इस अपराध के लिए जिम्मेदार कांग्रेस से नीतीश कुमार और लालू प्रसाद ने सिर्फ सत्ता के लोभ में हाथ मिला लिये हैं. आपातकाल की वर्षगांठ पर इन दोनों नेताओं को जनता से माफी मांगनी चाहिए. मोदी ने कहा है कि आपातकाल में लोकनायक जयप्रकाश नारायण समेत अनेक नेताओं को जेलों में डाल दिया गया था. जेल यातना ही बाद में जेपी की मौत का कारण बनी. उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद ने राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए जेपी के आदर्शो को धोखा दिया. डॉ लोहिया और गैर-कांग्रेसवाद को कुचल डाला. दोनों नेता कांग्रेस की गोद में चले गये. अब तो कांग्रेस ही तय कर रही है कि जनता परिवार का नेता कौन हो.
मोदी ने कहा कि लोग नहीं भूले हैं कि आपातकाल की गुनहगार कांग्रेस बिहार में जंगलराज के आखिरी पांच साल में राबड़ी सरकार का हिस्सा थी. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी है, जो जेपी और लोहिया की असली वारिस बन कर उभरी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेसमुक्त भारत का एजेंडा सामने रखा है.