इनकी पहचान करना मुश्किल है. ज्यादातर स्थानों पर पुुराने सिक्के के नाम पर ढलाई वाले सिक्के मिल रहे हैं. इनसे बचना चाहिए. इसके स्थान पर यदि सिक्के पर प्रतिष्ठान का कोई चिन्ह हो तो ज्यादा कारगर है. साथ ही एक प्रतिशत टैक्स चुकाने के बाद खरीदने से नकली सिक्के होने की संभावना और भी कम हो जायेगी.
BREAKING NEWS
सोच-समझ कर खरीदें सोना-चांदी व हीरे के आभूषण
सोच-समझ कर खरीदें सोना-चांदी व हीरे के आभूषण संवाददाता, पटना धनतेरस व दीपावली के दौरान बड़ी संख्या में लोग हीरे, सोने-चांदी के आभूषणों की खरीदारी करते हैं. ऐसे में बाजार में असली के साथ मिलावटी आभूषणों की भी भरमार होगी. ऐसे समय में गहने खरीदने समय थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है. अगर आप हाॅलमार्क […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement