पटना: केंद्र सरकार बिहार में गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के समानांतर एक नया फोर लेन पुल बनायेगी. इसके लिए फिलहाल सर्वेक्षण कराया जा रहा है. इस पर 5000 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इसके अलावा महात्मा गांधी सेतु की मरम्मत के लिए केंद्र सरकार 2800 करोड़ रुपये उपलब्ध करायेगी. इनमें से पांच सौ करोड़ तत्काल राज्य सरकार को मुहैया कराये गये हैं. मंगलवार को एक दिन के पटना दौरे पर आये केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी.
केंद्र की इस घोषणा पर अमल शुरू हुआ, तो महात्मा गांधी सेतु और कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल के अतिरिक्त एक और नया पुल आम लोगों के लिए उपलब्ध होगा. कच्ची दरगाह-बिदुपुर के बीच सिक्स लेन पुल का निर्माण राज्य सरकार कराने जा रही है. नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में पटना आये गडकरी ने राजकीय अतिथिशाला में संवाददाता सम्मेलन में गडकरी ने कहा कि आनेवाले दिनों में केंद्र बिहार में सड़कों की जाल बिछाने के लिए करीब 20 हजार करोड़ रुपये देगी.
वर्तमान में इसके इतर 30 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर काम चल रहा है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार में सड़कों की बेहतर स्थिति के लिए धन की कमी नहीं होने दी जायेगी. उन्होंने कहा कि गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के समानांतर पुल की डीपीआर बनाने की तैयारी चल रही है. जल्द ही इस पर निर्णय लिया जायेगा. इसके पहले सागर पोर्ट के तर्ज पर पानी के अंदर से एक टनेल के माध्यम से पुल बनाने के लिए जांच की गयी. पर, जांच में यहां यह उपयुक्त नहीं पाया गया. उन्होंने कहा कि पूर्व में कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल के लिए राज्य सरकार से बातचीत हुई, जिसमें मुख्यमंत्री ने उसे खुद बनाने का निर्णय किया.
पत्रकार सम्मेलन में पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विस में नेता विरोधी दल नंद किशोर यादव, राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन, प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय और उपाध्यक्ष व विधान पार्षद संजय मयूख मौजूद थे.
इसी साल जल परिवहन
गडकरी ने इसी साल से पटना से कोलकाता के बीच जल परिवहन शुरू करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि फिलहाल देश की पांच नदियों में ही जल परिवहन की अनुमति मिली है. लेकिन, बिहार की सभी 101 नदियों में जल परिवहन शुरू किया जायेगा. इसके लिए संसद में प्रस्ताव लाया गया है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि संसद के अगले सत्र में यह विधेयक पारित हो जायेगा. पत्रकारों के प्रश्नों के जवाब में उन्होंने कहा कि पटना से कोलकाता के बीच परिवहन के लिए पानी पर्याप्त है. उन्होंने कहा कि देश में जलमार्ग का एक नेटवर्क तैयार होगा. जगह-जगह वाटर पोर्ट बनेंगे. इसे सबसे सस्ता परिवहन बताते हुए उन्होंने कहा कि चीन में 47 प्रतिशत परिवहन पानी में होता है. वहीं, भारत में मात्र 0.3 प्रतिशत होता है. उन्होंने कहा कि जहां सड़क से परिवहन पर 1.5 प्रति किलोमीटर खर्च आता है, वहीं रेलवे से एक रुपये प्रति किमी और पानी में मात्र 30 पैसा प्रति किमी खर्च आता है. वाटर नेटवर्क बनने से कोयले का परिवहन जलमार्ग से ही किया जायेगा. इसके लिए ड्रेजिंग की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जबकि बनारस से इलाहाबाद और कानपुर के जिए ड्रेजिंग या अन्य तकनीक का सहयोग लेने पर विचार किया जा रहा है.
ड्राइवर ट्रेंनिंग संस्थान के लिए बिहार सरकार नहीं हुई तैयार
गडकरी ने कहा कि देश में 22 प्रतिशत ड्राइवरों की कमी है. मैंने सभी विधानसभा क्षेत्र में प्रशिक्षण केंद्र खोलने की योजना बनायी, पर बिहार सरकार इसके लिए तैयार ही नहीं हुई. उन्होंने कहा कि बड़ी बसों के ड्राइवर के लिए विदेश में प्रशिक्षण के लिए हमने लोगों को भेजा. देश में 30 प्रतिशत लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस बोगस है. इसके कारण पांच लाख दुर्घटनाएं होती हैं. तीन लाख लोगों के हाथ-पैर टूटते हैं. तीन लाख लोग दुर्घटना में मारे जाते हैं.
