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डॉक्टरों ने कहा, अस्पताल में दवा नहीं निदेशक बोले, कमीशन खा रहे डॉक्टर
पटना: राजवंशीनगर सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल के निदेशक व डॉक्टर आमने-सामने हैं. निदेशक डॉक्टरों पर आरोप लगा रहे हैं कि कमीशन के चक्कर में डॉक्टर बाहर की दवा लिखते हैं. निदेशक के बयान के बाद डॉक्टरों में आक्रोश है. उनका कहना है कि अगर भंडार में दवा है,तो उसकी लिस्ट डॉक्टरों को दें. भले ही जरूरी दवाएं […]
पटना: राजवंशीनगर सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल के निदेशक व डॉक्टर आमने-सामने हैं. निदेशक डॉक्टरों पर आरोप लगा रहे हैं कि कमीशन के चक्कर में डॉक्टर बाहर की दवा लिखते हैं. निदेशक के बयान के बाद डॉक्टरों में आक्रोश है. उनका कहना है कि अगर भंडार में दवा है,तो उसकी लिस्ट डॉक्टरों को दें. भले ही जरूरी दवाएं सूची में नहीं हो. फिलहाल अस्पताल में अधिकतर पैथोलॉजी बंद हो गये हैं और एक्सरे करने वाले ने भी एक्सरे बंद करने की धमकी निदेशक को दी है. एक्सरे चलाने वाले सेंटर को पिछले कई माह से पैसा नहीं मिला है.
अस्पताल में दवाओं की उपलब्धता को लेकर पूछे जाने पर निदेशक व डॉक्टरों में भी विरोधाभास है. डॉक्टरों का कहना है कि दवाई नहीं रहने से मजबूरी में बाहर की दवाइयां लिखनी पड़ती है. जब निदेशक डॉ एच.एन.दिवाकर से बात की गयी,तो उन्होंने कहा कि अस्पताल के भंडार में इतनी दवाइयां हैं कि छह माह तक खर्च नहीं होंगी. ऐसे में सवाल उठता है कि दवाएं भंडार में मौजूद है, तो काउंटर से मरीजों को क्यों नहीं मिल रही?
केवल डॉक्टर की सुविधा ही मुफ्त
अस्पताल में मरीजों को मुफ्त में डॉक्टर व बेड ही मिलते हैं. दवा और सजिर्कल आइटम के लिए परिजनों को बाहर भेजा जाता है. ऑपरेशन के दौरान मरीजों को हर दवा बाहर से लानी पड़ती है.
मरीजों की परेशानी
ओपीडी में इलाज के लिए आये थे. काउंटर से एक भी दवा नहीं मिली है. काउंटर पर जाने के बाद कहा गया कि सभी दवा बाहर की लिखी हुई है. यहां कोई दवा नहीं है.
रमेश कुमार (मीठापुर)
घुटने में दर्द की तकलीफ है. डॉक्टर ने छह तरह की दवाएं लिखी हैं. जो दवा लिखी गयी है वह भी काउंटर पर उपलब्ध नहीं है. यहां से मात्र एक गैस की दवा मिली है.
मीना देवी (राजा बाजार )
अस्पताल काउंटर पर उपलब्ध दवाएं ही लिखी जाती हैं, लेकिन मरीजों की बीमारी को देखते हुए ऐसी कई दवाइयां हैं, जो बाहर से लेनी पड़ती हैं. अगर मरीजों को बीमारी के मुताबिक
दवा नहीं दी जायेगी,तो वे ठीक नहीं हो सकेंगे. इस कारण बाहर की दवा लिखी जाती है.
डॉ सुभाष चंद्रा, राजवंशी नगर अस्पताल
अस्पताल की इमरजेंसी में 60 प्रतिशत तक दवाइयां मरीजों को मुफ्त मिलती है. ओपीडी में मरीजों की भीड़ अधिक है. इस कारण दर्द व गैस की दवाइयां खत्म हो जाती हैं. जहां तक डॉक्टरों की बात है वे बाहर की दवा महज कमीशन खाने के लिए लिखते हैं.
डॉ एच.एन.दिवाकर, अस्पताल निदेशक.
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