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शिक्षक लगा रहे नारे, मॉनीटर ले रहे क्लास
पटना : कहीं कैंपस के बाहर शिक्षकों का जमघट, तो कहीं नारेबाजी का माहौल. स्कूल में शिक्षक हैं भी तो शैक्षणिक कार्य से दूर. वहीं, विद्यालय में संचालित कक्षाओं की ओर नजर दौड़ाएं, तो क्लास रूम में बैठे बच्चे और उन बच्चों को पढ़ाते स्कूल के मॉनीटर. जी हां ये हाल है राजधानी के स्कूलों […]
पटना : कहीं कैंपस के बाहर शिक्षकों का जमघट, तो कहीं नारेबाजी का माहौल. स्कूल में शिक्षक हैं भी तो शैक्षणिक कार्य से दूर. वहीं, विद्यालय में संचालित कक्षाओं की ओर नजर दौड़ाएं, तो क्लास रूम में बैठे बच्चे और उन बच्चों को पढ़ाते स्कूल के मॉनीटर. जी हां ये हाल है राजधानी के स्कूलों का, जहां इन दिनों शिक्षक नहीं, बल्कि क्लास के मॉनीटर बच्चों को पढ़ा रहे हैं. शिक्षकों के इंतजार में अब बच्चों ने खुद ही कमान संभाल ली है. वे शिक्षकों की अनुपस्थिति में क्लास ले रहें हैं.
घंटी लगी, ड्यूटी शुरू
कक्षाओं की घंटी लगने के साथ ही मॉनीटर की ड्यूटी शुरू हो जाती है. क्लास के फस्र्ट, सेकेंड व थर्ड मॉनीटर शिक्षकों की कमान संभालते हैं. फस्र्ट मॉनीटर जहां बच्चों को रीडिंग करा रहे, तो सेकेंड मॉनीटर क्लास रूम में घूम-घूम कर मॉनीटरिंग. इतना ही नहीं, थर्ड मॉनीटर पढ़ाये गये चैप्टर से दिये गये होमवर्क की जांच कर रहे हैं.
खुद से कर रही पढ़ाई
बांकीपुर गल्र्स हाइस्कूल की दसवीं क्लास की मॉनीटर अलीशा बताती हैं कि पिछले 15 दिनों से स्कूल में मात्र हिंदी की पढ़ाई हो रही हैं. वहीं, कभी-कभी प्राचार्य मैम बायो की क्लास लेने आ जाती है. इससे एक मात्र हिंदी की पढ़ाई हो पा रही है. इसके अलावा पूरे पीरियड में कोई भी शिक्षक पढ़ाने नहीं आ रहे हैं. ऐसे में अब तक एक भी चैप्टर किसी भी विषय का पूरा नहीं हो सका है. इससे खुद से पढ़ाई करने के लिए पूरे क्लास को पढ़ा रहे हैं. थर्ड मॉनीटर सीमा बताती है, कि क्लास के बाहर जाना माना हैं, ऐसे में क्लास रूम में बच्चों को शांत कराने के लिए अब पढ़ाई का सहारा लेना पड़ रहा है.
कुल 30 : एक नियमित, बाकी नियोजित
स्कूलों में शिक्षकों की कमी पहले से बनी हुई है. नियमित शिक्षक या तो सेवानिवृत्त हो चुके हैं या फिर पदोन्नति मिल गयी है. ऐसे में नियोजित शिक्षकों के सहारे ज्यादातर स्कूलों में पढ़ाई हो रही है. नियोजित शिक्षकों के हड़ताल पर जाने से स्कूलों में पठन-पाठन पूरी तरह से बाधित है. वहीं, कई स्कूलों में मूल्यांकन कार्य सेंटर बनाये जाने से स्कूल दो घंटे ही चलाये जा रहे हैं. शास्त्रीगर गल्र्स हाइस्कूल में जहां पढ़नेवाली छात्रओं की संख्या 2000 है, तो वहां पढ़ानेवाले नियोजित शिक्षक 29 है, जबकि नियमित की संख्या एक हैं. इससे स्कूलों में पढ़ाई पूरी तरह से ठप है. वहीं, हाल पटना कॉलेजिएट, बीएन कॉलेजिएट, ब्याज हाइस्कूल शास्त्रीनगर, केबी सहाय उच्च विद्यालय, बांकीपुर गल्र्स हाइस्कूल में नियोजित शिक्षकों के हड़ताल का असर पठन-पाठन पर पड़ रहा है.
नियमित शिक्षकों की संख्या तो अब दो-चार में रह गयी है. हड़ताल की वजह से परेशानी हो रही है. एक साथ हजार दो हजार बच्चों को संभालने के लिए दो-चार शिक्षकों की नहीं, पर्याप्त शिक्षक की जरूरत है. ऐसे में बच्चों की उपस्थिति भी कम गयी है.
डॉ माधुरी द्विवेदी , प्राचार्य,
पटना कॉलेजिएट
लड़कियों का स्कूल हैं. शिक्षकों के हड़ताल पर जाने से मौजूद शिक्षकों के सहारे ही स्कूल का संचालन करना पड़ रहा है. छात्रएं क्लास रूम में बैठ कर पढ़ाई करें, इसकी जिम्मेदारी क्लास के मॉनीटर को दी गयी है. इससे वे अब शिक्षक के अनुपस्थिति में पढ़ा रहे हैं.
पुतुल चक्रवर्ती , प्राचार्य,
बांकीपुर गल्र्स हाइस्कूल
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