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बिजली पर ही हो जाये विधानसभा चुनाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मुजफ्फरपुर में बिजली स्थिति पर बोल रहे थे. कहा गया कि हमने कहा था कि बिजली नहीं देंगे, तो 2015 में वोट मांगने नहीं जायेंगे, जबकि हमने तो कहा था कि बिजली की स्थिति में सुधार नहीं आया तो वोट मांगने नहीं जायेंगे (मुख्यमंत्री ने इसका टेप भी सुनाया). अगर […]

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मुजफ्फरपुर में बिजली स्थिति पर बोल रहे थे. कहा गया कि हमने कहा था कि बिजली नहीं देंगे, तो 2015 में वोट मांगने नहीं जायेंगे, जबकि हमने तो कहा था कि बिजली की स्थिति में सुधार नहीं आया तो वोट मांगने नहीं जायेंगे (मुख्यमंत्री ने इसका टेप भी सुनाया). अगर किसी के पास कोई टेप है तो उसे सुनाये जिसमें कहा था कि बिजली नहीं पहुंचायी तो वोट मांगने नहीं जायेंगे. बिजली की स्थिति में बहुत सुधार हुआ है.
इसका ज्यादा फायदा तो नरेंद्र मोदी जी को ही हुआ है. 20 हजार से ज्यादा गांवों में बिजली पहुंची और भाजपा को लोकसभा चुनाव में प्रचार के रूप में इसका फायदा मिला. घरों में टीवी पर जब बच्च प्रचार देखता तो कहता- मम्मी-मम्मी अबकी बार मोदी सरकार. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर बिजली स्थिति पर इतना बोल रहे हैं तो बिजली की स्थिति पर ही चुनाव हो जाये. लोग महसूस कर रहे हैं. लोगों के मन से जिस प्रकार डर निकल गया, लोग कानून व्यवस्था के साथ-साथ बिजली का अहसास कर रहे हैं.
बिहार में 2005 के बाद से बिहार की स्थिति काफी सुधरी है. बिहार में 2005 में बिहार में 700 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती थी, जबकि 2012 में 1200-1400 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो रही थी, जबकि 19 मई 2015 तक 3012 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है. जिला मुख्यालयों में जहां 20-22 घंटे बिजली रहती है, जबकि गांव में 14 घंटे बिजली रह रही है.
उन्होंने कहा कि जब सरकार में आये थे तो बिहार में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 70 यूनिट थी. 2012 में यह खपत 123 यूनिट थी और 2015 में अब तक 203 यूनिट प्रति व्यक्ति खपत हो गयी है. यह बिजली में सुधार नहीं तो और क्या है? रूरल इलेक्ट्रीसिटी 2005 में 14,065 थी और अब यह आंकड़ा 26,373 गांवों में पूर्ण विद्युतीकरण है, जबकि 9,769 गांवों में आंशिक विद्युतीकरण है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के लिए दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की शुरुआत की गयी. बिहार में पहले से काम चल रहे है.
ट्रांसमिशन से लेकर डिस्ट्रीब्यूशन का काम हो रहा हैं. नये नाम से आयी इस योजना में अब राज्य का अंशदान 40 प्रतिशत का होगा, जो पुरानी योजना में 10 प्रतिशत ही लगता था. बरौनी थर्मल पावर के विस्तारीकरण पर भी काम हो रहा है. 110 मेगावाट की दो इकाइयों का जीर्णोद्धार और 250 मेगावाट की दो इकाइयों का निर्माण होना है. इसके निर्माण में लगी भेल (भारत हैवी इलेक्ट्रिकल)समय पर काम नहीं कर रही हैं. अब तक इस कंपनी ने 13 बार समय बढ़ाया है. हमने प्रधानमंत्री से कहा कि वे उनसे कहें, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा. परियोजना में देरी करने का मतलब है कि राज्य के बिजली के उत्पादन में बाधा पहुंचाना है.
कास्ट इनवोक करके चले गये
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोई ठोस बात नहीं की और ना ही किसी चीज की घोषणा की. जिस प्रकार उन्होंने मुजफ्फरपुर में भाषण दिया वह एक प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता. वे कास्ट इनवोक करके चले गये. यदुवंश और कृष्ण की बात कर रहे थे. भाजपा ने पहले भगवान राम को अपनी पार्टी का सदस्य बना लिया, अब कृष्ण के साथ है.
कहते हैं कि बिहार की जनता परिवर्तन चाहती है. क्या परिवर्तन चाहती है. कानून का राज स्थापित हुआ, सड़कें बनीं, बिजली पहुंची किस बात का परिवर्तन. केंद्र को बिहार के विकास की कोई चिंता नहीं है. उन्हें तो बस अपनी कुरसी की चिंता है. लोगों ने जब ताकत दी, कुछ नहीं मिला तो 14 महीने में दोबारा आ रहे हैं. प्रधानमंत्री की यात्र से घोर निराशा हुई है. 2014 में उन्होंने जो घोषणा की थी उस पर अमल तो नहीं किया, बल्कि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष तो वादों को जुमला कह दिया.
