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00सतीश तिवारी. पालीगंज

00सतीश तिवारी. पालीगंज चुनाव परिणाम तीसरे की मेहरबानी पर दोनों प्रमुख गंठबंधनों में सीधी भिड़ंतहर किसी को तीसरे के वोट काटने पर ही जीतने का भरोसाकौशिक रंजन, पालीगंज पालीगंज विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव का नजारा सुबह से ही दिखने लगा. सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लोगों की लंबी कतार दिखीं. लेकिन, दोपहर बाद ये […]

00सतीश तिवारी. पालीगंज चुनाव परिणाम तीसरे की मेहरबानी पर दोनों प्रमुख गंठबंधनों में सीधी भिड़ंतहर किसी को तीसरे के वोट काटने पर ही जीतने का भरोसाकौशिक रंजन, पालीगंज पालीगंज विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव का नजारा सुबह से ही दिखने लगा. सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लोगों की लंबी कतार दिखीं. लेकिन, दोपहर बाद ये लाइनें अधिकांश केंद्रों पर नहीं के बराबर थी. इसके कारण कई हो सकते हैं. शायद अर्द्ध संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण यहां मतदान का समय शाम 4 बजे तक ही रखा गया था. सभी मतदान केंद्रों पर लोग शांतिपूर्वक लाइन में खड़े होकर अपने पसंदीदा उम्मीदवार को मतदान करने के लिए आतूर दिखे. चेहरे की यह बेचैनी अधिकांश लोगों ने जाहिर नहीं की. इसी क्रम में दुल्हिन बाजार के बूथ संख्या 42, रामलखन सिंह यादव उच्च विधालय के बूथ पर सुबह 8 बजे तक कुल 937 वोटों में 62 वोट पड़ चुके थे. लाइन में सैकड़ों की संख्या में लोग खड़े थे. शायद इसी का नतीजा है कि मतदान खत्म होने तक मतदान का प्रतिशत 60 फीसदी तक पहुंच गया. पालीगंज जैसे क्षेत्रों के लिए यह अच्छी खबर है. पालीगंज बाजार में स्थित बूथ संख्या 144, कन्या प्राथमिक विधालय में सुबह 9ः 30 बजे तक कुल 1186 में 275 वोट पड़ चुके थे. करीब एक दशक पहले पालीगंज बाजार के बेहद संवेदनशील इलाके के रूप में विख्यात सिगोड़ी थाना क्षेत्र में आज लोकतंत्र के इस महापर्व की धमक बेहद निखरे रूप में दिख रही थी. इस इलाके में मौजूद तकरीबन सभी बूथों पर लोग बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए जुटे हुए थे. अल्पसंख्यक और पिछड़ा बहुल इस थाना क्षेत्र में लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया. मखदुम चक के बूथ संख्या 365 पर सुबह 10ः30 बजे तक कुल 1047 वोटों में 365 मतदाता अपने मत का प्रयोग कर चुके थे. साढ़े तीन घंटे में तीस फीसदी से ज्यादा मतदान होना, इसका बेहतरीन उदाहरण है. चंढ़ोस हाइस्कूल में मौजूद बूथ संख्या 133 और 134 में लोग लंबी कतार में वोट देने के लिए लगे हुए थे. इसमें महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा थी. रमावती देवी ने बताया कि पहले मतदान फिर घर जाकर बनायेंगी भोजन. इस मतदान केंद्र पर पुरुष बाहर मैदान में लाइन लगा कर खड़े थे और धूप से बचने के लिए माथे पर गमछी रखे हुए थे. रास्ते में स्थित सेंहरा हाइस्कूल में मौजूद 136 नंबर बूथ पर कुछ लोग अपनी परची लेकर नाराजगी जता रहे थे. इनकी शिकायत थी कि मतदान परची रहने के बाद भी मतदानकर्मियों ने यह कहते हुए इन्हें वोट डालने नहीं दिया कि इनका नाम वोटरलिस्ट में नहीं है. हालांकि बाद में पीठासीन अधिकारी ने पूरे मामले की छानबीन कर इसे दूर कर दिया. मतदान सूची के डाटा में कुछ गड़बड़ी थी, जिसे दूर कर लिया गया.सबसे ज्यादा कांग्रेस के कब्जे में रही है यह सीटपालीगंज क्षेत्र का प्रतिनिधित्व अब तक सबसे ज्यादा बार कांग्रेस ने किया है. यह 14वां विधानसभा चुनाव हो रहा है. इससे पहले 13 बार में करीब 9 बार कांग्रेस के खेमे में ही यह सीट रही थी. सबसे ज्यादा चार बार इस क्षेत्र से रामलखन सिंह यादव बतौर विधायक रहे है. वर्तमान में उनके पोते जयवर्द्धन यादव राजद की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. दूसरी तरफ भाजपा ने अपनी सीटिंग विधायक उषा विद्यार्थी का टिकट काट कर कभी बिक्रम के विधायक रहे रामजन्म शर्मा पर अपना दांव खेला है. भाकपा-माले ने मो अनवर हुसैन को मैदान में उतारा है. महागंठबंधन और एनडीए दोनों इस फिराक में हैं कि कौन ज्यादा वोट काटता है. ताकि उनके हाथ यह सीट लग जाये. इसी पर इस बार पूरा समीकरण भी टिका हुआ है. असल में वोट काटने के लिए निर्दलीय युवा नेता चंदन कुशवाहा मैदान में अपनी ताकत आजमा रहे हैं. चंदन पियरपुरा पंचायत के मुखिया हैं. वह पूरे क्षेत्र में सबसे कम उम्र के मुखिया हैं. करीब 29 साल के चंदन को यह भरोसा है कि वह कुशवाहा का सबसे ज्यादा वोट काटेंगे. जिससे भाजपा को नुकसान होगा. दूसरी तरफ भाकपा माले के प्रत्याशी अगर अल्पसंख्यक समाज के लोगों का ज्यादा-से-ज्यादा वोट पाने में कामयाब होते हैं, तो इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा. साइकिल पर बैठ कर वोट देने आयी वृद्धासेंहरा मतदान केंद्र पर एक 80 वर्षीय महिला चंद्रकलिया देवी का जज्बा और मतदान करने के प्रति ललक देखने को मिलीं. वह चलने में लाचार थी. वाबजूद इसके साइकिल पर पीछे बैठ कर मतदान करने आ रही थी. साइकिल को पकड़ कर लाने वाले उनके दोनों पौत्र ने बताया कि सुबह से बूथ पर ले जाने के लिए परेशान कर रही हैं. पूछने पर उन्हें कुछ खास याद नहीं है, लेकिन लालू प्रसाद और राबड़ी देवी का नाम जरूर जेहन में मौजूद है. बस वह इन दोनों के अलावा अन्य किसी को शायद ही पहचानती हो.बूथ से कुछ दूरी पर दिखा पार्टियों का झंडासेंहरा में बूथ से कुछ ही दूरी पर भाजपा और राजद दोनों पार्टियों के पोलिंग एजेंट और कुछ समर्थक अपनी-अपनी पार्टियों के झंडे लगा कर बैठे हुए थे. मतदान केंद्र से 100 मीटर के अंदर इस तरह की गतिविधि करना प्रतिबंधित होता है. किसी अधिकारी की नजर शायद इस पर नहीं पड़ने से इन लोगों की गतिविधि पकड़ से बाहर थी. हालांकि भाजपा की फोटो करने के बाद इसके कार्यकर्ताओं ने अपनी पार्टी का झंडा हटा लिया.

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