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नहीं बनी छापेमारी टीम, कैसे रुकेगी पशु क्रूरता

सात माह पूर्व डीएम की अध्यक्षता में हुई थी बैठक -बैठक के निर्णयों पर नहीं होती कार्रवाईसंवाददाता, गोपालगंजपशु क्रूरता पर रोक लगाये जाने को लेकर सरकार के द्वारा सख्त कानून बनाया गया है. इस कानून पर कार्रवाई किये जाने को लेकर डीएम की अध्यक्षता में समय-समय पर बैठक बुला कर आवश्यक निर्देश भी दिये जाते […]

सात माह पूर्व डीएम की अध्यक्षता में हुई थी बैठक -बैठक के निर्णयों पर नहीं होती कार्रवाईसंवाददाता, गोपालगंजपशु क्रूरता पर रोक लगाये जाने को लेकर सरकार के द्वारा सख्त कानून बनाया गया है. इस कानून पर कार्रवाई किये जाने को लेकर डीएम की अध्यक्षता में समय-समय पर बैठक बुला कर आवश्यक निर्देश भी दिये जाते हैं, लेकिन बैठक में लिये गये निर्णयों पर कार्रवाई नहीं होने से पशु क्रूरता पर रोक लगने के बजाय यह दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है. गत 10 अक्तूबर, 2014 को डीएम कृष्ण मोहन की अध्यक्षता में पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक हुई थी, जिसमें निर्णय लिया गया कि टीम बना कर दवा दुकानों और खटालों पर छापेमारी की जायेगी. जिस किसी दवा दुकान में दूध बढ़ानेवाली दवा की बिक्री होते या पशुपालक के द्वारा दुधारू पशुओं को इंजेक्शन देकर अधिक दूध निकालते पाये जायेंगे उन पर कार्रवाई की जायेगी. लेकिन, सात माह में भी न तो छापेमारी टीम बनी और न ही पशु क्रूरता पर लगाम कसने का अभियान ही चला. क्या कहते हैं पदाधिकारीअबतक छापेमारी टीम नहीं बनी है. बिना ड्रग इंस्पेक्टर एवं सुरक्षाकर्मियों के अकेले कैसे जाकर छापेमारी करूं और पशु क्रूरता पर नियंत्रण लाया जा सके. यह अकेले संभव नहीं है. डॉ दिनेश कुमार चौधरी, जिला पशुपालन पदाधिकारी

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