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आइफोन बरामदगी के दोनों आरोपितों को भेजा गया जेल

पटना: डॉक्टर कॉलोनी के कोयला व्यवसायी शशि अग्रवाल के घर हुई डकैती में लूटा गया आइफोन बरामद होने के बाद पुलिस ने दो लोगों को जेल भेजा है. पकड़े गये दोनों लोगों पर लूटे गये आइफोन को इस्तेमाल करने तथा उसे बेचने की प्लानिंग करने का आरोप है. पुलिस सूत्रों के अनुसार दोनों वैशाली जिले […]

पटना: डॉक्टर कॉलोनी के कोयला व्यवसायी शशि अग्रवाल के घर हुई डकैती में लूटा गया आइफोन बरामद होने के बाद पुलिस ने दो लोगों को जेल भेजा है. पकड़े गये दोनों लोगों पर लूटे गये आइफोन को इस्तेमाल करने तथा उसे बेचने की प्लानिंग करने का आरोप है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार दोनों वैशाली जिले के तिरसिया गांव के रहनेवाले हैं. पुलिस इस बरामदगी के बाद पूरे मामले का खुलासा करने में जुटी हुई है. गौरतलब है कि पत्रकार नगर थाने के डॉक्टर कॉलोनी मकान संख्या 0/67 के रहनेवाले कोयला व्यवसायी शशि अग्रवाल के ‘खुशबू विला’ आवास में 26 फरवरी को डकैती हुई थी. इस दौरान उनके घर भारी लूटपाट हुई थी. उसमें आइफोन भी लूटा गया था. यह फोन वैशाली जिले के तिरसिया गांव के रहनेवाले लखेंद्र कुमार के पास से बरामद किया गया. पुलिस के सामने उसने कहा है कि वह लूटपाट की घटना में शामिल नहीं था, बल्कि उसे वह मोबाइल सड़क पर मिला था और उसने उपयोग करना शुरू कर दिया था. वहीं पुलिस का कहना है कि यह जांच का विषय है कि उसके पास आइफोन कैसे पहुंचा. पुलिस ने विरंची नामक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है. वह लूट का मोबाइल खरीदने को तैयार हो था.
वैशाली में लगाये जा रहे डकैतों के सुराग
पत्रकार नगर पुलिस आइफोन बरामदगी के बाद डकैती में शामिल गैंग के लोगों को भी वैशाली में ही तलाश रही है. पुलिस को पूरा शक है कि वैशाली के ही डकैतों के गैंग ने इस घटना को अंजाम दिया है. गौरतलब है कि पत्रकार नगर के कोयला व्यवसायी शशि अग्रवाल के घर में आठ से दस की संख्या में पिस्तौल, चाकू व रॉड से लैस अपराधी प्रवेश कर गये थे. इस दौरान उनकी पत्नी और बच्चे को अपराधियों ने बंधक बना कर करीब 50 लाख के गहने, 75 हजार नकद, लैपटॉप व मोबाइल फोन लूट लिया था और वे सब फरार हो गये थे. इस दौरान अपराधियों ने उनके तीनों स्टाफ को भी हाथ-पैर बांध कर बंधक बना लिया था. वहीं व्यवसायी के बेटे को जान से मारने की धमकी देकर उनसे अलमारी की चाबी ले ली थी.
अब करेंगे रिटायर, वेतन विवरणी का पता नहीं
पटना. मसौढ़ी उपकारा में तैनात कक्षपाल अजरुन पासवान 31 मई, 2015 को रिटायर हो जायेंगे. बिहार के कुल 15 जेलों में अपनी सेवा दे चुके अजरुन को तब झटका लगा, जब वह पटना भविष्य निधि कार्यालय में वेतन से होनेवाली कटौती के विवरण को देखने गया. कंप्यूटर डेटा में उसका कटौती विवरण मौजूद नहीं था. तब से वह पदाधिकारियों का चक्कर काट रहा.
बिहार जेल मेंस एसोसिएशन के प्रांतीय प्रवक्ता अजरुन पासवान 12 मई, 1976 में नियुक्ति हुए थे. पहला पदस्थापन उनका भागलपुर केंद्रीय कारा सेंट्रल जेल भागलपुर में हुआ था. इसके बाद 1991 में उनका स्थानांतरण पटना में हुआ. उन्होंने गया, शेरघाटी, बाढ़, फुलवारीशरीफ, बांकीपुर जेल, आदर्श केंद्रीय कारा बेऊर, साहेबगंज, पाकुड़, राजमहल, सुपौल, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया, दानापुर सहित कुल 15 जेलों में अपनी सेवा दी है. इसकी शिकायत जब अजरुन ने मसौढ़ी उपकारा के अधीक्षक से की, तो उन्होंने सभी जेल अधीक्षकों को पत्र लिख कर कटौती विवरणी भेजने की सिफारिश की है, जहां अजरुन ने सेवा दी है.

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