इस बीच उनकी मुलाकात एजेंट नंद कुमार से हुई. बातचीत के दौरान मलयेशिया में नौकरी दिलाने की बात हुई. दोनों ने इसके लिए एजेंट को करीब 2.50 लाख रुपये दिये. एजेंट ने उन्हें मलयेशिया तो भेज दिया, लेकिन घरवालों के मुताबिक उन्हें वहां काम नहीं मिला. अब कंपनी दोनों को बिहार आने नहीं दे रही है. इसी तरह चार और बिहारी मजदूर वहां फंसे हुए हैं. अनिल और पप्पू चौधरी के तीसरे भाई शंभु का आरोप है कि वह कोतवाली थाने में कई बार गया, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही है.
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भाई विदेश में बंधक, परिजनों को टहला रही पुलिस
पटना: मलयेशिया में निजी कंपनी द्वारा बिहार के छह लोगों को बंधक बनाये जाने के मामले को कोतवाली पुलिस गंभीरता से नहीं ले रही है. आरा के रहनेवाले दो सगे भाइयों अनिल और पप्पू चौधरी के घरवाले थाने का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी सुधि नहीं ली जा रही है, जबकि दोनों भाइयों को […]
पटना: मलयेशिया में निजी कंपनी द्वारा बिहार के छह लोगों को बंधक बनाये जाने के मामले को कोतवाली पुलिस गंभीरता से नहीं ले रही है. आरा के रहनेवाले दो सगे भाइयों अनिल और पप्पू चौधरी के घरवाले थाने का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी सुधि नहीं ली जा रही है, जबकि दोनों भाइयों को मलयेशिया भेजनेवाला एजेंट नंद कुमार डाक बंगला चौराहे का रहनेवाला है. मलयेशिया में बंधक बनाये जाने के बाद एजेंट भी फरार हो गया है. वहीं थानाध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि हमारे पास ऐसा मामला नहीं आया है. दरअसल अनिल और पप्पू चौधरी पटना में रह कर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे.
फ्रेंड्स ऑफ बिहारी संगठन करेगा मदद : इस संबंध में फ्रेंड्स ऑफ बिहारी संगठन के मीडिया प्रभारी अनूप चौधरी ने बताया कि उनकी संस्था मलयेशिया में फंसे बिहारियों व भारतीय को वापस वतन लाने का प्रयास कर रही है. गृह मंत्री समेत पुलिस से संपर्क किया जा रहा है.
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