पांच लाख आबादीवाले शहरों में लगेंगे सीसीटीवी
उन्होंने कहा कि देश के पांच लाख की आबादीवाली शहरों में आधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे,जिससे यातायात कानून का उल्लंघन करनेवालों पर 24 घटे में कार्रवाई होगी. इसके लिए अमेरिका, जापान और कनाडा के तर्ज पर कानून बनाया जायेगा. इसके तहत इ-रिक्शा, इ-कोर्ट, इलेक्ट्रिक बसें और इथेनॉल से चलनेवाले वाहनों का उपयोग होगा. इसके कारण 90 प्रतिशत प्रदूषण कम होगा. वहीं आठ लाख करोड़ रुपये के कच्चे तेल का आयात कम होगा.
ड्राइवर ट्रेंनिंग संस्थान के लिए बिहार सरकार नहीं हुई तैयार
गडकरी ने कहा कि देश में 22 प्रतिशत ड्राइवरों की कमी है. मैंने सभी विधानसभा क्षेत्र में प्रशिक्षण केंद्र खोलने की योजना बनायी, पर बिहार सरकार इसके लिए तैयार ही नहीं हुई. उन्होंने कहा कि बड़ी बसों के ड्राइवर के लिए विदेश में प्रशिक्षण के लिए हमने लोगों को भेजा. देश में 30 प्रतिशत लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस बोगस है. इसके कारण पांच लाख दुर्घटनाएं होती हैं. तीन लाख लोगों के हाथ-पैर टूटते हैं. तीन लाख लोग दुर्घटना में मारे जाते हैं.
भूमि अधिग्रहण बिल पर बोले
विपक्ष लोगों को कर रहा गुमराह
बिहार में भूमि अधिग्रहण नहीं होने से कई निर्माण कार्य ठप.
भूमि उपलब्ध कराये राज्य सरकार.
किसी भी प्रोजेक्ट के लिए 80} जमीन अधिग्रहण नहीं होने पर कार्य की अनुमति नहीं
जमीन अधिग्रहण हुआ तो परिजन को नौकरी, चार गुना मुआवजा
ये भी घोषणाएं
पटना-बक्सर फोरलेन का पुराना टेंडर रद्द, मरम्मत के लिए 79 करोड़ मंजूर
मंत्री जुमलेबाज, करोड़ों छोड़िए 28 रुपये तक मंजूर नहीं किये : ललन
राज्य के पथ निर्माण मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने महात्मा गांधी सेतु की मरम्मत के लिए 2800 करोड़ रुपये मंजूर किये जाने संबंधी केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की घोषणा को जुमला करार दिया है. श्री सिंह ने कहा कि केंद्र की जुमलेबाजों की सरकार ने महात्मा गांधी सेतु के लिए 28रुपये भी मंजूर नहीं किये हैं, 2800 करोड़ रुपये तो दूर की बात है. केंद्र सरकार ने एक रुपया भी इस पुल की मरम्मत के लिए बिहार सरकार को नहीं दिया है. उन्होंने नितिन गडकरी की घोषणाओं पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि गडकरी ने महात्मा गांधी सेतु के लिए जायका की रिपोर्ट पर एक्शन प्लान का निर्णय अभी तक नहीं लिया है. ऐसे में जब उन्होंने रिपोर्ट का अध्ययन नहीं किया, तो किस आधार पर 2800 करोड़ रुपये मंजूर कर दिये और 500 करोड़ रुपये उपलब्ध भी करा दिये. छह माह पहले भी गडकरी ने महात्मा गांधी सेतु की मरम्मत केंद्र सरकार द्वारा कराये जाने की घोषणा की थी. आज तक उस पर अमल नहीं हुआ. उन्होंने नितिन गडकरी के प्रतिदिन 14 किलोमीटर नेशनल हाइवे (एनएच) बनाये जाने के दावे को भी जुमला करार दिया. कहा-बिहार में एक दिन में 14 इंच भी एनएच नहीं बनाया जा रहा है. यहां तक कि बिहार में जजर्र एनएच को लेकर केंद्र सरकार संवेदनशील भी नहीं है. ऐसे में लोकसभा चुनाव की तरह एक बार फिर भाजपा के नेता राज्य के लोगों को जुमला सुना कर बरगलाने की ताक में हैं. खुद उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ही भाजपा की चुनावी घोषणा को जुमला करार दिया था.
एक पुल, तीन राहें
केंद्र सरकार : गांधी सेतु के समानांतर फोर लेन पुल
जगह : निश्चित नहीं
लंबाई : 5.6 किलोमीटर
लागत : 5000 करोड़
स्थिति : अभी सर्वेक्षण जारी, इसके बाद डीपीआर बनेगी
बिहार सरकार : सिक्स लेन पुल
जगह : कच्ची दरगाह-बिदुपुर
लंबाई : 9.76 किलोमीटर
लागत : 5000 करोड़
स्थिति : विदेशी कंपनियों ने दिखायी रुचि, अगस्त में होगा फाइनल टेंडर
मरम्मत : महात्मा गांधी सेतु
स्थिति : 44 नंबर पाया को काट कर स्ट्रक्चर बदला जा रहा है.
केंद्र का दावा : 2800 करोड़ मंजूर, 500 करोड़ बिहार सरकार को दिये
बिहार सरकार का दावा : एक पैसा भी केंद्र ने नहीं दिया