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पटना-बक्सर फोर लेन रुका, अब सिर्फ मरम्मत

पटना: पटना-बक्सर फोर लेन के निर्माण की संभावना अभी दूर तक दिखायी नहीं दे रही है. फोर लेन के निर्माण के लिए निकाले गये टेंडर में किसी एजेंसी के भाग नहीं लेने से उसे पिछले महीने रद्द करना पड़ा. फिलहाल सरकार ने पटना-बक्सर एनएच को बेहतर चलने लायक बनाने के लिए उसका मेंटेनेंस कराने का […]

पटना: पटना-बक्सर फोर लेन के निर्माण की संभावना अभी दूर तक दिखायी नहीं दे रही है. फोर लेन के निर्माण के लिए निकाले गये टेंडर में किसी एजेंसी के भाग नहीं लेने से उसे पिछले महीने रद्द करना पड़ा. फिलहाल सरकार ने पटना-बक्सर एनएच को बेहतर चलने लायक बनाने के लिए उसका मेंटेनेंस कराने का निर्णय लिया है. पटना-बक्सर एनएच दो खंड में है. पटना से आरा तक एनएच 30 व आरा से बक्सर तक एनएच 84 का हिस्सा है. पटना से बक्सर के बीच 122 किलोमीटर इस सड़क के मेंटेनेंस के लिए एनएचएआइ ने टेंडर निकाला है. टेंडर भरने की प्रक्रिया 14 मई, 2015 तक है. उसके अगले दिन टेंडर में भाग लेनेवाली एजेंसी का चयन होगा.
नौ माह में मेंटेनेंस का काम होगा पूरा
टेंडर प्रक्रिया में चयनित एजेंसी को काम एलॉट होने के बाद नौ माह में सड़क का मेंटेनेंस काम पूरा करना है. मेंटेनेंस पर 71.39 करोड़ रुपये का संभावित खर्च है. जानकारी के अनुसार मई के अंत या जून के प्रथम सप्ताह में चयनित एजेंसी को प्रक्रिया पूरी करने के बाद काम शुरू करना है.

मेंटेनेंस के दौरान इस बात का ख्याल रखा जायेगा कि सड़क किनारे सघन बस्ती वाले इलाके में जहां सड़क पर पानी लगने की आशंका है, वहां नाले का निर्माण कर पानी निकासी की व्यवस्था होगी. इसके बाद सड़क का मेंटेनेंस काम होगा. जानकारी के अनुसार पटना से मनेर व आरा से आगे बक्सर की तरफ सड़क की स्थिति खराब है. सड़क की स्थिति को लेकर उसे मरम्मत कराने के लिए बिहार सरकार ने केंद्र को अवगत कराया था. हाल ही में पटना से मनेर के बीच क्षतिग्रस्त सड़क को दुरुस्त किया गया था. अब एनएचएआइ पटना-बक्सर तक सड़क को बेहतर बनाने के लिए उसके मेंटेनेंस कराने का निर्णय लिया है.

तीन वर्षो से अटका हुआ है मामला
पटना-बक्सर फोर लेन निर्माण का मामला विगत तीन साल से अटका है. वर्ष 2012 में फोर लेन निर्माण के लिए सड़क निर्माण करनेवाली एजेंसी को काम मिला था. एजेंसी ने पहले तो दिलचस्पी दिखायी, बाद में यह कह कर काम छोड़ दिया कि सड़क निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण नहीं हुआ, जबकि एनएचएआइ के क्षेत्रीय कार्यालय के सूत्रों के अनुसार काम में दिलचस्पी नहीं लेने के कारण एजेंसी को काम से हटाया गया था. बाद में फोर लेन के निर्माण के लिए दुबारा टेंडर निकला. लेकिन एलायनमेंट के पचड़े के कारण टेंडर को कैंसिल करना पड़ा. इसे सुलझाने के बाद पुन: पिछले माह टेंडर निकाला गया था. टेंडर में किसी एजेंसी के भाग नहीं लेने के कारण उसे रद्द करना पड़ा.

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