आडवाणी, मुरली मनोहर, यशवंत और जसवंत कहां हैं ?
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा आज हमसे जॉर्ज फर्नाडिंस के बारे में पूछ रही है. जॉर्ज साहब की हालत वही है जो हालत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की है. 2009 में पार्टी से विद्रोह कर जॉर्ज साहब ने चुनाव लड़ा. इसके बाद भी हमने उन्हें राज्यसभा भेजा. भाजपा बताये कि लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा, जसवंत सिंह आज कहां हैं.
यशवंत सिन्हा तो कह रहे हैं कि 75 साल से ज्यादा के हो गये तो ब्रेन डेड हो गया. जयवंत सिंह को लोकसभा चुनाव में टिकट भी नहीं दिया. बिहार में सीपी ठाकुर, चंद्रमोहन राय, हुकुमदेव यादव कहां हैं. हमसे हिसाब पूछ रहे हैं, पहले उनके बारे में बतायें कि उनकी क्या हालत है?
कन्फ्यूजन पैदा करने से नहीं मिलेगी सफलता
सीएम ने कहा कि भाजपा के विरोध में हम सब दल इकट्ठा हैं. हमारे बीच कन्फ्यूजन पैदा करना चाहेंगे तो उनमें सफलता नहीं मिलेगी. राजद के लिए भी जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया गया है उसका जवाब तो राजद ही देगी. भारतीय जनता पार्टी अब भारतीय जुमला पार्टी बन गयी है. एनडीए को दो तिहाई बहुमत के सवाल पर सीएम ने कहा कि दो तिहाई बहुमत आयेगा, बिहार की जनता दो तिहाई बहुमत देगी भी, लेकिन एनडीए को नहीं हमें देगी.
अपनी ही बात से मुकर रहे पीएम
सीएम ने कहा कि ट्वीट के जरिये उन्होंने प्रधानमंत्री से कई मांगे की थी, लेकिन उन्होंने अपने भाषण में इन मांगों के बारे में कुछ नहीं कहा. पीएम के आने से बिहार को उम्मीद थी. भाजपावालों ने भी हाइप क्रियेट किया कि प्रधानमंत्री बहुत कुछ देंगे, लेकिन संसद का बहाना बनाकर उन्होंने कुछ नहीं दिया.उन्होंने कहा कि पीएम अब कह रहे हैं कि 50 हजार करोड़ से ज्यादा देंगे, लेकिन वे अपनी ही कही बातों से मुकर रहे हैं.
14वें वित्त आयोग की सिफारिश से घाटा
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के लोग कह रहे हैं कि बिहार को 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार बहुत पैसा दे दिया गया, लेकिन हमारा कहना है कि इससेबिहार को घाटा हुआ है. पहले डेढ़ लाख करोड़ मिलता था और अब पौने चार लाख करोड़ पांच साल में दिया जायेगा.
असल में 13 वें वित्त आयोग की 2010-15 की जो सिफारिश आयी इसमें देश भर के लिए 14,55,430 करोड़ रुपये थी. इसमें बिहार को 1,58,388 करोड़ मिला. जो कुल राशि का 10.58 प्रतिशत बिहार के हिस्से में आया था. वहीं, 14 वें वित्त आयोग (2015-20) में देश भर के लिए 39,48,187 करोड़ रुपया है. इसमें बिहार को 3,83,853 करोड़ रुपये दिया गया है.
यह कुल राशि का 9.71 प्रतिशत है. इस आधार पर बिहार को 45,370 करोड़ का घाटा हो रहा है. देश का जिस अनुपात में पैसा बढ़ा बिहार का नहीं बढ़ा. यह कहने से काम नहीं चलेगा. बिहार को 13 वित्त आयोग के बाद देश को जितना दर बढ़ा इसी आधार पर हिस्सा दे देते तो घाटा नहीं होता.
अब तक नहीं किया गया राशि का आवंटन
सीएम ने कहा कि दनियावां-बिहारशरीफ रेल लाइन को नेउरा-बरबीघा तक बढ़ाना है. इससे किउल से दानापुर के बीच तीसरी लाइन बन जायेगी और इसकी दूरी भी कम हो जायेगी. दनियावां-नेउरा के बीच रेल लाइन के लिए प्रस्ताव को कैबिनेट भी जाने की आवश्यकता है नहीं है. इसका फैसला सालों पहले हो गया है, लेकिन इसके लिए अब तक राशि का आवंटन नहीं किया गया. जब राशि मिलेगी तभी तो काम शुरू हो सकेगा.

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