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कैबिनेट के फैसले : उत्थान केंद्र और तालीमी मरकज केंद्र के सेवकों का मानदेय अब आठ हजार
पटना. अक्षर आंचल योजना के उत्थान केंद्र और तालीमी मरकज केंद्र के 30 हजार स्वयंसेवकों को अब आठ हजार रुपये प्रति माह मानदेय मिलेगा. अब तक इन्हें पांच हजार रुपये प्रतिमाह मिल रहा था. यह निर्णय मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया. कैबिनेट के प्रधान सचिव शिशिर सिन्हा ने बताया कि इनकी सेवा […]
पटना. अक्षर आंचल योजना के उत्थान केंद्र और तालीमी मरकज केंद्र के 30 हजार स्वयंसेवकों को अब आठ हजार रुपये प्रति माह मानदेय मिलेगा. अब तक इन्हें पांच हजार रुपये प्रतिमाह मिल रहा था. यह निर्णय मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया.
कैबिनेट के प्रधान सचिव शिशिर सिन्हा ने बताया कि इनकी सेवा अब 60 साल तक ली जायेगी. सेवा काल में मृत्यु पर इनके परिजन को चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान दिया जायेगा. राज्य सरकार के इस निर्णय से बिहार में पूर्व से संचालित महादलित, अल्पसंख्यक और अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2015-16 में अगस्त माह से 20 हजार उत्थान केंद्र के टोला सेवकों और दस हजार तालीमी मरकज केंद्र के शिक्षा स्वयं सेवकों को लाभ मिलेगा.
उन्होंने बताया कि सासाराम में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की स्वीकृति दी गयी है. कॉलेज की स्थापना और भवनों के निर्माण के लिए 108.93 करोड़ रुपये मंजूर किया गया है. सिन्हा ने बताया कि बैठक में कुल 35 प्रस्तावों को स्वीकृत किया गया है. कृषि कॉलेज किशनगंज की स्थापना के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 में कॉलेज के लिए 84 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी है जिसमें एसोसिएट डीन सह प्रिंसिपल एके एक, विवि प्रोफेसर के पांच, एसोसिएट प्रोफेसर के 11, सहायक प्रोफेसर के 25, नन टीचिंग स्टाफ के 42 पद शामिल हैं. इसके लिए 3.59 करोड़ रुपये मंजूर किया गया है.
निबंधन एवं उत्पाद विभाग में समेकित उत्पाद प्रबंधन प्रणाली बनाने के लिए 42 करोड़ रुपये मंजूर किया गया है. इस राशि से विभाग को पूरी तरह कंप्यूटरीकृत किया जायेगा. बैठक में बेतिया, पावापुरी और मधेपुरा मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मानक को पूरा करने के लिए प्रति कॉलेज जूनियर रेजिडेंंट के 76 पदों के सृजन की अनुमति दी गयी है. इस प्रकार इन तीनों मेडिकल कॉलजों में कुल 228 जूनियर रेजिडेंट के पद का सृजन होगा. बैठक में राज्य सरकार के कर्मियों को अपनी पत्नी-पति और पुत्र-पुत्री की चिकित्सा देखभाल के लिए रूपांतरित अवकाश की सुविधा देने का निर्णय लिया गया है. अब तक यह सुविधा सिर्फ संबंधित कर्मचारी को ही मिलता था.
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